बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी विज्ञान - अध्याय 5:तत्वों का आवधिक वर्गीकरण की NCERT Book
तत्वों का आवधिक वर्गीकरण रसायन विज्ञान का एक महत्वपूर्ण और मूलभूत सिद्धांत है, जिसे डिमिट्री मेंडेलीव ने 1869 में प्रस्तुत किया था। इस सिद्धांत के अनुसार, तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। यह वर्गीकरण तत्वों की समान विशेषताओं को समझने में मदद करता है और तत्वों के गुणधर्मों का अध्ययन सरल बनाता है। इस अध्याय में हम आवधिक तालिका, उसके गुण, और तत्वों के समूहों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
मुख्य बिंदु:
1. आवधिक तालिका (Periodic Table)
- आवधिक तालिका एक तालिका है जिसमें सभी ज्ञात तत्वों को एक विशिष्ट क्रम में व्यवस्थित किया गया है।
- तत्वों को उनके परमाणु संख्या (atomic number) के आधार पर रखा जाता है, जो उनके गुणधर्मों के आवधिक अंतराल को दर्शाता है।
- डिमिट्री मेंडेलीव के द्वारा बनाई गई पहली आवधिक तालिका में तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आधार पर रखा गया था, जबकि अब इसे परमाणु संख्या के आधार पर व्यवस्थित किया जाता है।
2. आवधिकता का नियम
- यह नियम कहता है कि तत्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या के अनुसार आवधिक रूप से बदलते हैं। यानी, समान गुण वाले तत्वों का समूह एक निश्चित अंतराल पर दिखाई देता है।
3. आवधिक तालिका के समूह (Groups) और अवधियाँ (Periods)
- समूह (Groups): आवधिक तालिका में कुल 18 समूह होते हैं। प्रत्येक समूह में समान रासायनिक गुण वाले तत्व होते हैं।
- समूह 1: एल्यलीन धातु (Alkali metals)
- समूह 2: क्षारीय पृथ्वी धातु (Alkaline Earth metals)
- समूह 17: हैलोजन (Halogens)
- समूह 18: Noble gases (आदर्श गैसें)
- अवधियाँ (Periods): आवधिक तालिका में 7 अवधियाँ होती हैं। प्रत्येक अवधि में तत्वों का परमाणु संख्या बढ़ता जाता है। एक अवधि में तत्वों के गुणधर्म में बदलाव आता है।
4. तत्वों के वर्गीकरण के आधार पर विशेषताएँ
- धातु (Metals): ये तत्व अच्छे चालक होते हैं, इनमें चमक होती है, और ये सामान्यतः ठोस होते हैं (पारा एकमात्र तरल धातु है)।
- अधातु (Non-Metals): ये तत्व खराब चालक होते हैं, इनमें चमक नहीं होती, और इनकी भौतिक स्थितियाँ भिन्न हो सकती हैं।
- अर्धधातु (Metalloids): ये तत्व धातु और अधातु के गुणों का संयोजन होते हैं।
5. तत्वों के वर्गीकरण का महत्व
- आवधिक तालिका का उद्देश्य तत्वों की विशेषताओं को समझना और उनका समूहबद्ध अध्ययन करना है।
- यह तालिका रासायनिक अभिक्रियाओं में तत्वों के व्यवहार को समझने में मदद करती है।
- यह रसायन विज्ञान में अनुसंधान और नई खोजों के लिए आधार प्रदान करती है।
6. आवधिक तालिका के विकास
- पहले मेंडेलीव की तालिका थी, जिसमें उन्होंने तत्वों को उनके द्रव्यमान के आधार पर व्यवस्थित किया था। बाद में मॉसली ने परमाणु संख्या के आधार पर तालिका को फिर से व्यवस्थित किया।
निष्कर्ष:
आवधिक वर्गीकरण तत्वों के गुणधर्मों को समझने का एक प्रभावी तरीका है। यह हमें यह जानने में मदद करता है कि तत्वों के रासायनिक और भौतिक गुण कैसे बदलते हैं, जब हम उनकी स्थिति आवधिक तालिका में बदलते हैं। इस अध्याय के माध्यम से हम यह समझ सकते हैं कि तत्वों का वर्गीकरण रसायन विज्ञान में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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