बिहार बोर्ड कक्षा 11 रसायन विज्ञान अध्याय 10 s-ब्लॉक तत्व लघु उतरीय प्रश्न
लघु उतरीय प्रश्न
प्रश्न:1 कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड या बुझे चूने को बनाने की एक विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर: कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड या बुझे चूने को बिना बुझे चूने में जल मिलाकर प्राप्त किया जाता है। । इस प्रक्रिया को चूने का बुझना कहते हैं।
CaO+ H2O → Ca(OH)2
प्रश्न:2 प्लास्टर ऑफ पेरिस के जमने की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण दीजिए।
उत्तर: प्लास्टर ऑफ पेरिस जमर्कर कड़ा छिद्रयुक्त ठोस बन जाता है, जिसे प्लास्टर ऑफ पेरिस का जमना कहते हैं। वस्तुतः यह अभिक्रिया प्लास्टर ऑफ पेरिस का जिप्सम में परिवर्तन है।
(CasO4)2 · H2O+ 3H2O → 2(CasO4·2H2O)
प्रश्न:3 किंलकर क्या है? इससे सीमेण्ट कैसे बनाया जाता है?
उत्तर: सीमेण्ट के कच्चे पदार्थों से बने मिश्रण को सीमेण्ट की भट्ठी में डालकर गर्म करने के बाद छोटी-छोटी गोलियों के रूप में प्राप्त पदार्थ को किंलकर कहते हैं। क्लिकर; डाइकैल्सियम सिलिकेट, ट्राइकैल्सियम सिलिकेट, ट्राइकैल्सियम ऐलुमिनेट तथा टेट्राकैल्सियम ऐलुमिनोफेराइट का मिश्रण है। क्लिकर में 2-3% जिप्सम मिलाकर इसको पीसकर प्रयोग योग्य सीमेण्ट प्राप्त किया जाता है जिसको पोर्टलैण्ड सीमेण्ट कहते हैं।
प्रश्न:4 सीमेण्ट किंलकर के मुख्य अवयव क्या हैं? इसमें जिप्सम क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर: सीमेण्ट किंलकर के मुख्य अवयव निम्नलिखित हैं-
डाइकैल्सियम सिलिकेट (2CaO.SiO2)
ट्राइकैल्सियम सिलिकेट (3CaO.SiO2)
ट्राइकैल्सियम ऐलुमिनेट (3CaO.Al2O3) तथा
टेट्राकैल्सियम ऐलुमिनोफेराइट (4CaO.Al2O2.Fe2O3)
सीमेण्ट किंलकर जल के प्रति अति सुग्राही होता है जिससे यह नमी और जल के सम्पर्क में आकर जम जाता है। इसकी जमने की क्षमता को शिथिल करने के लिए मन्दक पदार्थ मिलाए जाते हैं। जिप्सम एक मन्दक पदार्थ है, जिसके मिलाने से सीमेण्ट क्लिकर के जमने की क्षेमतो मन्द हो जाती है और अधिक जल के सम्पर्क में आने पर ही यह जमता है।
प्रश्न:5 सीमेण्ट के प्रयोग में बालू का क्या उपयोग होता है?
उत्तर: सीमेण्ट जल या नमी के प्रति अति सुग्राही है। नमी के कारण इसमें आन्तरिक प्रतिबल उत्पन्न जाता है, जिससे इसमें दरार पड़ जाती है और इसकी क्षमता कम हो जाती है। बालू मिलाने से। सीमेण्ट में आन्तरिक प्रतिबल उत्पन्न नहीं होता, जिससे सीमेण्ट में दरार नहीं पड़ती है।
प्रश्न:6 लीथियम की तरह सोडियम और पोटैशियम जटिल यौगिक क्यों नहीं बनाते?
उत्तर: लीथियम परमाणु त्रिज्या छोटी होने तथा उच्च आवेश घनत्व एवं d ऑर्बिटल की अनुपस्थिति के कारण जटिल यौगिक बनाता है। जबकि सोडियम एवं पोटैशियम आकार बड़ा होने एवं आवेश घनत्व अपेक्षाकृत निम्न होने के कारण जटिल यौगिक नहीं बनाते हैं।
प्रश्न:7 समूह I के तत्त्व क्षार धातुएँ क्यों कहलाते हैं?
उत्तर: समूह I के तत्त्व जल से अभिक्रिया करके क्षारीय प्रकृति के हाइड्रॉक्साइड बनाते हैं इसलिए इन्हें सामान्यतः क्षार धातुएँ कहते हैं।
प्रश्न:8 सोडियम तथा पोटैशियम के एक महत्त्वपूर्ण अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर: सोडियम के प्रमुख अयस्क रॉक साल्ट (NaCl), चीली साल्टपीटर (NaNO3) तथा क्रायोलाइट (Na3AlF6) हैं। पोटैशियम के प्रमुख अयस्क सिल्वाइट (KCl), फेलस्पार (K2O.Al2O36SiO2) तथा कार्नेलाइट (KCl· MgCl2·6H,0) हैं।
प्रश्न:9 क्षार धातुओं की निम्न आयनन ऊर्जाएँ होती हैं। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर: क्षार धातुओं की आयनन ऊर्जाएँ निम्न होती हैं क्योंकि इनके परमाणु में उत्कृष्ट गैस क्रोड संयोजी कोश में उपस्थित एक s-इलेक्ट्रॉन को नाभिक के आकर्षण बल से परिरक्षित करता है। अतः बाह्य कोश के 5-इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत प्रभावी नाभिकीय आवेश कम होता है। इसलिए इस इलेक्ट्रॉन को थोड़ी ऊर्जा देकर ही निकाला जा सकता है।
प्रश्न:10 क्षार धातुओं के घनत्व कम क्यों होते हैं?
उत्तर: क्षार धातुओं की काय केन्द्रित घनीय संरचना होती है। यह संरचना अन्य धातु संरचनाओं की तुलना में कम सघन होती है। क्षार धातुओं की परमाणु त्रिज्याएँ भी बड़ी होती हैं। इन कारणों से क्षार धातुओं के घनत्व कम होते हैं।
प्रश्न:11 क्षार धातु प्रबल अपचायक क्यों हैं? समझाइए।
उत्तर: क्षार धातुओं में इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की प्रबल प्रवृत्ति होती है इसलिए ये प्रबल अपचायकों के रूप में कार्य करती हैं।
प्रश्न:12 निम्नलिखित पदार्थों के रासायनिक नाम तथा सूत्र लिखिए।
(i) सोडा ऐश।
(ii) बेकिंग सोडा
(iii) कास्टिक सोडा
(iv) धावन सोडा।
उत्तर: सोडा ऐश ⇒ सोडियम कार्बोनेट, Na2CO3
बेकिंग सोडा ⇒ सोडियम बाइकार्बोनेट, NaHCO3
कास्टिक सोडा ⇒ सोडियम हाइड्रॉक्साइड, NaOH
धावन सोडा ⇒ सोडियम कार्बोनेट, Na2CO3·10H2O
प्रश्न:13 सोडियम कार्बोनेट’के मुख्य उपयोग लिखिए।
उत्तर: काँच, कागज तथा बोरेक्स के निर्माण में।
जल को मृदु बनाने में।
बेकिंग सोडा, कास्टिक सोडा आदि बनाने में।
कपड़ों को साफ करने में।
प्रश्न:14 निम्नलिखित पर कास्टिक सोडा की अभिक्रियाएँ लिखिए
(i) Zn
(ii) P4
(iii) CO2
(iv) Cl2
उत्तर: (i) कास्टिक सोडा Zn से अभिक्रिया करके सोडियम जिंकेट बनाता है।
(ii) कास्टिक सोडा PA से अभिक्रिया करके फॉस्जीन गैस बनाता है।
(iii) कास्टिक सोडा CO2 से अभिक्रिया करके Na2CO3 बनाता है।
(iv) कास्टिक सोडा Cl2 से अभिक्रिया करके सोडियम हाइपोक्लोराइट और सोडियम क्लोराइड बनाता है।
प्रश्न:15 गुणात्मक विश्लेषण में NaOH के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर: 1. यह फेरिक क्लोराइड को फेरिक हाइड्रॉक्साइड में अवक्षेपित कर देता है।
FeCl3 +3NaOH → Fe(OH)3 ↓ + 3NaCl
2. यह CuSO4 से क्रिया करके इसे क्यूपिक हाइड्रॉक्साइड के रूप में अवक्षेपित करता है।
CuSO2 + 2NaOH → Cu(OH)2+Na2SO4
प्रश्न:16 क्या कारण है कि गलित कैल्सियम हाइड्राइड का वैद्युत-अपघटन करने पर हाइड्रोजन ऐनोड पर मुक्त होती है ?
उत्तर: गलित कैल्सियम हाइड्राइड का वैद्युत-अपघटन इस प्रकार होता है।
CaH2 ⇌ Ca2+ + 2H–
हाइड्रोजन आयन के ऋणावेशित होने के कारण हाइड्रोजन ऐनोड पर मुक्त होती है।
प्रश्न:17 कैल्सियम ऑक्साइड या बिना बुझे चूने के विरचन की एक विधि दीजिए।
उत्तर: कैल्सियम ऑक्साइड या बिना बुझा चूना लाइमस्टोन (CaCO3) को घूर्णी भट्ठी में 1070-1270K ताप पर गर्म करके प्राप्त किया जाता है।
प्रश्न:18 क्षार धातुएँ प्रकृति में क्यों नहीं पाई जाती हैं?
उत्तर: बहुत अधिक अभिक्रियाशीलता के कारण क्षार धातुएँ प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पायी जाती हैं। जाती हैं।
प्रश्न:19 Na2O3 में सोडियम की ऑक्सीकरण अवस्था ज्ञात कीजिए।
उत्तर: माना Na2O2 में सोडियम की ऑक्सीकरण अवस्था x है। Na2O2 एक परॉक्साइड है और इसमें एक परॉक्सी ——O बन्ध है। इसमें ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण अवस्था -1 है।
इस प्रकार, Na2O2 के लिये
(2xx)+(-1×2)= 0
x = +1
प्रश्न:20 पोटैशियम की तुलना में सोडियम कम अभिक्रियाशील क्यों है? बताइए।
उत्तर: सोडियम का मानक झ्लेक्ट्रोड विभव (E⊖ = -2.714 V) पोटैशियम के मानक इलेक्ट्रोड विभ्रव (-2.925 V) की तुलना में अधिक है। इसके अतिरिक्त, सोडियम की आयनन एन्थैल्पी (496kJ mol-1) भी पोटैशियम की आयनन एन्थैल्पी (419kJ mol-1 से अधिक है। अत: सोडियम पोटैशियम से कम अभिक्रियाशील है।
प्रश्न:21 निम्नलिखित के सन्दर्भ में क्षार धातुओं एवं क्षारीय मृदा धातुओं की तुलना कीजिए-
(क) आयनन एन्थैल्पी,
(ख) ऑक्साइडों की क्षारकता,
(ग) हाइड्रॉक्साइडों की विलेयता।
उत्तर: क्षारीय मृदा धातुओं की आयनन एन्थैल्पी क्षार धातुओं की तुलना में अधिक होती है, क्योंकि क्षारीय मृदा धातुओं में नाभिकीय आवेश अधिक होता है।
क्षार धातु ऑक्साइड क्षारीय मृदा धातु ऑक्साइडों की तुलना में अधिक क्षारीय होते हैं, क्योंकि क्षार धातुएँ क्षारीय मृदा धातुओं की तुलना में अधिक विद्युत धनात्मक होती हैं।
क्षार धातु हाइड्रॉक्साइड क्षारीय मृदा धातु हाइड्रॉक्साइडों की तुलना में जल में अधिक घुलनशील होते हैं, क्योंकि क्षारीय मृदा धातुओं की जालक एन्थैल्पी क्षार धातुओं की तुलना में अधिक होती है।
प्रश्न:22 लीथियम किस प्रकार मैग्नीशियम से रासायनिक गुणों में समानताएँ दर्शाता है?
उत्तर: लीथियम एवं मैग्नीशियम के रासायनिक गुणों में समानताएँ लीथियम एवं मैग्नीशियम के रासायनिक गुणों में समानता के प्रमुख बिन्दु निम्नवत् हैं-
लीथियम एवं मैग्नीशियम जल के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करते हैं। इनके ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड बहुत.कम घुलनशील हैं।
प्रश्न:23 क्षार धातुएँ तथा क्षारीय मृदा धातुएँ रासायनिक अपचयन विधि से क्यों नहीं प्राप्त किए जा सकते हैं? समझाइए।
उत्तर: क्षार धातुएँ तथा क्षारीय मृदा धातुएँ सामान्य उपयोग में आने वाले अपचायकों से अधिक प्रबल अपचायक हैं। इसलिए ये रासायनिक अपचयन विधियों द्वारा प्राप्त नहीं की जा सकती हैं।
प्रश्न:24 प्रकाश विद्युत सेल में लीथियम के स्थान पर पोटैशियम एवं सीजियम क्यों प्रयुक्त किए जाते हैं?
उत्तर: लीथियम की आयनन एन्थैल्पी (520 kJmol-1), पोटैशियम (419kJ mol-1) और सीजियम (376 kJ mo-1) की आयनन एन्थैल्पी से बहुत अधिक है। इस कारण यह प्रकाश की क्रिया से इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन नहीं करता जबकि पोटैशियम और सीजियम ऐसा करने में समर्थ हैं। इसलिए प्रकाश वैद्युत सेल में लीथियम के स्थान पर पोटैशियम तथा सीजियम को प्रयुक्त किया जाता है।
प्रश्न:25 जब एक क्षार धातु को द्रव अमोनिया में घोला जाता है, तब विलयन विभिन्न रंग प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार के रंग-परिवर्तन का कारण बताइए।
उत्तर:जब एक क्षार धातु को द्रव अमोनिया में घोला जाता है तो अमोनीकृत धनायन और अमोनीकृत इलेक्ट्रॉन् बनते हैं।