बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी गणित - अध्याय 4: द्विघात समीकरण की NCERT Book
'द्विघात समीकरण' अध्याय बीजगणित का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें द्विघात समीकरणों की परिभाषा, उनके हल, और वास्तविक जीवन में उनके अनुप्रयोगों को समझाया गया है। यह अध्याय छात्रों को समीकरणों को हल करने के विभिन्न तरीकों और उनकी जड़ों के महत्व से परिचित कराता है।
मुख्य बिंदु
द्विघात समीकरण क्या है?
- द्विघात समीकरण एक बहुपद समीकरण है, जिसका उच्चतम घातांक 2 होता है।
- सामान्य रूप: , जहाँ , और वास्तविक संख्याएँ हैं।
द्विघात समीकरण के घटक
- : गुणांक (Coefficient) जो के साथ जुड़ा है।
- : गुणांक जो के साथ जुड़ा है।
- : स्थिर पद (Constant term)।
द्विघात समीकरण को हल करने के तरीके
- गुणनखंड विधि (Factorization Method):
- समीकरण को दो गुणकों के रूप में विभाजित कर हल किया जाता है।
- उदाहरण: ।
- पूर्ण वर्ग विधि (Completing the Square):
- समीकरण को पूर्ण वर्ग में बदलकर हल किया जाता है।
- सूत्र विधि (Quadratic Formula):
- जड़ों को निकालने के लिए सूत्र का उपयोग:
- जड़ों को निकालने के लिए सूत्र का उपयोग:
- ग्राफिक विधि (Graphical Method):
- समीकरण के ग्राफ को खींचकर जड़ों को ग्राफ से निर्धारित किया जाता है।
भेदांक (Discriminant)
- भेदांक समीकरण की जड़ों के प्रकार को दर्शाता है:
- : दो वास्तविक और भिन्न जड़ें।
- : दो वास्तविक और समान जड़ें।
- : कोई वास्तविक जड़ नहीं (काल्पनिक जड़ें)।
द्विघात समीकरण के अनुप्रयोग
- भौतिकी, अर्थशास्त्र, और रोजमर्रा की समस्याओं में।
- उदाहरण: गति, क्षेत्र, और अनिश्चितताओं की समस्याएँ।
निष्कर्ष
'द्विघात समीकरण' अध्याय समीकरणों को हल करने के विभिन्न तरीकों और उनके उपयोग की व्यावहारिकता को दर्शाता है। यह छात्रों को गणितीय तर्क और समस्याओं को सटीक हल करने की दक्षता प्रदान करता है।