बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी अर्थ शास्त्र - अध्याय 5: रोजगार एवं सेवाएँ के Handwritten नोट्स
रोजगार एवं सेवाएँ" अध्याय बिहार बोर्ड कक्षा 10 के अर्थशास्त्र का एक प्रमुख भाग है। यह अध्याय रोज़गार के विभिन्न स्वरूपों, सेवा क्षेत्र के महत्व, और रोजगार सृजन के लिए सरकार की नीतियों पर प्रकाश डालता है। इसमें बताया गया है कि रोजगार अर्थव्यवस्था को स्थिरता और समाज को विकास की ओर कैसे ले जाता है।
प्रमुख विषय:
रोजगार के प्रकार:
- स्व-रोजगार: व्यक्तियों द्वारा खुद का व्यवसाय चलाना।
- वेतनभोगी रोजगार: संगठित और असंगठित क्षेत्रों में काम।
सेवा क्षेत्र का महत्व:
- व्यापार, बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आईटी जैसे क्षेत्रों की भूमिका।
- सेवा क्षेत्र का जीडीपी में योगदान और रोज़गार निर्माण।
ग्रामीण और शहरी रोजगार:
- कृषि आधारित रोजगार और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार का महत्व।
- शहरी रोजगार: औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में अवसर।
सरकारी नीतियाँ और योजनाएँ:
- मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम)।
- कौशल विकास कार्यक्रम और स्वरोजगार योजनाएँ।
रोजगार में चुनौतियाँ:
- बेरोजगारी की समस्या।
- असमान अवसर और कौशल की कमी।
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याएँ।
परीक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- रोजगार के प्रकार और उनकी विशेषताएँ।
- सेवा क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक महत्व।
- सरकारी योजनाएँ और रोजगार में उनकी भूमिका।
- बेरोजगारी के कारण और समाधान।
निष्कर्ष:
यह अध्याय दिखाता है कि रोजगार केवल आर्थिक सुरक्षा का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज को विकास, समानता, और स्थिरता प्रदान करने का माध्यम भी है। सरकार और नागरिकों के प्रयास से रोजगार क्षेत्र को मजबूत बनाया जा सकता है।