बिहार बोर्ड कक्षा 11 रसायन विज्ञान अध्याय 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 11 रसायन विज्ञान अध्याय 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न:1 द्रव्यमान संरक्षण का नियम क्या है? एक प्रयोग द्वारा दर्शाइए कि रासायनिक परिवर्तन के लिए भी यह नियम सत्य है।

उत्तर: इस नियम के अनुसार, “किसी रासायनिक अथवा भौतिक परिवर्तन में, उत्पादों का कुल द्रव्यमान अभिकारकों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है। प्रयोग जब 100 ग्राम मरक्यूरिक ऑक्साइड को एक बन्द नली में लेकर गर्म किया जाता है तो 92.6 ग्राम मरक्यूरी और 7.4 ग्राम ऑक्सीजन प्राप्त होती है।

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प्रश्न:2 स्थिर अनुपात के नियम को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।

उत्तर: इस नियम के अनुसार, “एक रासायनिक यौगिक में एक ही प्रकार के तत्त्व भारानुसार एक निश्चित अनुपात में जुड़े रहते हैं।’ उदाहरणार्थ— कार्बन डाइऑक्साइड किसी भी विधि से बनाई जाए (वायु में कोयले को गर्म करके, सोडियम बाइकार्बोनेट को गर्म करके अथवा कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करके) उसमें सदैव 1 कार्बन परमाणु और 2 ऑक्सीजन परमाणु होते हैं तथा ये दोनों सदैव भारानुसार 12 : 32 अथवा 3: 8 के अनुपात में जुड़े रहते हैं।

प्रश्न :3  गुणित अनुपात के नियम को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।

उत्तर: इस नियम के अनुसार, “जब दो तत्त्वे परस्पर संयोग करके एक से अधिक यौगिक बनाते हैं, तब उनमें एक तत्त्व के विभिन्न भार जो दूसरे तत्त्व के एक निश्चित भार से संयोग करते हैं परस्पर सरल अनुपात में होते हैं। उदाहरणार्थ-सल्फर, ऑक्सीजन के साथ संयोग करके दो यौगिक सल्फर डाइऑक्साइड और सल्फर ट्राइऑक्साइड बनाता है। सल्फर डाइऑक्साइड में सल्फर के 32 भाग, ऑक्सीजन के 32 भागों (भारानुसार) से संयोग करते हैं जबकि सल्फर ट्राइऑक्साइड में सल्फर के 32 भाग ऑक्सीजन के 48 भागों (भारानुसार) से संयोग करते हैं। ऑक्सीजन के विभिन्न भारों, जो सल्फर के निश्चित भार (32 भाग) से संयोग करते हैं, का अनुपात 32:48 अथवा 2:3 हैं जो कि एक सरल अनुपात हैं।

प्रश्न:4 मानव जीवन में रसायन विज्ञान के महत्व एवं विस्तार का वर्णन कीजिए।

उत्तर: आधुनिक जीवन में रसायन विज्ञान का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। यह लगभग सभी क्षेत्रों में मानव-समाज की सेवा कर रहा है और मानव जीवन को सुखी, स्वस्थ, सुरक्षित एवं समृद्ध बना रहा है। राष्ट्रीय अर्थ-व्यवस्था में भी रसायन विज्ञान का महत्त्वपूर्ण योगदान है। देश की विकास योजनाओं की सफलत बहुत कुछ रसायन-विज्ञान के अनुप्रयोग पर निर्भर करती है। सभी लघु और बड़े उद्योगों में रासायनिक पदार्थों की आवश्यकता पड़ती है। अम्ल, क्षार और लवणों का उपयोग धातु-निष्कर्षण, धातु-शोधन, पेट्रोलियम शोधन तथा काँच, साबुन, कागज, कपड़ा, उर्वरक, विस्फोटक, रंजक, औषधियों आदि के उत्पादन में होता है। सल्फ्यूरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, अमोनिया, कॉस्टिक सोडा और क्लोरीन उद्योगों के स्तम्भ हैं। लोहा, ताँबा, ऐलुमिनियम, जिंक, निकिल आदि धातुओं, पीतल तथा स्टील अनेक प्रकार की मिश्र-धातुओं का उपयोग उद्योग-धन्धों और दैनिक जीवन की अनेकों वस्तुएँ बनाने में होता है। 

प्रश्न:5 डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त क्या है? इसके प्रमुख बिन्दु लिखिए। इसके दोषों का भी वर्णन कीजिए।

उत्तर: इस परमाणु सिद्धान्त के प्रमुख बिन्दु निम्नवत् हैं-

द्रव्य अत्यन्त सूक्ष्म अविभाज्य कणों का बना होता है जिन्हें परमाणु (atoms) कहते हैं।

एक ही तत्त्व के परमाणु सभी प्रकार से समान होते हैं अर्थात् उनका भार, आकृति आदि समान होते हैं।

विभिन्न तत्त्वों के परमाणुओं के आकार, भार, रासायनिक गुण आदि भिन्न-भिन्न होते हैं।

परमाणु न तो नष्ट किए जा सकते हैं और न ही उत्पन्न अर्थात् ये अविनाशी होते हैं।

एक परमाणु वह सूक्ष्मतम कण है जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेता है अर्थात् पूर्ण परमाणु न कि उनके भिन्न (fractions) रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं।

एक ही अथवा विभिन्न तत्त्वों के परमाणु संयुक्त होकर यौगिक परमाणु (compound atoms) बनाते हैं जिन्हें अब अणु (molecules) कहा जाता है।

जब परमाणु संयुक्त होकर यौगिक परमाणु बनाते हैं तो उनकी संख्याओं में सरल पूर्ण संख्या अनुपात (1 : 1, 1 : 2, 2 : 1, 2: 3) होता है।

दो तत्त्वों के परमाणु विभिन्न अनुपातों में संयोग करके एक से अधिक यौगिक बना सकते हैं।

उदाहरणार्थ-सल्फर ऑक्सीजन से संयोग करके सल्फर डाइऑक्साइड (SO,) और सल्फर ट्राइऑक्साइड (SO) बनाता है जिनमें सल्फर और ऑक्सीजन का अनुपात क्रमशः 1:2 और 1: 3 होता है।

प्रश्न:6 मोल संकल्पना का विस्तृत वर्णन कीजिए।

उत्तर: परमाणुओं के निरपेक्ष द्रव्यमान ज्ञात करने के लिए यह अनिवार्य है कि हमें पदार्थ की निश्चित मात्रा में उपस्थित परमाणुओं अथवा अणुओं की संख्या ज्ञात हो। अध्ययन से यह पता चला है कि किसी भी तत्त्व के एक ग्राम परमाणु में समान संख्या में परमाणु होते हैं। इसी प्रकार किसी भी पदार्थ के एक ग्राम अणु में समान संख्या में अणु होते हैं। प्रयोगों द्वारा यह संख्या 6023×1023 ज्ञात हुई है। इस संख्या को ‘आवोगाद्रो संख्या’ या ‘आवोगाद्रो स्थिरांक’ कहते हैं तथा इसे NA द्वारा प्रदर्शित करते। हैं। किसी पदार्थ की वह मात्रा जिसमें 6023×1023 तात्विक कण पाये जाते हैं, एक मोल (mole) कहलाती है।

प्रश्न:7 रासायनिक अभिक्रिया की परिभाषा एवं प्रकार लिखिए।

उत्तर: रासायनिक अभिक्रिया रसायन विज्ञान में विभिन्न रसायनों की एक-दूसरे से होने वाली अभिक्रिया रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है। किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों को अभिकारक तथा उस अभिक्रिया में बनने वाले पदार्थों को उत्पाद कहते हैं। रासायनिक अभिक्रियाएँ मुख्यतः निम्न प्रकार की होती हैं।

अम्ल-क्षार अभिक्रियाएँ

ऑक्सीकारक-अपचयन अभिक्रियाएँ

अवक्षेपण अभिक्रियाएँ

प्रश्न:8 मोल प्रभाज को संक्षेप में परिभाषित कीजिए।

उत्तर: मोल प्रभाज “विलयन में उपस्थित किसी एक अवयव का मोल प्रभाज उस विलयन में उपस्थित उस अवंयव के मोलों (ग्राम-अणुओं) की संख्या तथा विलयन में उपस्थित इन सभी अवयवों के मोलों की कुल संख्या का अनुपात होता है।”

विलयन में उपस्थित सभी अवयवों के मोल प्रभाज का योग सदैव एक होता है तथा अवयवों के मोल प्रभाज ताप परिवर्तन पर अपरिवर्तित रहते हैं।

प्रश्न:9 निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए

(i) द्रव्य,

(ii) तत्त्व,

(iii) यौगिक,

उत्तर: द्रव्य- वह पदार्थ जो स्थान घेरता है, जिसमें भार होता है तथा जिसका ज्ञान हम अपनी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा कर सकते हैं, द्रव्य कहलाता है।

तत्त्व-ऐसे द्रव्य जिनको किसी भी विधि द्वारा दो या दो से अधिक विभिन्न द्रव्यों में अपघटित न किया जा सके, तत्त्व कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-लोहा, ताँबा, चाँदी आदि।

यौगिक–शुद्ध समांगी द्रव्य (पदार्थ) जो दो या दो से अधिक तत्त्वों के निश्चित अनुपात में पारस्परिक रासायनिक संयोग से बनता है, यौगिक कहलाता है। उदाहरणार्थ-सोडियम क्लोराइड, चीनी, जल आदि।

प्रश्न:10 द्रव्य की कणिक प्रकृति पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर: हम जानते हैं कि सभी भौतिक वस्तुएँ द्रव्य से बनी हुई हैं परन्तु द्रव्य किससे बना हुआ है? इस प्रश्न का उत्तर मानव प्राचीनकाल से ही खोजता आया है। ईसा से 500 वर्ष पूर्व भारतीय महर्षि कणाद ने यह विचार व्यक्त किया था कि द्रव्य असतत हैं अर्थात् द्रव्य अतिसूक्ष्म अभिकारक कणों से बना हुआ है। ईसा से पूर्व पाँचवीं शताब्दी में यूनानी दार्शनिक डेमोक्रेटस ने तथा ईसा से पूर्व प्रथम शताब्दी में रोम के दार्शनिक ल्यूक्रिटस ने भी यही विचार व्यक्त किये थे कि द्रव्य अतिसूक्ष्म अविभाज्य कणों से बना हुआ है।

प्रश्न:11 स्थिर अनुपात के नियम को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।

उत्तर: इस नियम के अनुसार, “एक रासायनिक यौगिक में एक ही प्रकार के तत्त्व भारानुसार एक निश्चित अनुपात में जुड़े रहते हैं।’ उदाहरणार्थ— कार्बन डाइऑक्साइड किसी भी विधि से बनाई जाए (वायु में कोयले को गर्म करके, सोडियम बाइकार्बोनेट को गर्म करके अथवा कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करके) उसमें सदैव 1 कार्बन परमाणु और 2 ऑक्सीजन परमाणु होते हैं तथा ये दोनों सदैव भारानुसार 12 : 32 अथवा 3: 8 के अनुपात में जुड़े रहते हैं।

प्रश्न:12 गुणित अनुपात के नियम को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।

उत्तर: इस नियम के अनुसार, “जब दो तत्त्वे परस्पर संयोग करके एक से अधिक यौगिक बनाते हैं, तब उनमें एक तत्त्व के विभिन्न भार जो दूसरे तत्त्व के एक निश्चित भार से संयोग करते हैं परस्पर सरल अनुपात में होते हैं। उदाहरणार्थ-सल्फर, ऑक्सीजन के साथ संयोग करके दो यौगिक सल्फर डाइऑक्साइड और सल्फर ट्राइऑक्साइड बनाता है। सल्फर डाइऑक्साइड में सल्फर के 32 भाग, ऑक्सीजन के 32 भागों (भारानुसार) से संयोग करते हैं जबकि सल्फर ट्राइऑक्साइड में सल्फर के 32 भाग ऑक्सीजन के 48 भागों (भारानुसार) से संयोग करते हैं। ऑक्सीजन के विभिन्न भारों, जो सल्फर के निश्चित भार (32 भाग) से संयोग करते हैं, का अनुपात 32:48 अथवा 2:3 हैं जो कि एक सरल अनुपात हैं।

प्रश्न:13 व्युत्क्रम अनुपात के नियम को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।

उत्तर: इस नियम के अनुसार, “जब दो तत्त्व किसी तीसरे तत्त्व के निश्चित भार से संयोग करते हैं, तो उनके भारों का अनुपात या तो वही रहता है या उन भारों के अनुपात का अपवर्त्य होता है जिसमें वे आपस में संयोग करते हैं। उदाहरणार्थ-कार्बन, सल्फर और ऑक्सीजन तीन तत्त्व हैं। कार्बन और सल्फर ऑक्सीजन से अलग-अलग संयोग करके क्रमशः कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड बनाते हैं। सल्फर और कार्बन आपस में संयोग करके कार्बन डाइसल्फाइड बनाते हैं। 

अत: ऑक्सीजन के निश्चित भार के साथ संयोग करने वाले कार्बन और सल्फर के भारों में अनुपात, भारों के उस अनुपात का सरल अपवर्त्य होता है जिसमें कार्बन और सल्फर आपस में संयोग करते हैं। इस प्रकार यह उदाहरण व्युत्क्रम अनुपात के नियम की पुष्टि करता है l

प्रश्न:14 बहु अनुपात के नियम को परिभाषित कीजिए। इसे दो उदाहरणों से समझाइए। यह कानून परमाणुओं के अस्तित्व की ओर कैसे इशारा करता है?

उत्तर: डाल्टन ने पहली बार 1803 में कई अनुपातों के कानून का अध्ययन किया, और इसे निम्नानुसार कहा जा सकता है।

जब दो तत्व मिलकर दो या दो से अधिक रासायनिक यौगिक बनाते हैं, तो एक तत्व का द्रव्यमान दूसरे के निश्चित द्रव्यमान के साथ एक साधारण अनुपात में संयोजित होता है।

उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन दो यौगिक बनाने के लिए ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है: पानी और हाइड्रोजन पेरोक्साइड।

प्रश्न:15. जब डाइहाइड्रोजन गैस के दस आयतन पाँच आयतन डाइऑक्सीजन गैस के साथ अभिक्रिया करते हैं, तो कितने आयतन जलवाष्प उत्पन्न होंगे?

उत्तर: डाइहाइड्रोजन गैस दी गई डाइऑक्सीजन गैस से इस प्रकार अभिक्रिया करती है, 

2 एच 2 (जी) + ओ 2 (जी) → 2 एच 2 ओ (जी)

इसलिए, डाइहाइड्रोजन के दो आयतन डाइहाइड्रोजन के एक आयतन के साथ अभिक्रिया करके दो आयतन जलवाष्प उत्पन्न करते हैं। इस प्रकार, डाइहाइड्रोजन के दस आयतन आवश्यक दस आयतन जल वाष्प उत्पन्न करने के लिए डाइऑक्सीजन के पाँच आयतनों के साथ अभिक्रिया करेंगे।

प्रश्न:16 गे-लुसाक का नियम क्या है? समझाइयेl

उत्तर: गैलूसेक का गैसीय नियम- इसे वैज्ञानिक जोसेफ जुई गैलूसेक ने प्रस्तुत किया था। इस नियम के अनुसार "जब गैसें आपस में संयोग करती हैं तो उनके आयतनों में सरल अनुपात होता है। यदि उनके संयोग से बना हुआ पदार्थ भी गैस हो तो उसका आयतन भी क्रियाकारी गैसों के आयतनों के सरल अनुपात में होता है। (जबकि आयतन एनटीपी पर नापा जाए)"

उदाहरण- हाइड्रोजन का एक आयतन क्लोरीन के एक आयतन से संयोग कर दो आयतन हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl) बनाते हैं। इसमें अभिकारक एवं उत्पाद सभी गैसें हैं। अतः इनमें हाइड्रोजन, क्लोरीन व हाइड्रोजन क्लोराइड गैस में परस्पर 1ः1ः2 का सरल अनुपात है।

प्रश्न:17 आवोगाद्रो संख्या किसे कहते हैं ?

उत्तर: किसी पदार्थ के 1 मोल में उपस्थित कणों की संख्या को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं । इसका संकेत NA है तथा  आवोगाद्रो संख्या का मान 6.022 × 1023 होता है । 

अतः किसी पदार्थ के 1 मोल में कणों ( परमाणु , अणु , आयन या अन्य कण ) की संख्या , हमेशा आवोगाद्रो संख्या के बराबर होगी ।

प्रश्न:18 मोलर द्रव्यमान किसे कहते हैं ? मोलर द्रव्यमान की परिभाषा

उत्तर: मोलर द्रव्यमान — किसी पदार्थ के 1 मोल के ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान को मोलर द्रव्यमान कहते हैं । ग्राम में व्यक्त मोलर द्रव्यमान संख्यात्मक रूप में परमाणु द्रव्यमान या आण्विक द्रव्यमान या सूत्र द्रव्यमान के बराबर होता है ।

 जैसे- जल ( H2O ) का मोलर द्रव्यमान = 18.02 g mol-1

 NaCl का मोलर द्रव्यमान = 58.5  g mol-1

प्रश्न:19 अणु सूत्र को विस्तार मे सझाइयेl

उतर: किसी यौगिक का वह सूत्र जो असके अणु में उपस्थित तत्वों के परमाणुओं की वास्तविक संख्या को व्यक्त करता है, अणु सूत्र कहलाता है। अणु सूत्र या तो मूलानुपाती सूत्र के समान होता है या उसका सरल गुणांक होता है। जैसे जल का अणुसूत्र H2O है जो यह दर्शाता है कि यौगिक के एक अणु में विभिन्न तत्वों के कितने परमाणु विद्यमान है।

प्रश्न:20 परमाणु क्या है? समझाइये l

उत्तर: परमाणु ( Atom ) – किसी तत्व का अंतिम सूक्ष्मतम कण, जो रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग ले सकता है, परमाणु कहलाता है | 

परमाणुओं और तत्वों के संकेत – प्राचीन कीमियागर पारस पत्थर की खोज में संलग्न थे | उनका विश्वास था कि इन पत्थरों की सहायता से किसी धातु को सोना में परिवर्तित किया जा सकता है | इस कार्य की गुप्त रखने के उछेश्य से वे उस समय तक ज्ञात तत्वों को कुछ विशेष संकेतों द्वारा व्यक्त करते थे | 

परमाणु की विशेषताएँ – 

1.किसी तत्व के सभी परमाणु सदृश होते हैं, किंतु वे अन्य तत्वों के परमाणुओं से भिन्न होते हैं | 

2.तत्व का प्रत्येक परमाणु तत्व के सभी गुणों को प्रदर्शित करता है | 

3.परमाणु का व्यास लगभग 10-15 m होता है |

प्रश्न:21अणु और यौगिकों में क्या अंतर है? प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।

उत्तर: अणु विभिन्न परमाणुओं या एक ही परमाणु से मिलकर बना होता है। जैसे हाइड्रोजन के अणु में हाइड्रोजन के दो परमाणु होते हैं जबकि पानी के अणु में हाइड्रोजन के दो परमाणु और ऑक्सीजन का एक परमाणु होता है।

यौगिक तब बनता है जब दो या दो से अधिक अलग-अलग परमाणु अग्नि तत्व में जुड़ते हैं जैसे पानी - कार्बन डाइऑक्साइड, चीनी आदि।

प्रश्न:22 हम यौगिक के घटकों को कैसे अलग कर सकते हैं?

उत्तर: यौगिक के अवयवों को भौतिक विधियों द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता है। इन्हें केवल रासायनिक विधियों द्वारा ही पृथक किया जा सकता है।

प्रश्न:23 भौतिक गुण रासायनिक गुणों से किस प्रकार भिन्न हैं?

उत्तर: भौतिक गुण वे गुण हैं जिन्हें पदार्थ की पहचान या संरचना को बदले बिना मापा या देखा जा सकता है जबकि रासायनिक गुणों के मापन के लिए रासायनिक परिवर्तन की आवश्यकता होती है जैसे रंग, गंध आदि भौतिक गुण हैं और दहन, मूलता आदि रासायनिक हैं। 

प्रश्न:24 सूत्र द्रव्यमान क्या है?

उत्तर: जब किसी पदार्थ में असतत अणु उनकी घटक इकाइयों के रूप में नहीं होते हैं और एक त्रि आयामी संरचना होती है, तो सूत्र द्रव्यमान का उपयोग आणविक द्रव्यमान की गणना के लिए किया जाता है जो सूत्र में मौजूद परमाणु के सभी परमाणु द्रव्यमानों का योग होता है।

प्रश्न:25 हम कैसे कह सकते हैं कि चीनी ठोस है और पानी तरल है?

उत्तर: चीनी में अवयवी कणों की घनी पैकिंग होती है, इसका अपना आयतन और आकार होता है इसलिए इसे ठोस कहा जा सकता है जबकि पानी में अवयवी कण उतने सघन नहीं होते जितने कि ठोस में होते हैं। इसका आयतन तो निश्चित होता है लेकिन आकार निश्चित नहीं होता। इसलिए यह द्रव है।