बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी राजनीति विज्ञान-सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 10 वी राजनीति विज्ञान- अध्याय 2: सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली की NCERT Book

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"सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली" विषय लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में सत्ता के बंटवारे और इसके संचालन के तरीके को स्पष्ट करता है। लोकतंत्र में सत्ता का बंटवारा केवल सिद्धांत तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए विभिन्न प्रक्रियाएँ और तंत्र होते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सत्ता का दुरुपयोग न हो और लोकतांत्रिक संस्थाओं के बीच संतुलन बना रहे, सत्ता के साझा करने की स्पष्ट कार्यप्रणाली होती है।

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मुख्य बिंदु

  1. सत्ता का बंटवारा और उसकी कार्यप्रणाली

    • लोकतंत्र में सत्ता का बंटवारा विभिन्न संस्थाओं के बीच किया जाता है, जैसे कि विधायिका, कार्यपालिका, और न्यायपालिका।
    • प्रत्येक संस्था की भूमिका और अधिकार संविधान के माध्यम से परिभाषित किए गए हैं, जिससे किसी भी संस्था के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं हो सकता।
  2. संघीय प्रणाली में सत्ता की साझेदारी

    • भारत में संघीय व्यवस्था में सत्ता केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित होती है।
    • संघीय व्यवस्था में केंद्र और राज्य के अधिकारों को स्पष्ट रूप से संविधान द्वारा निर्धारित किया गया है, और दोनों के बीच सत्ता का विभाजन संतुलित और सहकारी होता है।
  3. संसद और राज्य विधानसभाओं में बंटवारा

    • संसद के दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) और राज्य विधानसभाओं के पास विशिष्ट शक्तियाँ होती हैं।
    • इन शक्तियों का उपयोग कानून बनाने, नीति निर्धारण, और शासन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
  4. सत्ता में साझेदारी के तंत्र

    • न्यायपालिका का स्वतंत्र कार्य: न्यायपालिका को निष्पक्ष रूप से निर्णय लेने और संविधान की रक्षा करने की शक्ति दी गई है।
    • लोकतांत्रिक संस्थाओं का निरीक्षण: सरकार के कार्यों पर संसद और जनता का निगरानी तंत्र होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी सरकारी कार्य संविधान के दायरे में रहे।
  5. सामाजिक समूहों में सत्ता का वितरण

    • लोकतंत्र में विभिन्न सामाजिक समूहों जैसे कि महिलाएं, दलित, आदिवासी, और अल्पसंख्यक वर्गों को समान अधिकार मिलते हैं।
    • इन वर्गों को विशेष प्रतिनिधित्व और आरक्षण की व्यवस्था द्वारा सशक्त किया जाता है, ताकि सत्ता में उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित हो सके।
  6. सत्ता के उपयोग की सीमाएँ

    • किसी भी संस्था या व्यक्ति को अत्यधिक शक्ति नहीं दी जाती है, और संविधान के तहत उनके अधिकारों की सीमाएँ निर्धारित होती हैं।
    • इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि सत्ता का दुरुपयोग न हो और लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे।

निष्कर्ष

"सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली" अध्याय यह स्पष्ट करता है कि लोकतंत्र में सत्ता का बंटवारा केवल सिद्धांत नहीं है, बल्कि इसके संचालन के लिए एक व्यवस्थित तंत्र और कार्यप्रणाली की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया संविधान द्वारा निर्धारित शक्तियों और सीमाओं के माध्यम से लागू की जाती है, जिससे समाज में समानता, न्याय और लोकतंत्र का संरक्षण सुनिश्चित होता है।