बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी भूगोल - अध्याय 1(E): शक्ति (ऊर्जा) संसाधन के Handwritten नोट्स
शक्ति (ऊर्जा) संसाधन" अध्याय भारत में उपलब्ध ऊर्जा संसाधनों, उनके प्रकार, और उनके उपयोग पर केंद्रित है। यह ऊर्जा संसाधनों के महत्व, उनके असमान वितरण, और सतत विकास के लिए उनके संरक्षण पर जोर देता है। ऊर्जा हमारे औद्योगिक, घरेलू, और कृषि कार्यों का आधार है।
प्रमुख विषय:
ऊर्जा संसाधनों के प्रकार:
- पारंपरिक ऊर्जा स्रोत:
- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।
- जल विद्युत।
- अपरंपरागत ऊर्जा स्रोत:
- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस।
- परमाणु ऊर्जा और भू-तापीय ऊर्जा।
- पारंपरिक ऊर्जा स्रोत:
भारत में ऊर्जा संसाधनों का वितरण:
- कोयला: झारखंड, ओडिशा।
- पेट्रोलियम: असम, गुजरात।
- जल विद्युत: हिमालयी नदियाँ।
- सौर और पवन ऊर्जा: राजस्थान, तमिलनाडु।
ऊर्जा संसाधनों का महत्व:
- औद्योगिक उत्पादन और आर्थिक विकास।
- परिवहन और संचार।
- घरेलू और कृषि कार्यों में उपयोग।
ऊर्जा संकट के कारण:
- पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का सीमित भंडार।
- अत्यधिक खपत और अक्षम उपयोग।
- ऊर्जा उत्पादन में प्रदूषण।
ऊर्जा संरक्षण और सतत उपयोग:
- ऊर्जा की बचत के उपाय: ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग।
- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा।
- ऊर्जा संरक्षण अधिनियम और सरकारी नीतियाँ।
सरकार की पहल:
- अक्षय ऊर्जा मिशन।
- ग्रामीण विद्युतीकरण योजना।
- ऊर्जा उत्पादन में वैकल्पिक स्रोतों का विकास।
परीक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- ऊर्जा संसाधनों के प्रकार और वितरण।
- पारंपरिक और अपरंपरागत ऊर्जा स्रोतों का महत्व।
- ऊर्जा संकट के कारण और समाधान।
- भारत में ऊर्जा संरक्षण के प्रयास।
निष्कर्ष:
यह अध्याय स्पष्ट करता है कि ऊर्जा संसाधन हमारे विकास और जीवन का मुख्य आधार हैं। इनका विवेकपूर्ण उपयोग और संरक्षण न केवल पर्यावरण संतुलन के लिए, बल्कि भारत के सतत विकास के लिए भी आवश्यक है।