हिंदी गद्य खंड अध्याय 3: आँखो देखा गदर के Handwritten नोट्स
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बिहार बोर्ड कक्षा 11वी - हिंदी गद्य खंड अध्याय 3: आँखो देखा गदर के Handwritten नोट्स

BSEB > Class 11 > अध्याय-3 Handwritten Notes in Hindi

"आँखों देखा गदर" अध्याय के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष की महत्वपूर्णता और समाज सेवा के महत्व की दिशा में एक अन्वेषणात्मक यात्रा पर निकलें। जब आप अपनी बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी परीक्षा की तैयारी करें, तो गदर आंदोलन के महत्वपूर्ण संघर्ष की घटनाओं को समझें और समाज सेवा के महत्व को प्रस्तुत करें।

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बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी साहित्य के अध्याय "आँखों देखा गदर" एक समाज में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को प्रकट करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अध्याय में स्वामी अग्निवेश द्वारा लिखित गदर आंदोलन के समय की घटनाओं का वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त, यह अध्याय परीक्षा के परिप्रेक्ष्य से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह छात्रों को नेतृत्व, समर्पण और समाज सेवा के महत्व को समझाता है।

अध्याय अवलोकन:

  • गदर आंदोलन का परिचय: "आँखों देखा गदर" अध्याय में व्यक्तिगत और सामाजिक संघर्ष के माध्यम से गदर आंदोलन का परिचय प्रस्तुत किया गया है।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष: अध्याय में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के दौरान हुई घटनाओं का वर्णन है। यह दिखाता है कि कैसे व्यक्तिगत समर्पण और समाज सेवा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को सशक्त बनाया।
  • व्यक्तिगत समर्पण: इस अध्याय में व्यक्तिगत समर्पण और समाज सेवा के माध्यम से व्यक्तियों की भागीदारी और उनके संघर्ष को व्यक्त किया गया है।

परीक्षा में महत्व:

  • इतिहास की अध्ययन सामग्री: इस अध्याय का परीक्षा में बड़ा महत्व होता है, क्योंकि यह छात्रों को भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष के दौरान की घटनाओं को समझाता है जिनका उत्कृष्टता से विवरण किया गया है।
  • समाज सेवा की महत्वपूर्णता: यह अध्याय समाज सेवा के महत्व को समझने में मदद करता है और परीक्षा में समाज सेवा के विशेषता और उसके प्रभाव को समझाने के लिए महत्वपूर्ण है।

सामान्य प्रश्न:

प्रश्न 1: आँखों देखा गदर में किसका वर्णन है?

उत्तर: "आँखों देखा गदर" 1857 के भारतीय विद्रोह का आँखों देखा हाल है।इस पाठ में, अंग्रेज़ों ने जब भारत के कई राज्यों पर कब्ज़ा कर लिया था, तब उन्होंने झांसी को भी अपने शासन में मिलाने की कोशिश की थी. रानी लक्ष्मीबाई ने कहा था कि वे अपनी झांसी भी अंग्रेज़ों को नहीं देंगे. इसके बाद, अंग्रेज़ों ने झांसी पर हमला कर दिया था. इस युद्ध में झांसी की रानी ने अंग्रेज़ों के हज़ारों सैनिकों को मौत के घाट उतारा था |

प्रश्न 2: आँखों देखा गदर रचना की विधि क्या है?

उत्तर:"आँखों देखा गदर" की रचना संस्मरण विधा में की गई है, जिसमें लेखक ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में एकमात्र आंखों देखा विवरण किया है।

प्रश्न 3: आँखों देखा गदर कहाँ से लिया गया है?

उत्तर:'आँखो देखा गदर' माझा प्रवास से लिया गया है ।

प्रश्न 4: गदर किसकी रचना है?

उत्तर: 'आँखो देखा गदर' माझा प्रवास से लिया गया है ।

प्रश्न 5: विलायती बहादुर कौन थे?

उत्तर:विलायती बहादुर, मुसलमान नौकरों को दिया जाने वाला एक उपनाम था । जो झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ ब्रिटिश सेना के खिलाफ संघर्ष में शामिल थे।इन सैनिकों ने रानी लक्ष्मीबाई के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और ब्रिटिश सेना के खिलाफ झाँसी की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

प्रश्न 6: क्या गदर सच्ची कहानी पर आधारित है?

उत्तर:हां, फ़िल्म 'गदर: एक प्रेम कथा' एक सच्ची कहानी पर आधारित है। यह फ़िल्म, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा (अब म्यांमार) में ब्रिटिश सेना में नौकरी करने वाले बूटा सिंह और उनकी पत्नी शेरों के बीच के प्रेम संबंध पर आधारित है

प्रश्न 7: बाई साहब ने सरदारों से क्या कहा था?

उत्तर:बाई साहब ने सरदारों से कहा था: "आप लोग जो कर रहे हो, वो सही नहीं है। हमें अपनी धरती को छोड़कर नहीं भागना चाहिए। हमें हमारी मातृभूमि के लिए लड़ा चाहिए। अगर हमें मरना भी पड़े, तो अपनी धरती की रक्षा करते हुए मरना चाहिए।"

प्रश्न 8: अंग्रेजों को किले को समझने में कितने दिन लगे फिर उनको क्या किया?

उत्तर: अंग्रेज़ों को झाँसी के किले को समझने में दो दिन लगे और तीसरे दिन उन्हें किले में घुसने का मौका मिला। इस दौरान, रानी लक्ष्मीबाई और उनके सैनिकों द्वारा किले की मजबूत रक्षा की जा रही थी, जिससे अंग्रेज़ों को काफी मुश्किलें आ रही थीं।