बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी भूगोल - अध्याय 2: कृषि के Handwritten नोट्स
कृषि" अध्याय भारत की प्रमुख आर्थिक गतिविधि कृषि के महत्व, प्रकार, और चुनौतियों पर आधारित है। यह अध्याय खेती के विभिन्न रूपों, फसलों के वर्गीकरण, और कृषि में आधुनिक तकनीकों के योगदान पर केंद्रित है। इसमें कृषि के क्षेत्र में सुधार और किसानों के कल्याण के लिए सरकारी प्रयासों पर भी चर्चा की गई है।
प्रमुख विषय:
कृषि का महत्व:
- भारत की 60% आबादी कृषि पर निर्भर।
- खाद्यान्न उत्पादन, रोजगार, और आर्थिक विकास में भूमिका।
कृषि के प्रकार:
- प्रधान कृषि: चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा।
- नकदी फसलें: गन्ना, कपास, जूट, चाय, कॉफी।
- व्यावसायिक कृषि: फलों, सब्जियों, और फूलों की खेती।
- जैविक कृषि: रासायनिक खाद के बिना खेती।
भारत की प्रमुख फसलें और उनका वितरण:
- चावल: पश्चिम बंगाल, पंजाब।
- गेहूँ: उत्तर प्रदेश, हरियाणा।
- गन्ना: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र।
- कपास: गुजरात, महाराष्ट्र।
कृषि की समस्याएँ:
- छोटे जोत की खेती और सीमित संसाधन।
- मानसून पर निर्भरता और जल संकट।
- मिट्टी का कटाव और उपजाऊपन की कमी।
कृषि में सुधार:
- हरित क्रांति और सिंचाई परियोजनाएँ।
- जैविक खेती और फसल चक्र।
- आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग।
सरकार की पहल:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना।
- किसान क्रेडिट कार्ड।
- ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) और न्यूनतम समर्थन मूल्य।
परीक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- भारत में कृषि के प्रकार और प्रमुख फसलें।
- कृषि की समस्याएँ और समाधान।
- हरित क्रांति और कृषि सुधार।
- सरकारी योजनाएँ और उनका महत्व।
निष्कर्ष:
यह अध्याय भारत की कृषि व्यवस्था का एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। कृषि न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत भी है। आधुनिक तकनीकों और सतत विकास के माध्यम से कृषि क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाया जा सकता है।