बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी गणित - अध्याय 5: समांतर श्रेढ़ियाँ की NCERT Book
'समांतर श्रेणियाँ' अध्याय गणित की एक प्रमुख अवधारणा है, जो नियमित अंतराल से बढ़ने या घटने वाले क्रम को समझाने पर आधारित है। इसे अंकगणितीय श्रेणी (Arithmetic Progression) भी कहा जाता है। यह अध्याय विभिन्न प्रकार की समस्याओं को हल करने के लिए सूत्रों और गुणों का अध्ययन कराता है।
मुख्य बिंदु
समांतर श्रेणी (Arithmetic Progression - AP)
- ऐसी संख्या श्रृंखला जिसमें प्रत्येक क्रमागत संख्या का अंतर समान होता है।
- उदाहरण:
सामान्य पद (General Term)
- -वें पद का मान निकालने का सूत्र:
जहाँ,
: प्रथम पद
: अंतर (Common Difference)
: पद संख्या
समीकरण
- श्रेणी का प्रत्येक पद:
- यदि और , तो श्रेणी होगी:
n पदों का योग (Sum of First n Terms)
- योग का सूत्र:
या
, जहाँ अंतिम पद है।
गुणधर्म
- प्रत्येक पद का अंतर समान होता है।
- यदि प्रत्येक पद में समान संख्या जोड़ी या घटाई जाए, तो नई श्रेणी भी समांतर श्रेणी होगी।
- श्रेणी के पदों का औसत:
व्यवहारिक उपयोग
- जीवन में नियमित वृद्धि, जैसे बचत, ऋण चुकौती।
- भौतिकी, सांख्यिकी, और वित्तीय गणनाओं में।
- दूरी, समय, और कार्य से संबंधित समस्याओं को हल करने में।
निष्कर्ष
'समांतर श्रेणियाँ' अध्याय गणित की एक सरल लेकिन शक्तिशाली अवधारणा है। यह छात्रों को अनुक्रमित डेटा का विश्लेषण और समस्याओं को हल करने में मदद करता है। इसके उपयोग से दैनिक जीवन और विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में समस्याएँ हल करना आसान होता है।