बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी हिंदी- गद्य खण्ड- अध्याय 3: भारत से हम क्या सीखे की NCERT Book
भारत, एक ऐसा देश है जिसकी प्राचीनता, सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहरों ने दुनिया भर को प्रभावित किया है। यहाँ की जीवनशैली, दर्शन, राजनीति, और सामाजिक संरचना ने हमेशा विश्व समुदाय को नई दृष्टि और सिखाने के अवसर प्रदान किए हैं। भारत से हमें न केवल अपने अतीत के बारे में कुछ महत्वपूर्ण ज्ञान मिलता है, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए भी कई महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं। इस लेख में, हम भारत से सीखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
मुख्य बिंदु:
धार्मिक सहिष्णुता और विविधता में एकता:
- भारत में विभिन्न धर्म, जाति, भाषा और संस्कृति के लोग रहते हैं, लेकिन यहाँ की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इन सभी के बीच सहिष्णुता और सामूहिकता की भावना प्रबल रही है।
- भारत ने हमें यह सिखाया कि विविधता में एकता होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां के विभिन्न त्योहार, रीति-रिवाज और परंपराएँ हमसे यह सिखाती हैं कि हर व्यक्ति की आस्थाएँ अलग हो सकती हैं, लेकिन हमें सबका सम्मान करना चाहिए।
संविधान और लोकतंत्र की ताकत:
- भारत का संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नींव है। यह हमें यह सिखाता है कि एक मजबूत संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं के द्वारा समाज में समानता, स्वतंत्रता और न्याय की सुनिश्चितता की जा सकती है।
- भारत के संविधान ने सामाजिक न्याय, अल्पसंख्यकों के अधिकार, और प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए कई उपाय किए हैं।
सतत विकास और पर्यावरण के प्रति जागरूकता:
- भारत ने अपने प्राचीन काल से ही प्रकृति और पर्यावरण के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने की शिक्षा दी है। भारत के विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएँ पर्यावरण को महत्व देती हैं।
- महात्मा गांधी का सिद्धांत "प्राकृतिक संसाधनों का संयमित उपयोग" और "सतत विकास" हमें यह सिखाते हैं कि हमें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए।
आध्यात्मिकता और मानसिक शांति:
- भारत की योग, ध्यान और आयुर्वेद जैसी प्राचीन विदाओं ने दुनिया को मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाया है।
- भारत से हम यह सीख सकते हैं कि बाहरी सफलता से अधिक महत्वपूर्ण आंतरिक शांति और मानसिक संतुलन है। योग और ध्यान से हम मानसिक तनाव और शारीरिक अस्वस्थता से उबर सकते हैं।
सामाजिक न्याय और समानता:
- भारतीय समाज में कई वर्षों तक जातिवाद और भेदभाव का सामना करना पड़ा, लेकिन भारतीय समाज ने इन भेदभावों को समाप्त करने के लिए कई सुधार आंदोलनों को जन्म दिया।
- महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, और अन्य सामाजिक सुधारकों ने हमें यह सिखाया कि समाज में समानता और सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए निरंतर संघर्ष करना आवश्यक है।
स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भरता का महत्व:
- "स्वदेशी" का आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जो हमें अपने देश की अर्थव्यवस्था और संसाधनों का महत्व समझाता है।
- आज के समय में भी, आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादों का महत्व बढ़ रहा है, और यह हमें यह सिखाता है कि अपने देश के उत्पादों और संसाधनों का उपयोग करना हमारे राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक है।
संस्कृति और कला का सम्मान:
- भारत ने कला, साहित्य, संगीत, नृत्य और स्थापत्य के क्षेत्र में योगदान किया है। भारतीय संस्कृति ने हमेशा अपने साहित्यिक और कलात्मक धरोहरों को संरक्षित किया है और इनका प्रचार-प्रसार किया है।
- भारत से हम यह सीख सकते हैं कि संस्कृति और कला सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक समाज की पहचान और उसकी सोच को प्रकट करने का महत्वपूर्ण तरीका हैं।
निष्कर्ष:
भारत से हम जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को सीख सकते हैं, जैसे कि धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण, आत्मनिर्भरता, और मानसिक शांति। भारतीय संस्कृति और परंपराएँ हमें यह सिखाती हैं कि समाज में समानता, शांति और समृद्धि की स्थापना केवल सहिष्णुता, समझदारी और परस्पर सम्मान से ही संभव है। भारत का इतिहास और दर्शन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं और एक समृद्ध, शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण समाज की ओर कदम बढ़ाएं।