बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी सामाजिक विज्ञान -इतिहास- अध्याय 7: व्यापार और भूमंडलीकरण की NCERT Book
"व्यापार और भूमंडलीकरण" विषय आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्यापार के बढ़ते नेटवर्क और भूमंडलीकरण के प्रभावों को समझने पर केंद्रित है। भूमंडलीकरण का अर्थ देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी संबंधों का विस्तार है, जो न केवल व्यापार को बढ़ावा देता है, बल्कि विभिन्न देशों के बाजारों को एक-दूसरे से जोड़ता है। इस अध्याय में व्यापार के वैश्वीकरण, इसके लाभ और समस्याओं का विश्लेषण किया जाता है।
मुख्य बिंदु
भूमंडलीकरण का अर्थ
- भूमंडलीकरण वह प्रक्रिया है, जिसमें दुनिया के विभिन्न देश आपस में अधिक जुड़ते हैं, खासकर व्यापार, तकनीकी विकास, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से।
- इसका उद्देश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था को एकीकृत करना और विभिन्न देशों के बीच आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाना है।
व्यापार और भूमंडलीकरण के तत्व
- मूल्य श्रृंखला: वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएँ विकसित हुईं, जिससे देशों को संसाधन, उत्पादन और उपभोक्ता बाजार के रूप में एक दूसरे से जोड़ा गया।
- तकनीकी विकास: इंटरनेट, परिवहन, और संचार में तकनीकी सुधारों ने व्यापार को तेजी से बढ़ावा दिया।
- वित्तीय बहुकरण: अंतर्राष्ट्रीय निवेश, पूंजी प्रवाह और व्यापार समझौतों ने देशों के व्यापार को बढ़ावा दिया।
भूमंडलीकरण के लाभ
- व्यापारिक अवसर: देशों को नए बाजारों में प्रवेश करने का अवसर मिलता है, जिससे उनके उत्पाद और सेवाएँ वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होती हैं।
- आर्थिक विकास: विकासशील देशों में विदेशी निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: भूमंडलीकरण ने विभिन्न संस्कृतियों को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य किया है, जिससे वैश्विक एकता बढ़ी।
भूमंडलीकरण की समस्याएँ
- आर्थिक असमानता: विकासशील देशों में भूमंडलीकरण के लाभों का समान वितरण नहीं होता, जिससे आर्थिक असमानता बढ़ती है।
- स्थानीय उद्योगों पर प्रभाव: वैश्विक बाजार में बड़े निगमों की उपस्थिति से स्थानीय उद्योगों को नुकसान हो सकता है।
- पर्यावरणीय नुकसान: अधिक उत्पादन और उपभोग के कारण पर्यावरणीय संकट और संसाधनों का अत्यधिक उपयोग होता है।
भारत में भूमंडलीकरण का प्रभाव
- भारत में 1991 के बाद आर्थिक उदारीकरण और भूमंडलीकरण के कारण व्यापार और निवेश में वृद्धि हुई।
- भारतीय कंपनियाँ वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने लगीं और विदेशी कंपनियाँ भी भारत में निवेश करने लगीं।
भूमंडलीकरण और विकासशील देशों की स्थिति
- विकासशील देशों के लिए भूमंडलीकरण के फायदे और नुकसान दोनों हैं।
- यह देशों को आर्थिक अवसर देता है, लेकिन साथ ही सामाजिक और आर्थिक असमानताएँ भी उत्पन्न करता है।
निष्कर्ष
"व्यापार और भूमंडलीकरण" अध्याय वैश्विक व्यापार के विस्तार और इसके विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है। यह बताता है कि कैसे भूमंडलीकरण ने व्यापार, आर्थिक अवसरों, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है, लेकिन साथ ही इसके नकारात्मक प्रभाव जैसे असमानता, पर्यावरणीय संकट और स्थानीय उद्योगों पर प्रभाव भी उत्पन्न हुए हैं।