बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी गणित - वास्तविक संख्याएं की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी गणित - अध्याय 1: वास्तविक संख्याएं की NCERT Book

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'वास्तविक संख्याएँ' अध्याय गणित की बुनियादी अवधारणाओं में से एक है, जो संख्याओं की विभिन्न श्रेणियों और उनके गुणों को समझने में मदद करता है। यह अध्याय वास्तविक संख्याओं की परिभाषा, गुणनखंड, और प्रमेयों पर आधारित है, जैसे यूक्लिड विभाजन अल्गोरिदम और संख्याओं के गुणनखंड में अभाज्य गुणक।

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मुख्य बिंदु

वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers)

  • वास्तविक संख्याएँ वे संख्याएँ हैं जो संख्या रेखा पर स्थित होती हैं।
  • इनमें सभी परिमेय (Rational) और अपरिमेय (Irrational) संख्याएँ शामिल होती हैं।
    1. परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers): वे संख्याएँ जिन्हें भिन्न (p/q) के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0।
    2. अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers): वे संख्याएँ जिन्हें भिन्न के रूप में नहीं लिखा जा सकता, जैसे √2, π।

यूक्लिड विभाजन लेम्मा (Euclid’s Division Lemma)

  • यदि दो धनात्मक पूर्णांक a और b हैं, तो a = bq + r, जहाँ 0 ≤ r < b।
  • यह प्रमेय दो संख्याओं के बीच भागफल और शेषफल का संबंध बताती है।

महत्तम समापवर्तक (HCF) और लघुत्तम समापवर्त्य (LCM)

  • HCF: दो या अधिक संख्याओं का उच्चतम गुणक।
  • LCM: दो या अधिक संख्याओं का सबसे छोटा गुणज।
  • गुणन नियम: HCF × LCM = प्रथम संख्या × दूसरी संख्या।

अभाज्य संख्याएँ (Prime Numbers)

  • वे संख्याएँ जो केवल 1 और स्वयं से विभाजित होती हैं, जैसे 2, 3, 5, 7।
  • किसी भी संख्यात्मक प्रणाली में अभाज्य संख्याओं का महत्व होता है।

अपरिमेय संख्याओं के गुण

  • √2, √3 जैसी संख्याएँ अपरिमेय होती हैं।
  • यह दर्शाने के लिए गणितीय प्रमाण उपयोगी हैं।

दशमलव विस्तार

  • परिमेय संख्या: सीमित (Terminating) या आवर्ती दशमलव (Repeating Decimal) होती हैं।
  • अपरिमेय संख्या: अनंत और गैर-आवर्ती दशमलव (Non-terminating, Non-repeating Decimal) होती हैं।

प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्णांक और वास्तविक संख्याएँ

  • प्राकृतिक संख्याएँ: 1, 2, 3...
  • पूर्णांक: ..., -2, -1, 0, 1, 2...
  • वास्तविक संख्याएँ: इनमें प्राकृतिक, पूर्णांक, परिमेय और अपरिमेय सभी शामिल हैं।

निष्कर्ष

'वास्तविक संख्याएँ' अध्याय गणित की नींव को मजबूत करता है। यह हमें संख्याओं की विविधताओं और उनके उपयोगों को समझने में मदद करता है। यूक्लिड विभाजन लेम्मा और अभाज्यता प्रमेय जैसी अवधारणाएँ छात्रों की गणितीय समस्या हल करने की क्षमता को बढ़ाती हैं।