जीव विज्ञान अध्याय 18: शरीर द्रव तथा परिसंचरण के Handwritten नोट्स
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बिहार बोर्ड कक्षा 11वी जीव विज्ञान - अध्याय 18: शरीर द्रव तथा परिसंचरण के Handwritten नोट्स

BSEB > Class 11 > अध्याय 18 Hand Written Notes in Hindi

पाठ का सारांश:

"शरीर द्रव तथा परिसंचरण" बिहार बोर्ड कक्षा 11 जीवविज्ञान पाठमाला का अठारहवां अध्याय है, जिसमें हम शरीर में द्रवों के प्रमुख द्रव्यमान तथा परिसंचरण की प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त करेंगे। यह पाठ हमें शरीर के महत्वपूर्ण द्रवों की गठन, उनके कार्य और परिसंचरण की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

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पाठ की महत्वपूर्ण बिंदुएं:

  • शरीर द्रवों के प्रमुख द्रव्यमान: पाठमाला में हम शरीर के प्रमुख द्रव्यमान जैसे ब्लड, लिवर, श्वसन मार्ग, गुर्दा आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
  • परिसंचरण की प्रक्रिया: छात्रों को यह भी समझाया जाता है कि शरीर में द्रवों का सही प्रमाण और परिसंचरण कैसे होता है।

पाठ का महत्व:

"शरीर द्रव तथा परिसंचरण" पाठ छात्रों को उन विभिन्न द्रवों के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करता है जो शरीर में होते हैं और उनके सही प्रमाण और परिसंचरण की प्रक्रियाओं की भी समझ दिलाता है। यह पाठ परीक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि छात्रों को शरीर में विभिन्न द्रवों के प्रमुख गुण और कार्य की समझ होना आवश्यक होता है।

सामान्य सवाल:

प्रश्न 1: परिसंचरण का अर्थ क्या होता है?

उत्तर:परिसंचरण का अर्थ है हृदय से रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त का प्रवाह। यह तंत्र शरीर के अंगों, मांसपेशियों, और ऊतकों तक ऑक्सीजन, पोषक तत्व, और हार्मोन पहुँचाता है, और अपशिष्ट पदार्थों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालता है। परिसंचरण तंत्र हृदय और रक्त वाहिकाओं से मिलकर बनता है।

प्रश्न 2: मानव शरीर में शरीर द्रव क्या है?

उत्तर: शरीर के तरल पदार्थ या शारीरिक द्रव (Body fluids) शरीर के अंगों, मांसपेशियों, त्वचा और ऊतकों को नम बनाए रखते हैं और शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली में मदद करते हैं। ये तरल पदार्थ शरीर के विभिन्न कार्यों जैसे पोषक तत्वों का परिवहन, अपशिष्ट पदार्थों का निस्तारण, और शरीर के तापमान का नियंत्रण करते हैं।

  • कुछ प्रमुख शरीर के तरल पदार्थ:
  1. रक्त (Blood): ऑक्सीजन, पोषक तत्व और अपशिष्ट पदार्थों का परिवहन करता है।

  2. लसीका (Lymph): शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाता है और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है।

  3. मस्तिष्कमेरु द्रव (Cerebrospinal fluid): मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को संरक्षित और शॉक से बचाता है।

  4. श्लेष द्रव (Synovial fluid): जोड़ के अंदर पाया जाता है, जो जोड़ को चिकना और लचीला बनाए रखता है।

  5. सीरस द्रव (Serous fluid): अंगों के चारों ओर झिल्ली में पाया जाता है, जो अंगों की चिकनाई और संरक्षण करता है।

  6. बलगम (Mucus): श्वसन मार्ग में पाया जाता है, जो श्वसन तंत्र को नम और संरक्षित रखता है।

  7. मूत्र (Urine): शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त द्रव को बाहर निकालता है।

  8. आँसू (Tears): आँखों को नम रखने और बाहरी तत्वों से सुरक्षा करने में मदद करता है।

  9. पसीना (Sweat): शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए शरीर से बाहर निकलता है।

 

प्रश्न 3: हमारे शरीर में मुख्य परिसंचरण कौन सा है?

उत्तर:हमारे शरीर में दो मुख्य परिसंचरण मार्ग होते हैं:

  • फुफ्फुसीय परिसंचरण (Pulmonary Circulation): यह मार्ग हृदय से रक्त को फेफड़ों तक ले जाता है, जहाँ कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाला जाता है और रक्त को ऑक्सीजन प्राप्त होती है।
  • संवहनीय परिसंचरण (Systemic Circulation): यह मार्ग हृदय से रक्त को शरीर के अन्य अंगों और ऊतकों तक ले जाता है, जिससे कोशिकाओं तक ऑक्सीजन, पोषक तत्व, और हार्मोन पहुँचते हैं, और अपशिष्ट पदार्थ जैसे कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलते हैं।

 

प्रश्न 4: परिसंचरण तंत्र कितने प्रकार के होते हैं??

उत्तर:

  • परिसंचरण तंत्र के तीन प्रकार होते हैं:
  1. खुला परिसंचरण तंत्र: रक्त शरीर के अंगों में सीधे प्रवाहित होता है (जैसे कीड़े)।
  2. बंद परिसंचरण तंत्र: रक्त हमेशा रक्त वाहिकाओं में बहता है (मानवों और अधिकांश उच्च स्तरीय जीवों में)।
  3. कोई परिसंचरण तंत्र नहीं: कुछ सरल जीवों में परिसंचरण तंत्र नहीं होता (जैसे एककोशिकीय जीव)।
  • मानव शरीर में परिसंचरण तंत्र:
  1. संवहनीय परिसंचरण: बाएं हृदय से ऑक्सीजनयुक्त रक्त शरीर में भेजा जाता है।
  2. फुफ्फुसीय परिसंचरण: दाहिने हृदय से रक्त फेफड़ों तक जाता है, जहाँ ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है।
  • रक्त वाहिकाओं के प्रकार:
  1. धमनियां: हृदय से रक्त को शरीर के अंगों तक ले जाती हैं।
  2. शिराएं: रक्त को अंगों से हृदय तक लाती हैं।
  3. केशिकाएं: रक्त में पोषक तत्वों और अपशिष्टों का आदान-प्रदान करती हैं।

 

प्रश्न 5: परिसंचरण का अर्थ क्या है?

उत्तर: परिसंचरण का अर्थ है किसी चीज़ का एक स्थान से दूसरे स्थान या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक जाना या पहुँचाना। यह प्रक्रिया विभिन्न संदर्भों में उपयोग की जाती है

  • मानव शरीर में: हृदय और रक्त वाहिकाओं से मिलकर बना परिसंचरण तंत्र शरीर के अंगों, मांसपेशियों और ऊतकों तक ऑक्सीजन, पोषक तत्व और हार्मोन पहुँचाता है, साथ ही अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है।
  • पौधों में: पौधों में रस का प्रवाह होता है, जो पानी और पोषक तत्वों को जड़ों से पत्तियों तक पहुँचाता है।
  • वातावरण में: कमरे में या वातावरण में हवा का प्रवाह भी परिसंचरण कहलाता है, जो ताजगी और वायु के संतुलन को बनाए रखता है।

 

प्रश्न 6: शरीर में द्रव की मात्रा कितनी होती है?

उत्तर: मानव शरीर में द्रव (या शरीर में पानी) की मात्रा लगभग 60% होती है। हालांकि, यह मात्रा आयु, लिंग, और शरीर की संरचना के आधार पर बदल सकती है। सामान्यत:

  • पुरुषों में शरीर का लगभग 60% भाग द्रव से बना होता है।
  • महिलाओं में यह मात्रा थोड़ी कम, लगभग 55% होती है, क्योंकि महिलाओं के शरीर में आमतौर पर अधिक वसा होती है, और वसा में पानी की मात्रा कम होती है।
शरीर के द्रव में रक्त, लसीका, मस्तिष्कमेरु द्रव, पसीना, आँसू, मूत्र आदि शामिल हैं, जो पोषक तत्वों के परिवहन, शरीर का तापमान नियंत्रित करने, और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में मदद करते हैं।