बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी विज्ञान - जैव प्रकम की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी विज्ञान - अध्याय 6: जैव प्रकम की NCERT Book

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जैव प्रक्रियाएँ उन सभी रासायनिक और शारीरिक क्रियाओं का समूह हैं, जो जीवों के शरीर में घटित होती हैं और जीवन के लिए आवश्यक होती हैं। ये प्रक्रियाएँ जीवों के अस्तित्व और विकास को बनाए रखने के लिए आवश्यक होती हैं। इस अध्याय में हम प्रमुख जैव प्रक्रियाओं, जैसे श्वसन, संश्लेषण, पाचन, उत्सर्जन, आदि के बारे में जानेंगे।

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मुख्य बिंदु:

1. श्वसन (Respiration)

  • श्वसन एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें शरीर में ऊर्जा प्राप्त करने के लिए भोजन के अणुओं (जैसे ग्लूकोज) का ऑक्सीजन की उपस्थिति में विघटन होता है।
  • श्वसन दो प्रकार का होता है:
    • एरोबिक श्वसन: इसमें ऑक्सीजन का उपयोग होता है और अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
    • एनीरोबिक श्वसन: इसमें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती, और ऊर्जा कम उत्पन्न होती है।
    • सामान्य समीकरण (एरोबिक श्वसन)
    ग्लूकोज+ऑक्सीजनकार्बन डाइऑक्साइड+पानी+ऊर्जा

2. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)

  • यह प्रक्रिया केवल पौधों में होती है, जिसमें वे सूर्य के प्रकाश, जल, और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके ग्लूकोज और ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं।
  • प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से ग्लूकोज और ऑक्सीजन बनते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड+पानी+सूर्य की ऊर्जाग्लूकोज+ऑक्सीजन
  • यह प्रक्रिया हरियाली में होती है और जीवन के लिए महत्वपूर्ण ऑक्सीजन प्रदान करती है।

3. पाचन (Digestion)

  • पाचन एक जैविक प्रक्रिया है, जिसमें शरीर भोजन को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ता है ताकि उसे रक्त द्वारा अवशोषित किया जा सके।
  • पाचन के दौरान, विभिन्न एंजाइम भोजन को तोड़ते हैं, जैसे कि अम्ल (हाइड्रोक्लोरिक एसिड) और एंजाइम्स (जैसे पेट में पेप्सिन) द्वारा।
  • पाचन मुख्य रूप से मुंह, पेट, और आंतों में होता है।

4. उत्सर्जन (Excretion)

  • उत्सर्जन वह प्रक्रिया है जिसमें शरीर हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है।
  • यह मुख्य रूप से गुर्दों, त्वचा और श्वसन प्रणाली द्वारा होता है।
  • गुर्दे रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को छानकर मूत्र के रूप में बाहर निकालते हैं।

5. कोशिका विभाजन (Cell Division)

  • कोशिका विभाजन एक जैविक प्रक्रिया है, जिसमें एक कोशिका दो नई कोशिकाओं में विभाजित हो जाती है।
  • यह प्रक्रिया जीवन के विकास और पुनरुत्थान के लिए आवश्यक है।
    • माइटोसिस: सामान्य कोशिका विभाजन, जिसमें दो समान कोशिकाएँ बनती हैं।
    • मीयोसिस: एक प्रकार का विभाजन जो केवल युग्मज (गैमेट्स) में होता है।

6. जैविक परिवर्धन (Biological Growth)

  • जैविक परिवर्धन वह प्रक्रिया है जिसमें जीवों का आकार, वजन और संख्या बढ़ती है।
  • यह केवल जीवित कोशिकाओं में होता है और इसके लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  • जैविक परिवर्धन का कारण कोशिकाओं का विभाजन और ऊतक निर्माण है।

7. समन्वय (Coordination)

  • समन्वय वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर विभिन्न अंगों और प्रणालियों के बीच संबंध बनाए रखता है।
  • यह तंत्रिका तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र द्वारा नियंत्रित होता है।
  • तंत्रिका तंत्र तात्कालिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है, जबकि अंतःस्रावी तंत्र हार्मोन के द्वारा दीर्घकालिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है।

निष्कर्ष:

जैव प्रक्रियाएँ जीवों के शरीर में होने वाली वह जैविक क्रियाएँ हैं, जो उनके अस्तित्व और विकास के लिए आवश्यक हैं। ये प्रक्रियाएँ शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों द्वारा नियंत्रित होती हैं। इन प्रक्रियाओं का अध्ययन जीवन के अन्य पहलुओं को समझने में सहायक होता है और यह जैविक विज्ञान के अध्ययन का अभिन्न हिस्सा हैं।


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