बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी सामाजिक विज्ञान अर्थ शास्त्र- मुद्रा, बचत एवं साख की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी सामाजिक विज्ञान अर्थ शास्त्र- अध्याय 3: मुद्रा, बचत एवं साख की NCERT Book

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"मुद्रा, बचत एवं साख" एक महत्वपूर्ण आर्थिक विषय है जो किसी भी राष्ट्र की वित्तीय संरचना और आर्थिक गतिविधियों को समझने में मदद करता है। मुद्रा, बचत और साख (क्रेडिट) के बीच गहरा संबंध है, जो आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता के लिए आवश्यक होता है। मुद्रा के माध्यम से लेन-देन होता है, बचत से भविष्य के लिए धन संग्रहित किया जाता है, और साख से व्यक्तियों या व्यवसायों को आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता मिलती है।

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मुख्य बिंदु:

  1. मुद्रा (Currency):

    • मुद्रा वह कानूनी निविदा है जिसे किसी देश में लेन-देन और भुगतान के लिए मान्यता प्राप्त होती है।
    • मुद्रा का प्रमुख कार्य वस्तु और सेवाओं का आदान-प्रदान करना और मूल्य का मापदंड प्रदान करना है।
    • मुद्रा में विभिन्न रूप होते हैं जैसे सिक्के, नोट और डिजिटल मुद्रा (जैसे क्रिप्टोकरेंसी)।
  2. बचत (Saving):

    • बचत का अर्थ है, उपभोग से बचाए गए संसाधन, जो भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित रखे जाते हैं।
    • व्यक्तिगत बचत, बैंक जमा और अन्य वित्तीय संस्थाओं में बचत निवेश के रूप में हो सकती है।
    • बचत का उद्देश्य जोखिमों से बचना, भविष्य की योजनाओं के लिए पैसा जुटाना और आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करना है।
  3. साख (Credit):

    • साख वह वित्तीय सुविधा है, जिसके माध्यम से व्यक्तियों या व्यवसायों को धन उधार पर मिलता है।
    • बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएँ साख प्रदान करती हैं, जो उधारकर्ता को एक निश्चित समय सीमा में धन वापसी के लिए देती हैं।
    • साख का उपयोग व्यापार विस्तार, व्यक्तिगत खर्च या किसी अन्य आर्थिक गतिविधि के लिए किया जा सकता है।
  4. मुद्रा, बचत और साख का आपसी संबंध:

    • मुद्रा, बचत और साख एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं। मुद्रा के माध्यम से लेन-देन होता है, बचत से जमा की जाती है, और साख से आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ती हैं।
    • बचत को साख में बदला जा सकता है, जहां बैंक या वित्तीय संस्थाएँ उधार लेने वाले को बचत के आधार पर साख प्रदान करती हैं।
  5. मुद्रा, बचत और साख का आर्थिक विकास में योगदान:

    • यह तीनों घटक एक स्वस्थ और स्थिर अर्थव्यवस्था के निर्माण में सहायक होते हैं।
    • मुद्रा के समुचित उपयोग से लेन-देन में आसानी होती है, बचत से निवेश और धन संचयन को बढ़ावा मिलता है, और साख से विकासशील व्यवसायों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।

निष्कर्ष:
मुद्रा, बचत और साख आर्थिक जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं। इनका सही तरीके से प्रबंधन और आपसी संबंध आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए आवश्यक है। जब ये तीनों घटक एक साथ काम करते हैं, तो वे राष्ट्र की समृद्धि और वित्तीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सटीक मुद्रा नीति, उच्च बचत दर और साख की सुलभता से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलता है, जिससे समग्र आर्थिक विकास संभव होता है।