रसायन विज्ञान अध्याय 3: तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता के Handwritten नोट्स
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बिहार बोर्ड कक्षा 11वी रसायन विज्ञान - अध्याय 3: तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता के Handwritten नोट्स

BSEB > Class 11 > अध्याय 3 Handwritten Notes

पाठ की विषयवस्तु:

"तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता" बिहार बोर्ड कक्षा 11 रसायन विज्ञान पाठमाला का तीसरा पाठ है, जिसमें आवर्त सारणी के माध्यम से तत्त्वों का वर्गीकरण और उनके गुणधर्मों की चर्चा की जाती है। यह पाठ छात्रों को तत्त्वों की समृद्धि, उनके गुणधर्मों के साथ तत्त्वों के आवर्त सारणी में परिचय प्रदान करता है, जिसका महत्वपूर्ण भौतिकी अध्ययन में होता है।

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पाठ का महत्व:

"तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता" पाठ बिहार बोर्ड कक्षा 11 रसायन विज्ञान पाठमाला में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रों को तत्त्वों के वर्गीकरण और उनके गुणधर्मों की समझ प्रदान करता है। आवर्त सारणी के माध्यम से छात्रों को तत्त्वों की समृद्धि और उनके गुणधर्मों के बारे में जानकारी मिलती है, जो उनके विज्ञानिक अध्ययन के आधार का होते हैं।

पाठ के मुख्य विषयवस्तु को समझने के लिए छात्रों से निम्नलिखित प्रश्नों पर चर्चा की जा सकती है:

  1. आवर्त सारणी क्या होती है और इसका क्या महत्व है?
  2. आवर्त सारणी के कितने परियोजनात्मक तत्त्व होते हैं और उनके गुणधर्म क्या होते हैं?
  3. प्रत्येक परियोजनात्मक तत्त्व की अद्वितीयता क्या होती है और उनके गुणधर्म क्या होते हैं?

संक्षेप:

"तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता" पाठ बिहार बोर्ड कक्षा 11 रसायन विज्ञान पाठमाला का तीसरा पाठ है, जिसमें आवर्त सारणी के माध्यम से तत्त्वों का वर्गीकरण और उनके गुणधर्मों की चर्चा की जाती है। यह पाठ छात्रों को तत्त्वों की समृद्धि, उनके गुणधर्मों के साथ तत्त्वों के आवर्त सारणी में परिचय प्रदान करता है, जिसका महत्वपूर्ण भौतिकी अध्ययन में होता है।

महत्वपूर्ण प्रश्न:

  1. आवर्त सारणी क्या होती है और उसका क्या महत्व होता है?
  2. आवर्त सारणी में तत्त्वों का कितना प्रमुख वर्ग होता है और उनके गुणधर्म क्या होते हैं?
  3. प्रत्येक वर्ग में तत्त्वों की समृद्धि और गुणधर्म क्या होते हैं?

निष्कर्ष:

"तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता" बिहार बोर्ड कक्षा 11 रसायन विज्ञान पाठमाला का महत्वपूर्ण पाठ है जो छात्रों को तत्त्वों के वर्गीकरण और उनके गुणधर्मों की समझ प्रदान करता है। आवर्त सारणी के माध्यम से छात्रों को तत्त्वों की समृद्धि और गुणधर्मों के बारे में जानकारी मिलती है, जो उनके विज्ञानिक अध्ययन के आधार का होते हैं।

सामान्य प्रश्न:

प्रश्न 1: तत्त्वों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है आवर्त सारणी में वर्ग तथा आवर्त क्या है?

उत्तर: आवर्त (Period): क्षैतिज पंक्तियाँ, जिनमें तत्त्वों की परमाणु संख्या बढ़ती है। कुल 7 आवर्त होते हैं।वर्ग (Group): ऊर्ध्वाकार स्तंभ, जिनमें तत्त्वों के रासायनिक गुण समान होते हैं। कुल 18 वर्ग होते हैं।

प्रश्न 2: तत्वों के वर्गीकरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: तत्वों का वर्गीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें समान गुणों वाले तत्वों को एक साथ रखा जाता है। इसे आवर्ती वर्गीकरण कहा जाता है, जो तत्वों के गुणों के आधार पर उन्हें व्यवस्थित करता है। इससे तत्वों को समझना और अध्ययन करना आसान होता है।

प्रश्न 3: आवर्तिता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: आवर्तिता का मतलब है, तत्वों के गुणों का एक निश्चित अंतराल के बाद दोहराया जाना। जब तत्वों को परमाणु संख्या के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, तो उनके गुणों में यह बदलाव होता है। इन गुणों को आवर्ती गुण कहा जाता है। ​

प्रश्न 4: न्यूलैंड द्वारा किए गए तत्वों के वर्गीकरण के आधार क्या हैं?

उत्तर: जोहान न्यूलैंड ने 56 तत्वों को उनके भौतिक गुणों के आधार पर 11 समूहों में वर्गीकृत किया और अष्टक का सिद्धांत प्रस्तावित किया। इसके अनुसार, हर आठवां तत्व अपने भौतिक और रासायनिक गुणों को दोहराता है। ​

प्रश्न 5: न्यूलैंड द्वारा किए गए तत्वों के वर्गीकरण का आधार क्या था?

उत्तर: जॉन न्यूलैंड्स ने तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम में वर्गीकृत किया और पाया कि हर आठवें तत्व के गुण पहले तत्व के समान होते हैं।

प्रश्न 6: मेंडलीफ का आवर्त नियम क्या है?

उत्तर: मेंडलीफ़ के आवर्त नियम के अनुसार, तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं। इसका मतलब है कि जब तत्वों को उनके परमाणु भार के आधार पर व्यवस्थित किया जाता है, तो उनके गुण एक निश्चित अंतराल के बाद दोहराए जाते हैं।