पाठ का सारांश:
"श्वसन और गैसों का विनिमय" बिहार बोर्ड कक्षा 11 जीवविज्ञान पाठमाला का सत्रहवां अध्याय है, जिसमें हम जानेंगे कि मानव शरीर कैसे श्वसन के माध्यम से ऑक्सीजन लेता है और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालता है। इसके साथ ही, गैसों का विनिमय कैसे होता है और यह कैसे पूरे शरीर में होता है, इस प्रक्रिया की भी विस्तृत जानकारी दी जाती है।
पाठ की महत्वपूर्ण बिंदुएं:
- श्वसन प्रणाली: पाठमाला में हम श्वसन प्रणाली की अवश्यक जानकारी प्राप्त करेंगे, जैसे कि श्वसन मार्ग, श्वसन केंद्र, श्वसन क्रिया, और उससे जुड़े महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं।
- गैसों का विनिमय: छात्रों को गैसों के विनिमय की प्रक्रिया की भी जानकारी मिलेगी, जैसे कि ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का शरीर में विनिमय कैसे होता है।
पाठ का महत्व:
"श्वसन और गैसों का विनिमय" पाठ छात्रों को मानव शरीर की श्वसन प्रणाली और गैसों के विनिमय की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। छात्रों को यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे ऑक्सीजन आत्मा में प्रवेश करता है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलता है, जो परीक्षा में सहायक साबित हो सकता है।
सामान्य सवाल:
प्रश्न 1: श्वसन में गैसीय विनिमय कहाँ होता है?
उत्तर: श्वसन में गैसीय विनिमय फेफड़ों (lungs) में होता है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से फेफड़ों में उपस्थित वायवीय थैलीनुमा संरचनाओं जिसे एल्वियोली (alveoli) कहते हैं, में होती है। एल्वियोली की दीवारें बहुत पतली होती हैं और इनमें रक्त वाहिकाओं का जाल (केशिकाएं) होता है। गैस विनिमय के लिए, एल्वियोली को हवादार और छिड़काव किया जाना चाहिए. फेफड़ों में वेंटिलेशन और छिड़काव में सामूहिक परिवर्तन को वेंटिलेशन से छिड़काव के अनुपात (V/Q) का उपयोग करके मापा जाता है.
प्रश्न 2: वनस्पति जगत का अध्ययन करने वाला विज्ञान क्या कहलाता है?
उत्तर: गैसों का विनिमय, जीव के आंतरिक और बाहरी वातावरण के बीच गैसों का आदान-प्रदान करने की प्रक्रिया है. यह प्रक्रिया मुख्य रूप से विसरण के ज़रिए होती है. जहां गैसें उच्च दाब वाले क्षेत्र से निम्न दाब वाले क्षेत्र की ओर स्वतः प्रवाहित होती हैं। यहां गैसों के विनिमय की प्रक्रिया को समझाया गया है:
प्रश्न 3: श्वसन के दौरान कौन सी गैस निकलती है?
उत्तर: श्वसन के दौरान मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) गैस बाहर निकलती है। जब हम सांस लेते हैं, तो हम ऑक्सीजन (O₂) को अंदर लेते हैं और श्वसन की प्रक्रिया के दौरान, हमारे शरीर की कोशिकाएं ऑक्सीजन का उपयोग करके ऊर्जा का उत्पादन करती हैं और अपशिष्ट उत्पाद के रूप में कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होता है। कार्बन डाइऑक्साइड गैस हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होती है, इसलिए इसे गंदगी के तौर पर शरीर से बाहर निकाला जाता है.
प्रश्न 4: गैसीय विनिमय कैसे होता है?
उत्तर: गैसीय विनिमय (Gaseous Exchange) का तात्पर्य ऑक्सीजन (O₂) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) के आदान-प्रदान से है, जो श्वसन प्रक्रिया के दौरान फेफड़ों में होता है। यह मुख्य रूप से विसरण (diffusion) की प्रक्रिया द्वारा संपन्न होता है। गैसीय विनिमय की प्रक्रिया में, ऑक्सीजन फेफड़ों से रक्तप्रवाह में जाती है.शरीर की अपचयकारी गतिविधियों के कारण ऑक्सीजन का इस्तेमाल होता है और कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है.
प्रश्न 5: श्वसन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: श्वसन (Respiration) मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
- एरोबिक श्वसन (Aerobic Respiration):
- यह वह प्रक्रिया है जिसमें ऑक्सीजन की उपस्थिति में ऊर्जा का उत्पादन होता है।
- इसमें ग्लूकोज का अपघटन (breakdown) होता है और कार्बन डाइऑक्साइड, पानी, और ऊर्जा (ATP) का निर्माण होता है।
- एनेरोबिक श्वसन (Anaerobic Respiration):
- यह वह प्रक्रिया है जिसमें ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ऊर्जा का उत्पादन होता है।
- इसमें ग्लूकोज का आंशिक अपघटन होता है और यह कार्बन डाइऑक्साइड, एथेनॉल (अल्कोहल) या लैक्टिक एसिड का निर्माण कर सकता है, साथ ही थोड़ी मात्रा में ऊर्जा (ATP) उत्पन्न होती है।
प्रश्न 6: श्वसन के क्या कार्य हैं?
उत्तर: श्वसन (Respiration) के कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं, जो हमारे शरीर और जीवों की विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक हैं। यहाँ श्वसन के मुख्य कार्य दिए गए हैं:
- श्वसन का मुख्य कार्य भोजन से ऊर्जा का उत्पादन करना है। यह ऊर्जा एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के रूप में संग्रहीत होती है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक होती है, जैसे कि मांसपेशियों का संकुचन, पाचन, संचलन, और तंत्रिका तंत्र की गतिविधियां।
- ऑक्सीजन की आपूर्ति और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालना: श्वसन तंत्र का मुख्य काम शरीर को ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति करना और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालना है.
- श्वसन के दौरान ऊर्जा का एक भाग ऊष्मा के रूप में भी मुक्त होता है, जो शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है। यह प्रक्रिया शरीर को ठंडे वातावरण में भी उचित तापमान बनाए रखने में सहायक होती है।
- श्वसन तंत्र की मदद से हम सूंघ पाते हैं.