बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी इतिहास- अध्याय 4: भारत में राष्ट्रवाद के Handwritten नोट्स
भारत में राष्ट्रवाद" बिहार बोर्ड कक्षा 10 के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह अध्याय भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के उदय और स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न चरणों का वर्णन करता है। इसमें भारतीय समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश शासन के प्रभाव और उसके खिलाफ संघर्ष के मुख्य पहलुओं को समझाया गया है।
प्रमुख विषय:
प्रथम विश्व युद्ध और राष्ट्रवाद का उदय:
प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारत में आर्थिक और सामाजिक बदलाव हुए। इन परिवर्तनों ने स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी।गांधीजी और असहयोग आंदोलन:
महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1920 का असहयोग आंदोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला बड़ा कदम था। यह आंदोलन अहिंसा और सत्याग्रह पर आधारित था।सविनय अवज्ञा आंदोलन:
1930 का दांडी मार्च और सविनय अवज्ञा आंदोलन ब्रिटिश सरकार के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ एक बड़ा प्रयास था।भारत छोड़ो आंदोलन:
1942 का भारत छोड़ो आंदोलन भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए एक निर्णायक संघर्ष था।संस्कृति, समाज और राष्ट्रवाद का संबंध:
राष्ट्रवाद के विकास में भारतीय साहित्य, कला, और संस्कृति ने अहम भूमिका निभाई।
परीक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- प्रथम विश्व युद्ध का प्रभाव।
- गांधीजी के आंदोलनों की विशेषताएं।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रमुख कारण और प्रभाव।
- भारत छोड़ो आंदोलन का महत्व।
निष्कर्ष:
यह अध्याय हमें यह समझने में मदद करता है कि किस प्रकार भारतीय समाज ने राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। इसने भारत को एक स्वतंत्र और आधुनिक राष्ट्र के रूप में विकसित होने का मार्ग प्रशस्त किया।