बिहार बोर्ड कक्षा 10 इतिहास - अध्याय 2: समाजवाद एवं साम्यवाद के Handwritten नोट्स
समाजवाद एवं साम्यवाद" अध्याय औद्योगिक क्रांति के दौरान सामाजिक और आर्थिक असमानताओं के जवाब में उभरी इन विचारधाराओं का अध्ययन करता है। इसमें समाजवाद और साम्यवाद के प्रमुख सिद्धांत, कार्ल मार्क्स की भूमिका, और 1917 की रूसी क्रांति सहित इन आंदोलनों के वैश्विक प्रभाव को समझाया गया है।
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1. समाजवाद का उदय
- परिभाषा: समाजवाद एक ऐसा विचारधारा है, जो समाज में आर्थिक समानता और संसाधनों के सामूहिक स्वामित्व की वकालत करती है।
- प्रमुख सिद्धांत:
- उत्पादन के साधनों का सामूहिक स्वामित्व।
- निजी संपत्ति का सीमित महत्व।
- समाज के सभी वर्गों के लिए समान अवसर।
2. समाजवादी आंदोलन
- समाजवाद का उदय औद्योगिक क्रांति के दौरान हुआ।
- समाज में पूंजीपतियों और श्रमिकों के बीच बढ़ती असमानता के विरोध में यह विचारधारा उभरी।
- प्रमुख आंदोलन:
- ट्रेड यूनियनों का गठन।
- श्रमिक अधिकारों की माँग।
3. साम्यवाद का परिचय
- परिभाषा: साम्यवाद समाजवाद का एक रूप है, जो एक वर्गविहीन समाज और निजी संपत्ति के पूर्ण उन्मूलन की बात करता है।
- मुख्य सिद्धांत:
- "सभी को उनकी आवश्यकता अनुसार" (From each according to his ability, to each according to his needs)।
- उत्पादन के सभी साधनों पर राज्य का स्वामित्व।
4. कार्ल मार्क्स और साम्यवाद
- कार्ल मार्क्स: साम्यवाद के संस्थापक विचारक।
- प्रमुख कृतियाँ:
- कम्युनिस्ट घोषणापत्र (The Communist Manifesto)।
- दास कैपिटल (Das Kapital)।
- सिद्धांत:
- इतिहास वर्ग संघर्षों का परिणाम है।
- श्रमिक वर्ग (प्रोलेटेरिएट) को पूंजीपति वर्ग (बुर्जुआ) से मुक्ति प्राप्त करनी होगी।
5. रूस में समाजवाद और साम्यवाद
- 1917 की रूसी क्रांति:
- व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में समाजवादी क्रांति।
- ज़ार शासन का अंत और सोवियत संघ की स्थापना।
- साम्यवाद ने रूस में औद्योगिक और कृषि सुधारों का मार्ग प्रशस्त किया।
6. समाजवाद और साम्यवाद के प्रभाव
- वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव।
- श्रमिकों और किसानों के अधिकारों को बढ़ावा।
- कुछ देशों में आर्थिक असमानता कम हुई, जबकि कुछ में दमनकारी शासन लागू हुआ।