बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी विज्ञान - अध्याय 7: नियंत्रण एवं समन्वय की NCERT Book
नियंत्रण और समन्वय जीवों के शरीर में दो महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रियाएँ हैं जो जीवन के विभिन्न अंगों और प्रणालियों के बीच तालमेल बनाए रखने में मदद करती हैं। इन प्रक्रियाओं के माध्यम से शरीर अपनी विभिन्न क्रियाओं को सुचारु रूप से संचालित करता है। नियंत्रण और समन्वय तंत्रिका तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र द्वारा नियंत्रित होते हैं, जो शरीर में तात्कालिक और दीर्घकालिक प्रतिक्रियाओं को प्रबंधित करते हैं। इस अध्याय में हम इन दोनों प्रणालियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
मुख्य बिंदु:
1. तंत्रिका तंत्र (Nervous System)
- तंत्रिका तंत्र शरीर में जानकारी का संचार करने और तात्कालिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- यह मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) से मिलकर बना होता है।
- तंत्रिका तंत्र के प्रमुख घटक:
- मस्तिष्क: शरीर के सभी कार्यों का नियंत्रण करता है।
- रीढ़ की हड्डी: मस्तिष्क से शरीर के विभिन्न हिस्सों तक तंत्रिका संदेशों को संचारित करता है।
- तंत्रिकाएँ: ये शरीर के विभिन्न अंगों को मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जोड़ती हैं।
- तंत्रिका तंत्र के कार्य:
- शारीरिक प्रतिक्रिया (जैसे, हाथ को गर्म वस्तु से हटाना)।
- अंगों के बीच संवाद स्थापित करना।
- मस्तिष्क से संकेत प्राप्त करना और प्रतिक्रिया देना।
2. तंत्रिका कोशिकाएँ (Nerve Cells or Neurons)
- तंत्रिका कोशिकाएँ या न्यूरॉन्स तंत्रिका तंत्र के मूल कार्यात्मक इकाई होते हैं।
- न्यूरॉन्स के प्रमुख घटक:
- डेन्ड्राइट्स: ये छोटे तंतु होते हैं जो संदेशों को प्राप्त करते हैं।
- एक्सॉन: यह तंतु संदेशों को भेजने का कार्य करता है।
- न्यूरॉन्स का शरीर: यह कोशिका के केंद्र के रूप में कार्य करता है।
- न्यूरॉन्स के बीच संदेशों का आदान-प्रदान विद्युत और रासायनिक संकेतों के माध्यम से होता है।
3. अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System)
- अंतःस्रावी तंत्र हार्मोन नामक रासायनिक संदेशों का उत्पादन करता है जो शरीर की दीर्घकालिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
- यह तंत्र ग्रंथियों (ग्लैंड्स) द्वारा नियंत्रित होता है जो हार्मोन का स्राव करती हैं।
- प्रमुख अंतःस्रावी ग्रंथियाँ:
- पिट्यूटरी ग्रंथि: यह मस्तिष्क में स्थित है और शरीर के अन्य हार्मोन ग्रंथियों को नियंत्रित करती है।
- थायरॉइड ग्रंथि: यह शरीर के मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करती है।
- अधिवृक्क ग्रंथि: यह तनाव के समय में शरीर की प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करती है।
- गोनाड्स (अंडकोष और अंडाशय): यह प्रजनन हार्मोन का स्राव करते हैं।
4. नियंत्रण और समन्वय का महत्व
- नियंत्रण और समन्वय शरीर में विभिन्न अंगों और प्रणालियों के बीच तालमेल बनाए रखते हैं।
- तंत्रिका तंत्र तात्कालिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है, जबकि अंतःस्रावी तंत्र दीर्घकालिक शारीरिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है।
- इन दोनों प्रणालियों का समन्वय शरीर के कार्यों को सही समय पर और सही तरीके से संचालित करने में मदद करता है।
5. प्रतिक्रिया और संवेदनशीलता
- शरीर बाहरी परिवर्तनों (जैसे, गर्मी, ठंड, दर्द) के प्रति प्रतिक्रिया करता है, जिसे संवेदनशीलता कहते हैं।
- तंत्रिका तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र दोनों ही प्रतिक्रिया देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- उदाहरण: ठंडी में शरीर का कांपना तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होता है।
- तनाव के दौरान शरीर में एड्रेनलिन हार्मोन का स्राव करना अंतःस्रावी तंत्र द्वारा नियंत्रित होता है।
निष्कर्ष:
नियंत्रण और समन्वय शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। तंत्रिका तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र दोनों ही शरीर की क्रियाओं को सही दिशा में नियंत्रित करते हैं। ये दोनों प्रणालियाँ मिलकर शरीर के कार्यों को समन्वित करती हैं और जीवन के लिए आवश्यक प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न करती हैं।
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