बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी सामाजिक विज्ञान अर्थ शास्त्र- उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी सामाजिक विज्ञान अर्थ शास्त्र- अध्याय 7: उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण की NCERT Book

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"उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण" एक महत्वपूर्ण विषय है, जो उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और उनके हितों की सुरक्षा से संबंधित है। जब तक उपभोक्ता अपने अधिकारों से अवगत नहीं होते, तब तक वे शोषण का शिकार हो सकते हैं। इस विषय का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी या शोषण से बच सकें। उपभोक्ता संरक्षण के अंतर्गत सरकार और विभिन्न संस्थाएँ उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती हैं और उन्हें न्याय दिलाने के उपाय प्रदान करती हैं।

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मुख्य बिंदु:

  1. उपभोक्ता जागरण:

    • उपभोक्ता जागरण का मतलब है उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और विभिन्न धोखाधड़ी की विधियों से अवगत कराना।
    • जागरूक उपभोक्ता आसानी से अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं और उनके साथ धोखाधड़ी नहीं हो सकती।
    • उपभोक्ता जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अभियान, कार्यक्रम, और मीडिया का उपयोग किया जाता है।
  2. उपभोक्ता अधिकार (Consumer Rights):

    • समान वस्तु और सेवा का अधिकार: उपभोक्ता को गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार होता है।
    • सुरक्षित रहने का अधिकार: उपभोक्ता को उन वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षा प्राप्त होती है, जो उनकी सुरक्षा के लिए खतरनाक नहीं होनी चाहिए।
    • सूचना का अधिकार: उपभोक्ता को उत्पाद या सेवा के बारे में पूरी जानकारी, जैसे उसकी कीमत, विशेषताएँ, उपयोग आदि प्राप्त करने का अधिकार होता है।
    • चुनाव का अधिकार: उपभोक्ता को विभिन्न विकल्पों में से चयन करने का अधिकार होता है।
    • प्रस्ताव का अधिकार: यदि उपभोक्ता को किसी उत्पाद से असंतुष्टि होती है तो उसे शिकायत करने और उत्पाद की वापसी या क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकार होता है।
  3. उपभोक्ता संरक्षण:

    • उपभोक्ता न्यायालय (Consumer Court): उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने के लिए उपभोक्ता फोरम या उपभोक्ता न्यायालय होते हैं। इन न्यायालयों में उपभोक्ता अपनी शिकायतों को दर्ज कर सकते हैं और समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
    • उपभोक्ता संरक्षण कानून (Consumer Protection Act): यह कानून उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा करता है और उन्हें न्याय दिलाने के उपाय प्रदान करता है।
    • सेल्फ-रेगुलेशन और मानक: सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएँ उत्पादों और सेवाओं के लिए मानक और गुणवत्ता नियंत्रित करती हैं ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्ता से भरपूर उत्पाद मिलें।
  4. उपभोक्ता शोषण (Consumer Exploitation):

    • उपभोक्ता शोषण में उत्पादों या सेवाओं की गुणवत्ता से संबंधित धोखाधड़ी, मूल्य वृद्धि, गलत जानकारी देना और अन्य अनियमितताएँ शामिल होती हैं।
    • उदाहरण के लिए, नकली सामान बेचना, अतिरिक्त शुल्क लगाना, विज्ञापनों में झूठी जानकारी देना आदि।
    • उपभोक्ता को शोषण से बचाने के लिए जागरूकता, शिक्षा और उपभोक्ता संरक्षण कानूनों का पालन आवश्यक है।
  5. उपभोक्ता जागरूकता के लिए उपाय:

    • शिक्षा और प्रशिक्षण: उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में शिक्षा देना।
    • सरकारी और गैर-सरकारी अभियान: उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं।
    • डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग: सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल माध्यमों के द्वारा उपभोक्ता जागरूकता फैलाना।
    • मीडिया और प्रचार: टेलीविजन, रेडियो और समाचार पत्रों के माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में सूचित करना।

निष्कर्ष:
उपभोक्ता जागरण और संरक्षण की प्रक्रिया उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराने, उनके शोषण से बचाने और उन्हें न्याय दिलाने में मदद करती है। यह सुनिश्चित करती है कि बाजार में उपभोक्ता अपने उत्पाद और सेवाओं के प्रति सशक्त और सुरक्षित महसूस करें। उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने से समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा मिलता है। उपभोक्ता जागरूकता और प्रभावी कानूनों के माध्यम से हम एक न्यायपूर्ण और सुरक्षित बाजार प्रणाली बना सकते हैं।