बिहार बोर्ड कक्षा 11 रसायन विज्ञान अध्याय 7 साम्यावस्था दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न:1 लिटमस विलयन के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर: लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है जो थैलो फाइटा समूह के लाइकेन पौधे से निकाला जाता है। प्रायः इसे सूचक की तरह उपयोग किया जाता है। लिटमस विलयन उदासीन होता है और यह बैंगनी रंग का होता है। बहुत से प्राकृतिक पदार्थ जैसे- लाल पत्ता गोभी, हल्दी, हायड्रोजिया, पेट्रोनिया एवं जेरानियम जैसे कई फूलों की रंगीन पंखुड़ियों किसी विलयन में अम्ल एवं क्षारक की उपस्थिति को सूचित करता है। इसे अम्ल-क्षार सूचक अथवा सूचक कहा जाता है।
प्रश्न:2 विरंजक चूर्ण के क्या-क्या महत्त्वपूर्ण उपयोग हैं ?
उत्तर: विरंजक चूर्ण के निम्न महत्त्वपूर्ण उपयोग हैं-
(i) इसे सूती कपड़े, लिनन और लकड़ी के गुद्दे में उड़ाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
(ii) पीने योग्य पानी से हानिकारक जीवाणुओं के नाश के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
(iii) क्लोरोफॉर्म बनाने में प्रयुक्त होता है।
(iv) न सिकुड़ने वाली ऊन का इसकी सहायता से निर्माण किया जाता है ।
(v) प्रयोगशाला और उद्योगों में ऑक्सीकारक का कार्य करता है ।
प्रश्न:3 अम्लों के सामान्य गुण बताएँ।
उत्तर: अम्लों के सामान्य गुण-
(i) इनका स्वाद खट्टा होता है ।
(ii) ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
(iii) इनका घोल साबन के घोल की तरह चिकना नहीं होता।
(iv) ये धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
(v) ये कार्बोनेट के साथ क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करते हैं।
(vi) अम्ल, क्षारकों से क्रिया करके लवण और पानी बनाते हैं ।
प्रश्न:4 धोने का सोडा तथा बेकिंग सोडे के दो-दो प्रमख उपयोग बताइए।
उत्तर: धोवन सोडे के उपयोग-
(i) जल की स्थायी कठोरता को दूर करने के लिए
(ii) काँच, साबुन, पेपर तथा बोरॉक्स, कॉस्टिक सोडा इत्यादि अनेक महत्त्वपूर्ण यौगिकों के उत्पादन के लिए
बेकिंग सोडे के उपयोग-
एन्टैसिड का एक संघटक क्षारीय होने के कारण अम्ल के आधिक्य को उदासीन करता है।
(ii) यह खाद्य एवं पेय पदार्थों के योज्य पदार्थ के रूप में प्रयुक्त होता है। बेकिंग चूर्ण में सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट एवं टार्टरिक अम्ल या इस जैसा एक अम्ल होता है। जब बेकिंग चूर्ण को गर्म करते हैं तो इसमें विद्यमान सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट विखंडित होकर, कार्बन डाइऑक्साइड एवं सोडियम कार्बोनेट प्रदान करता है। कार्बन डाइऑक्साइड बाध्य
करके ब्रेड एवं केक फूल जाते हैं।
प्रश्न:5 प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग क्या है ?
उत्तर: प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग –
(i) इसे साँचे, खिलौने, सिरेमिक बर्तन आदि बनाने में प्रयुक्त किया जाता है ।
(ii) सजावटी सामान, मूर्तियाँ आदि इससे बनाए जाते हैं।
(iii)अस्पतालों में अस्थि विभाग और दंत विभाग के द्वारा इसका पयाप्त किया जाता है। यह टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए प्रयुक्त किया जाता है और टूटे हुए दाँतों के स्थान पर नकली दाँत लगाने के सांचेबनाए जाते हैं।
(iv) भवनों की दीवारों और छतों को समतल करने और उन पर डिजयान के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
(v) अग्निशमन संबंधी सामग्री इससे तैयार की जाती है।
(vi) प्रयोगशालाओं में गैसों का रिसाव इससे रोका जाता है।
प्रश्न:6 संतुलन स्थिरांक क्या है?
उत्तर: एक रासायनिक प्रतिक्रिया का संतुलन स्थिरांक एक रासायनिक प्रतिक्रिया के संतुलन तक पहुँचने पर उत्पादों और अभिकारकों के बीच संबंधों में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, संतुलन पर एक रासायनिक प्रतिक्रिया की एकाग्रता के संतुलन स्थिरांक को अभिकारकों की एकाग्रता के लिए उत्पादों की एकाग्रता के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, प्रत्येक को उनके संबंधित स्टोइकोमेट्रिक गुणांक तक बढ़ाया जाता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कई अलग-अलग प्रकार के संतुलन स्थिरांक हैं जो विभिन्न इकाइयों के संदर्भ में उत्पादों और संतुलन प्रतिक्रियाओं के अभिकारकों के बीच संबंध प्रदान करते हैं।
प्रश्न:7 रासायनिक साम्य को गतिक साम्य क्यों कहा जाता है?
उत्तर: वह चरण जिस पर आगे की प्रतिक्रिया की दर पश्च प्रतिक्रिया की दर के बराबर होती है, एक संतुलन राज्य कहलाती है। इस बिंदु पर, अभिकारक को उत्पादों में और प्रतिकूल कारकों को अभिकारकों में परिवर्तित करने की संख्या समान होती है। गहरे के निरंतर रहस्य- रहस्य के साथ समानता के साथ कहीं भी समान अभिकारकों के साथ समान संतुलन किया जा सकता है इसलिए रासायनिक संतुलन गति है ।
प्रश्न:8 रासायनिक संतुलन को प्रभावित करने वाले कारक क्या है?
उत्तर: रासायनिक संतुलन एक ऐसी प्रणाली की स्थिति है जिसमें न तो अभिकारक और न ही उत्पादों की प्रमाणन समय के साथ दिया जाता है, और न ही प्रणाली के गुण माने जाते हैं। जब आगे की प्रतिक्रिया की दर विपरीत प्रतिक्रिया की दर के बराबर होती है, तो सिस्टम रासायनिक संतुलन तक पहुंच जाता है।
रासायनिक संतुलन में, आगे की प्रतिक्रिया की दर पश्च प्रतिक्रिया की दर के बराबर होती है। जैसे, यह एक ऐसी प्रणाली की स्थिति को संदर्भित करता है जिसमें अभिकारक और उत्पाद की संवेदनशीलता समय के साथ कम नहीं होती है।
उसके बाद, सिस्टम की विशेषताएँ दूर हो जाएँगी और स्थिर हो जाएँगी। जब आगे और पीछे की धारणा के समान प्रभाव के कारण अभिशाप और उत्पादों की विशिष्टता नहीं होती है, तो सिस्टम को गति संतुलन में कहा जाता है।
प्रश्न:9 बफर विलयन क्या है?
उत्तर:एक लिटर जल में एक बूंद 0.1N HCl अथवा 0.1NNaOH विलयन मिलाने पर क्रमशः हाइड्रोजन आयन सांद्रण अथवा हाइड्रॉक्सिल आयन सांद्रण बहुत अधिक बढ़ जाता है, परन्तु जब एक बूंद हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, दुर्बल अम्ल तथा उसके लवण के मिश्रित विलयन में मिलाते हैं तो हाइड्रोजन आयन सांद्रण पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। इसी प्रकार जब एक बूंद सोडियम हाइड्रॉक्साइड को दुर्बल क्षारक तथा उसके मिश्रित विलयन में मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्सिल आयन सांद्रण पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। ऐसे मिश्रित विलयन को प्रतिरोधक विलयन अथवा बफर विलयन कहते हैं। अतः "अम्ल या क्षार की अल्प मात्रा मिलाने से जिस विलयन के pH मान में कोई सार्थक परिवर्तन नहीं होता, उसे बफर विलयन कहते हैं।"
प्रश्न:10 रासायनिक साम्य को गतिक साम्य क्यों कहा जाता है?
उत्तर: वह चरण जिस पर आगे की प्रतिक्रिया की दर पश्च प्रतिक्रिया की दर के बराबर होती है, एक संतुलन अवस्था कहलाती है। इस बिंदु पर, अभिकारक अणुओं को उत्पादों में और उत्पाद अणुओं को अभिकारकों में परिवर्तित करने की संख्या समान होती है। अणुओं के निरंतर आदान-प्रदान के साथ समान स्थितियों के साथ कहीं भी समान अभिकारकों के साथ समान संतुलन किया जा सकता है इसलिए रासायनिक संतुलन गतिशील है ।
प्रश्न:11 रासायनिक संतुलन पर तापमान के प्रभाव की प्रतिक्रिया से क्या समझते है?
उत्तर: रासायनिक संतुलन पर तापमान के प्रभाव की प्रतिक्रिया के ΔH के संकेत पर स्थायी रूप से सक्रिय हो जाता है और ले-चेटेलियर के सिद्धांत का अनुसरण करता है।
जैसे-जैसे ताप बढ़ता जा रहा है, एक एक्ज़ोथर्मिक प्रतिक्रिया का संतुलन स्थिर अंक घटता कहलाता है।
एक इंडोथर्मिक बैकलैश में तापमान में वृद्धि के साथ संतुलन स्थिरांक बढ़ रहा है।
संतुलन स्थिरांक के साथ-साथ प्रतिक्रिया की दर भी तापमान में परिवर्तन से प्रभावित होता है। ले चेटेलियर के सिद्धांत के अनुसार, जब तापमान में वृद्धि होती है, तो अनौपचारिक संबंधों के मामले में, तापमान में वृद्धि के साथ संतुलन उत्पादों के पक्ष की ओर रुख होता है।
प्रश्न:12 रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं
उत्तर: वह प्रक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक पदार्थ जिन्हें हम अभिकारक भी कहते हैं, आपस में मिलकर कोई नया उत्पाद बनाते हैं, रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है। अभिक्रिया में बने हुए नए उत्पाद के रासायनिक गुणधर्म, उत्पाद को बनाने वाले अभीकारकों से भिन्न होते हैं।
उदाहरण:वायु और नमी की उपस्थिति में लोहे पर जंग लग जाती है अर्थात लोहे पर जंग लगना एक रासायनिक अभिक्रिया के कारण ही होता है।
प्रश्न:13 विस्थापन अभिक्रिया किसे कहते हैं?
उत्तर:वह अभिक्रिया जिसमें अधिक क्रियाशील धातु किसी कम क्रियाशील धातु को उसके लवण से विस्थापित कर देती है, और स्वयं उसका स्थान ले लेती है, विस्थापन अभिक्रिया कहलाती हैं।
उदाहरण:जब कॉपर सल्फेट के जलीय विलयन के साथ आयरन की अभिक्रिया कराते हैं, आयरन अधिक क्रियाशील होने के कारण कॉपर सल्फेट के लवण से कॉपर को विस्थापित कर देता है। आप इस अभिक्रिया को निम्न समीकरण से समझ सकते हैं –
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
प्रश्न:15 क्या होता है जब सोडियम सल्फेट का जलीय विलयन बेरियम क्लोराइड के जलीय विलयन से अभिक्रिया करता है? अभिकारकों की वे भौतिक स्थितियाँ बताइए जिनमें उनके बीच अभिक्रिया नहीं होगी। अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए तथा अभिक्रिया के प्रकार का नाम लिखिए।
उत्तर। जब सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड के दो जलीय घोलों को एक परखनली में मिलाया जाता है, तो तुरंत बेरियम सल्फेट का एक सफेद अवक्षेप बनता है। यदि दो अभिकारक ठोस हों तो कोई अभिक्रिया नहीं हो सकती। द्विविस्थापन अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण है:
BaCl2 (aq) + Na2 SO4 (aq) → BaSO4 (s) + 2NaCl (aq)
प्रश्न:16 रासायनिक साम्य को प्रभावित करने वाले कारण का वर्णन करें।
उत्तर:रासायनिक साम्य को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
(1) सान्द्रताः यदि साम्यावस्था में अभिकारकों की सान्द्रता बढ़ा दी जाए तो अग्र अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है तथा अधिक मात्रा में उत्पाद प्राप्त होता है। यदि उत्पादों की संवेदनशीलता में वृद्धि होती है, तो पश्च अभिक्रिया की दर में वृद्धि होती है, अभिकारक की अधिक मात्रा प्राप्त होती है।
(2) दाब : साम्यावस्था पर दाब का प्रभाव तब होता है जब अभिकारक गैसीय अवस्था में होते हैं और जिन अभिक्रियाओं में अभिकारकों और उत्पादों की अधिकता की संख्या भिन्न होती है।
(3) ऊष्म: उच्च ताप विद्युत तापीय प्रतिक्रिया का पक्ष लेता है और कम ताप एक्सो तापीय प्रतिक्रिया का पक्ष लेता है।
प्रश्न:17 कॉपर सल्फेट के शुष्क क्रिस्टल को गर्म करने पर उसपर होने वाले प्रभावों को लिखें।
उत्तर: एक शुष्क परखनली में कॉपर सल्फेट के कुछ क्रिस्टल लेकर स्पिरीट लेम्प पर गर्म कीजिए। गर्म करने पर इसका नीला रंग समाप्त हो जाता है और यह श्वत हो जाता है। परखनली की दीवार पर जल की बूंदें दिखाई पड़ती हैं। क्रिस्टल में 5 अणु जल हाते हैं। जल के हटने पर क्रिस्टल रंगहीन (श्वेत) हो जाता है। अगर इस श्वत पदार्थ पर पुन: जल की बूंदें डाली जाएँ तो इसका रंग पुनः नीला हो जाता है। कॉपर सल्फट क्रिस्टल में जल के अणु वर्तमान रहते हैं। अंत: इसका रंग नीला होता है।
प्रश्न:18 विरंजक चूर्ण के क्या-क्या महत्त्वपूर्ण उपयोग हैं ?
उत्तर: विरंजक चूर्ण के निम्न महत्त्वपूर्ण उपयोग हैं-
(i) इसे सूती कपड़े, लिनन और लकड़ी के गुद्दे में उड़ाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
(ii) पीने योग्य पानी से हानिकारक जीवाणुओं के नाश के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
(iii) क्लोरोफॉर्म बनाने में प्रयुक्त होता है।
(iv) न सिकुड़ने वाली ऊन का इसकी सहायता से निर्माण किया जाता है ।
(v) प्रयोगशाला और उद्योगों में ऑक्सीकारक का कार्य करता है ।
प्रश्न:19 अम्लों के सामान्य गुण बताएँ।
उत्तर: अम्लों के सामान्य गुण-
(i) इनका स्वाद खट्टा होता है ।
(ii) ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
(iii) इनका घोल साबन के घोल की तरह चिकना नहीं होता।
(iv) ये धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
(v) ये कार्बोनेट के साथ क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करते हैं।
(vi) अम्ल, क्षारकों से क्रिया करके लवण और पानी बनाते हैं ।
प्रश्न:20 धोने का सोडा तथा बेकिंग सोडे के दो-दो प्रमख उपयोग बताइए।
उत्तर: धोवन सोडे के उपयोग-
(i) जल की स्थायी कठोरता को दूर करने के लिए
(ii) काँच, साबुन, पेपर तथा बोरॉक्स, कॉस्टिक सोडा इत्यादि अनेक महत्त्वपूर्ण यौगिकों के उत्पादन के लिए
बेकिंग सोडे के उपयोग-
(i) एन्टैसिड का एक संघटक क्षारीय होने के कारण अम्ल के आधिक्य को उदासीन करता है।
(ii) यह खाद्य एवं पेय पदार्थों के योज्य पदार्थ के रूप में प्रयुक्त होता है। बेकिंग चूर्ण में सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट एवं टार्टरिक अम्ल या इस जैसा एक अम्ल होता है। जब बेकिंग चूर्ण को गर्म करते हैं तो इसमें विद्यमान सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट विखंडित होकर, कार्बन डाइऑक्साइड एवं सोडियम कार्बोनेट प्रदान करता है। कार्बन डाइऑक्साइड बाध्य
करके ब्रेड एवं केक फूल जाते हैं।
प्रश्न:21 क्षार के समान्य गुण लिखे?
उत्तर-क्षार के समान्य गुण निम्नलिखित है.
इसका स्वाद तीखा होता है.
ये लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते है.
ये फिनोल्फथैलिन के रंग को गुलाबी कर देते है.
इनका स्पर्श साबुन जैसा होता है.
ये तेल के साथ अभिक्रिया कर साबुन बनाते है.
ये क्षार कार्बोनेट और बाईकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया नहीं करते है.
प्रश्न:22 5 अम्ल तथा 5 क्षारक का नाम लिखे l
उत्तर: पांच अम्लो के नाम निम्न है-
1. हाइड्रो क्लोरिक अम्ल (HCl)
2. सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4)
3. नाइट्रिक अम्ल (HNO3)
4. एसिटिक अम्ल (CH3COOH)
5. बेंजोइक अम्ल(C7H6O2)
पांच क्षरको के नाम निम्न है-
1. पोटैशियम हाइड्राक्साइड(KOH)
2. मैग्नेशियम हाइड्राक्साइड(Mg(OH)2)
3.अमोनियम हाइड्राक्साइड(NH4OH)
4. सोडियम हाइड्राक्साइड(NaOH)
5. कैल्शियम हाइड्राक्साइड(Ca(OH)2)
प्रश्न:23 धोवन सोडा के उपयोग लिखे?
उत्तर: धोवन सोडा के निम्नलिखित उपयोग है-
1. सोडियम कार्बोनेट का उपयोग काँच ,साबुन एवं कागज उधोग में होता है.
2. इसका उपयोग बोरेक्स जैसे सोडियम यौगिक के उत्पादन में होता है.
3. सोडियम कार्बोनेट का उपयोग घरो में साफ-सफाई के लिए होता है.
4. जल की स्थाई कठोरता को हटाने के लिए
प्रश्न:24 संतुलन स्थिरांक को प्रभावित करने वाले कारक क्या है?
उत्तर: रासायनिक संतुलन एक ऐसी प्रणाली की स्थिति है जिसमें न तो अभिकारक और न ही उत्पादों की प्रमाणन समय के साथ दिया जाता है, और न ही प्रणाली के गुण माने जाते हैं। जब आगे की प्रतिक्रिया की दर विपरीत प्रतिक्रिया की दर के बराबर होती है, तो सिस्टम रासायनिक संतुलन तक पहुंच जाता है।
रासायनिक संतुलन में, आगे की प्रतिक्रिया की दर पश्च प्रतिक्रिया की दर के बराबर होती है। जैसे, यह एक ऐसी प्रणाली की स्थिति को संदर्भित करता है जिसमें अभिकारक और उत्पाद की संवेदनशीलता समय के साथ कम नहीं होती है।
उसके बाद, सिस्टम की विशेषताएँ दूर हो जाएँगी और स्थिर हो जाएँगी। जब आगे और पीछे की धारणा के समान प्रभाव के कारण अभिशाप और उत्पादों की विशिष्टता नहीं होती है, तो सिस्टम को गति संतुलन में कहा जाता है।
प्रश्न:25 अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर: शुष्क अम्ल (HCL) विद्युत का चालन नहीं करता है। शुष्क अवस्था में HCl, H+ आयन विमुक्त नहीं करता है। ज्योंहि अम्ल में जल की कुछ मात्रा मिला दी जाती है तो यह H+ आयन विमुक्त करने लगता है। अम्ल में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर विद्युत धारा आसानी से बहने लगता है।H+ आयन के चलते जल से विद्युत धारा बहती है। जल विद्युत का चालन करने लगता है।