बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी गणित - अध्याय 3: दो चर वाले रैखिक समीकरण युग्म की NCERT Book
'दो चर वाले रैखिक समीकरण युग्म' अध्याय बीजगणित की एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो दो रेखीय समीकरणों को हल करने और उनका उपयोग विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए करता है। इस अध्याय में समीकरणों को हल करने के विभिन्न तरीके, उनके ग्राफ, और उनके व्यवहार को समझाया गया है।
मुख्य बिंदु
दो चर वाले रैखिक समीकरण
- एक समीकरण जिसमें दो चर होते हैं और प्रत्येक का घातांक 1 होता है।
- सामान्य रूप: , जहाँ वास्तविक संख्याएँ हैं, और या ।
दो रैखिक समीकरणों का युग्म
- समीकरणों का समूह जो एक साथ हल किया जाता है।
- उदाहरण:
हल का अर्थ
- उन मानों (, ) का युग्म जो दोनों समीकरणों को संतुष्ट करता है।
- यह वह बिंदु है जहाँ दोनों रेखाएँ ग्राफ पर मिलती हैं।
समीकरणों को हल करने के तरीके
- ग्राफिक विधि (Graphical Method):
- समीकरणों को रेखाओं के रूप में खींचा जाता है।
- जहाँ ये रेखाएँ मिलती हैं, वह उनका हल होता है।
- विकल्प विधि (Substitution Method):
- एक समीकरण से या का मान निकालकर दूसरे समीकरण में रखा जाता है।
- उपलक्ष्य विधि (Elimination Method):
- समीकरणों को इस तरह से जोड़ा या घटाया जाता है कि एक चर समाप्त हो जाए।
- निर्धारण विधि (Cross-Multiplication Method):
- समीकरणों को हल करने के लिए गुणन का उपयोग किया जाता है।
हल के प्रकार
- अद्वितीय हल (Unique Solution): रेखाएँ एक बिंदु पर मिलती हैं।
- अनंत हल (Infinite Solutions): रेखाएँ एक ही होती हैं।
- कोई हल नहीं (No Solution): रेखाएँ समानांतर होती हैं।
व्यवहारिक उपयोग
- गति, दूरी, समय, उम्र, और धन की समस्याओं को हल करने में।
- रैखिक मॉडल और पूर्वानुमान लगाने के लिए।
निष्कर्ष
'दो चर वाले रैखिक समीकरण युग्म' अध्याय गणित की व्यावहारिक समझ को बढ़ाता है। यह छात्रों को समीकरणों को हल करने के विभिन्न तरीकों में निपुण बनाता है और वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करता है।