बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी भूगोल - अध्याय 1(D): खनिज संसाधन के Handwritten नोट्स
खनिज संसाधन" अध्याय भारत में उपलब्ध खनिजों, उनके वितरण, और उनके महत्व पर केंद्रित है। यह अध्याय खनिजों के प्रकार, उनके उपयोग, और इनके सतत विकास की आवश्यकता को समझाता है। साथ ही, इसमें खनिज उत्खनन के पर्यावरणीय प्रभावों और इनके संरक्षण के उपायों पर भी चर्चा की गई है।
प्रमुख विषय:
खनिज संसाधनों का परिचय:
- खनिज: वे प्राकृतिक तत्व जो पृथ्वी की परतों से प्राप्त होते हैं।
- धात्विक खनिज: लौह अयस्क, बॉक्साइट।
- अधात्विक खनिज: चूना पत्थर, अभ्रक।
- ऊर्जा खनिज: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।
भारत में खनिजों का वितरण:
- लौह अयस्क: झारखंड, ओडिशा।
- बॉक्साइट: छत्तीसगढ़, तमिलनाडु।
- कोयला: झारखंड, पश्चिम बंगाल।
- पेट्रोलियम: असम, गुजरात।
खनिजों का उपयोग:
- उद्योगों में: इस्पात, सीमेंट, और ऊर्जा उत्पादन।
- घरेलू और निर्माण कार्यों में।
- निर्यात और विदेशी मुद्रा अर्जन।
खनिज संसाधनों पर संकट:
- अति दोहन और खनिज भंडारों में कमी।
- खनन से पर्यावरणीय क्षति: भूमि कटाव, जल प्रदूषण।
- खनिज संसाधनों के असमान वितरण से क्षेत्रीय असंतुलन।
संसाधनों का सतत विकास:
- खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग।
- पुनर्चक्रण और वैकल्पिक संसाधनों का उपयोग।
- पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के उपाय।
सरकार की पहल:
- खनिज संरक्षण अधिनियम।
- उत्खनन गतिविधियों के लिए सख्त नियम।
- सतत खनन और पर्यावरणीय संतुलन के लिए कदम।
परीक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- भारत में प्रमुख खनिज और उनका वितरण।
- खनिजों के उपयोग और संकट।
- खनन के पर्यावरणीय प्रभाव और संरक्षण के उपाय।
- खनिज संसाधनों का सतत उपयोग।
निष्कर्ष:
खनिज संसाधन हमारे देश के औद्योगिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनका संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग ही भारत के सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन को सुनिश्चित कर सकता है।