बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी विज्ञान - अध्याय 1: रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण की NCERT Book
रासायनिक अभिक्रियाएँ पदार्थों के बीच होने वाले परिवर्तन हैं, जिनके परिणामस्वरूप नए पदार्थ बनते हैं। यह हमारे दैनिक जीवन में कई तरीकों से दिखाई देती हैं, जैसे भोजन पकाना, कागज जलाना, या लोहे पर जंग लगना। इस अध्याय में, हम रासायनिक अभिक्रियाओं, उनके लक्षण, प्रकार, और उन्हें संतुलित करने की विधियों को समझेंगे।
मुख्य बिंदु:
1. रासायनिक अभिक्रिया की परिभाषा
रासायनिक अभिक्रिया वह प्रक्रिया है जिसमें एक या अधिक अभिकारक (Reactants) परस्पर क्रिया कर नए उत्पाद (Products) का निर्माण करते हैं।
2. रासायनिक अभिक्रिया के लक्षण
- गैस का उत्सर्जन
- तापमान में परिवर्तन (गर्मी का निकलना या अवशोषित होना)
- रंग में परिवर्तन
- अवक्षेपण का बनना (एक ठोस पदार्थ का द्रव से अलग होना)
3. रासायनिक समीकरण
रासायनिक अभिक्रियाओं को प्रतीकों और सूत्रों के माध्यम से प्रस्तुत करने का तरीका रासायनिक समीकरण कहलाता है।
उदाहरण:
यहाँ, और अभिकारक हैं और उत्पाद है।
4. संतुलित रासायनिक समीकरण
रासायनिक समीकरणों को संतुलित करना महत्वपूर्ण है ताकि पदार्थ के संरक्षण के नियम का पालन हो।
- असंतुलित समीकरण:
- संतुलित समीकरण:
5. रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार
- संयोजन अभिक्रिया (दो या अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं)।
उदाहरण: - विघटन अभिक्रिया (एक पदार्थ टूटकर दो या अधिक पदार्थ बनाता है)।
उदाहरण: - विस्थापन अभिक्रिया (एक तत्व दूसरे तत्व को विस्थापित करता है)।
उदाहरण: - द्वि-विस्थापन अभिक्रिया (दो पदार्थ आपस में अणु विनिमय करते हैं)।
उदाहरण: - ऑक्सीकरण और अपचयन (इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है)।
6. उष्माक्षेपी और उष्माशोषी अभिक्रियाएँ
- उष्माक्षेपी: वे अभिक्रियाएँ जो गर्मी का उत्सर्जन करती हैं।
उदाहरण: - उष्माशोषी: वे अभिक्रियाएँ जो गर्मी का अवशोषण करती हैं।
उदाहरण:
निष्कर्ष:
रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण विज्ञान का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो हमें पदार्थों की संरचना, उनके आपसी व्यवहार और उनसे जुड़े परिवर्तनों को समझने में मदद करता है। यह अध्याय हमें यह सिखाता है कि रासायनिक परिवर्तन न केवल विज्ञान के लिए बल्कि हमारे दैनिक जीवन के लिए भी कितने आवश्यक हैं।
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