बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी गणित - अध्याय 2: बहुपद की NCERT Book
'बहुपद' अध्याय गणित में बीजगणित की एक महत्वपूर्ण शाखा है। यह बहुपदों की परिभाषा, उनके प्रकार, गुण और गणना के तरीके को समझने में मदद करता है। इस अध्याय में शून्यक, गुणनखंडीकरण और विभाजन एल्गोरिदम जैसी अवधारणाएँ भी शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
बहुपद की परिभाषा
- बहुपद एक ऐसा बीजगणितीय व्यंजक है जिसमें चर (x) और उनके घातांक (जो गैर-ऋणात्मक पूर्णांक होते हैं) होते हैं।
- सामान्य रूप: , जहाँ वास्तविक संख्याएँ हैं।
बहुपद के प्रकार
- शून्य बहुपद (Zero Polynomial): जिसमें सभी गुणांक शून्य होते हैं।
- अवश्य घातांक (Degree): बहुपद में चर का उच्चतम घातांक।
- रेखीय बहुपद (Linear Polynomial): घातांक 1, जैसे ।
- वर्गीय बहुपद (Quadratic Polynomial): घातांक 2, जैसे ।
- घनात्मक बहुपद (Cubic Polynomial): घातांक 3, जैसे ।
शून्यक (Zeros of Polynomial)
- वह मान जिसके लिए हो।
- एक n-घातीय बहुपद के अधिकतम n शून्यक हो सकते हैं।
गुणनखंडीकरण (Factorization)
- बहुपद को सरलतम गुणकों में विभाजित करना।
- उदाहरण: ।
विभाजन एल्गोरिदम (Division Algorithm)
- यदि और बहुपद हैं, तो , जहाँ का घातांक से छोटा होता है।
रेखांकन
- बहुपदों के ग्राफ बनाने से उनके व्यवहार, जैसे शून्यक और उनके गुण, को समझा जा सकता है।
निष्कर्ष
'बहुपद' अध्याय बीजगणित में जटिल समस्याओं को हल करने का आधार प्रदान करता है। यह न केवल शून्यकों और गुणनखंड की समझ विकसित करता है, बल्कि विभाजन और गुणन जैसे गणितीय कार्यों में दक्षता भी बढ़ाता है।