हिंदी गद्य खंड अध्याय 2: कविता की परख के Handwritten नोट्स
Launch Your Course Log in Sign up
Menu
Classes
Competitive Exam
Class Notes
Graduate Courses
Job Preparation
IIT-JEE/NEET
vidyakul X
Menu

बिहार बोर्ड कक्षा 11वी - हिंदी गद्य खंड अध्याय 2: कविता की परख के Handwritten नोट्स

BSEB > Class 11 > Handwritten Notes > अध्याय 2: कविता की परख के Handwritten नोट्स

"कविता की परख" अध्याय के साथ कविता की विशेषता और भावनाओं के महत्व की दिशा में एक अन्वेषणात्मक यात्रा पर निकलें। जब आप अपनी बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी परीक्षा की तैयारी करें, तो गुप्त जी की कविता के भावनाओं की महत्वपूर्णता को समझें और व्यक्तिगत अनुभवों के साथ उनका अन्वेषण करें। यह अध्याय न केवल एक साहित्यिक अनुभव प्रस्तुत करता है, बल्कि कविता के सार और भावनाओं की महत्वपूर्णता को समझने के लिए प्रेरित करता है

Download this PDF

बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी साहित्य के अध्याय "कविता की परख" वास्तविकता की खोज में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अध्याय में श्रीरामशरण गुप्त कविता के माध्यम से यह संदेश प्रस्तुत करते हैं कि कविता की सच्चाई और अर्थ को समझने के लिए व्यक्ति को सामग्री के साथ ही भावनाओं की अनुभूति भी करनी चाहिए। परीक्षा के परिप्रेक्ष्य से यह अध्याय उत्तम मानकों की महत्वपूर्णता को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, साथ ही कविता के विशेषता और अर्थ के साथ जुड़े मुद्दे पर भी ध्यान देने का प्रेरणा प्रदान करता है।

अध्याय अवलोकन:

  • कविता की विशेषता: यह अध्याय "कविता की परख" के रूप में कविता की विशेषता को उजागर करता है। यह बताता है कि कविता में व्यक्ति की भावनाओं की अनुभूति के अलावा और भी गहराईयों में छिपे होते हैं और उन्हें समझने के लिए पाठ्यक्रम से बाहर देखने की आवश्यकता होती है।
  • भावनाओं का महत्व: इस अध्याय में गुप्त जी कविता की अनूठी पहचान को उजागर करते हैं कि कविता का सार और अर्थ सामग्री के पीछे छिपे भावनाओं में छिपा होता है।
  • परीक्षा में महत्व: "कविता की परख" अध्याय के परीक्षा में विशेषता और अर्थ के प्रति उत्कृष्टता के मुद्दे होते हैं। यह प्रस्तुत कहानियों की महत्वपूर्णता को समझने और व्यक्तिगत अनुभवों की अनुभूति को प्रस्तुत करता है।

बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न 1: गतिमान आवेश और चुंबकत्व क्या है?

उत्तर: गतिमान आवेश और चुंबकत्व निम्नलिखित है:

  1. गतिमान आवेश यानी धाराएं चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं: जब कोई आवेशित कण गति करता है, तो वह चुंबकीय क्षेत्र बनाता है। विद्युत धारा भी चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है।
  2. चुंबकीय क्षेत्र, गतिमान आवेशों पर बल लगाता है: जब कोई गतिमान आवेश बाहरी चुंबकीय क्षेत्र में आता है, तो उस पर बल कार्य करता है जिसे लॉरेंज बल कहते हैं।
  3. चुंबकीय बल का दिशा संबंध: यह बल हमेशा आवेश के विस्थापन और चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के लंबवत होता है।
  4. चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव: यह इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और विद्युत धारावाही तारों पर बल लगाता है, जिससे मोटर और जनरेटर जैसे उपकरण काम करते हैं।

प्रश्न 2:गतिमान आवेश क्या होता है?

उत्तर: गतिमान आवेश निम्नलिखित है:

  1. गतिमान आवेश विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं: जब कोई आवेशित कण गति करता है, तो वह अपने चारों ओर विद्युत क्षेत्र के साथ-साथ एक चुंबकीय क्षेत्र भी उत्पन्न करता है। वहीं, स्थिर आवेश केवल विद्युत क्षेत्र का निर्माण करता है और चुंबकीय क्षेत्र नहीं बनाता।
  2. विद्युत धारा का प्रवाह: गतिमान आवेशों के कारण ही विद्युत धारा का प्रवाह होता है। जब इलेक्ट्रॉन किसी माध्यम में चलते हैं, तो वे एक विद्युत धारा का निर्माण करते हैं। इस धारा के प्रवाह से कई विद्युत उपकरण और सर्किट काम करते हैं।
  3. गतिमान आवेशों की गति: यह जरूरी नहीं है कि सभी गतिमान आवेश प्रकाश की गति से चलते हों। इलेक्ट्रॉन, जो सामान्य रूप से विद्युत धारा का निर्माण करते हैं, उनकी गति प्रकाश की गति से काफी कम होती है। विद्युत क्षेत्र का प्रसार तात्कालिक होता है, जबकि इलेक्ट्रॉनों की गति अपेक्षाकृत धीमी होती है|

प्रश्न 3: एक गतिमान आवेश कौन सा क्षेत्र उत्पन्न करता है?

उत्तर: एक गतिमान आवेश विद्युत क्षेत्र और चुंबकीय क्षेत्र दोनों उत्पन्न करता है।

  • चुंबकीय क्षेत्र आवेश की गति के कारण उत्पन्न होता है, और यह उसकी दिशा और वेग पर निर्भर करता है।
  • विद्युत क्षेत्र आवेश की उपस्थिति के कारण उत्पन्न होता है, लेकिन जब आवेश गतिमान होता है, तो इसका प्रभाव बदल सकता है।

इन दोनों क्षेत्रों का मिलकर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्षेत्र बनता है, जिसे मैक्सवेल के समीकरणों द्वारा व्यक्त किया जाता है।

 

हिंदी के सभी अध्याय के महत्वपूर्ण प्रशन उत्तर के लिए अभी Download करें Vidyakul App - Free Download Click Here