"उतरी स्वप्न परी : हरी क्रांति" अध्याय के साथ युवाओं की आवश्यकताओं और सपनों की महत्वपूर्णता को समझें और उनके उत्साह को समझाएं। जब आप अपनी बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी परीक्षा की तैयारी करें, तो यह अध्याय आपको युवाओं की सोच और सपनों के प्रति उनके उत्साह की महत्वपूर्णता को समझाने में मदद करेगा।
बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी साहित्य के अध्याय "उतरी स्वप्न परी : हरी क्रांति" एक कहानी के रूप में युवाओं की आवश्यकताओं और उनके सपनों की महत्वपूर्णता को प्रस्तुत करता है। इस अध्याय में लेखिका श्रीमती चंद्रकांता द्वारा एक स्वप्न परी की कहानी के माध्यम से युवाओं की सोच और सपनों के प्रति उनके उत्साह की चर्चा की गई है। परीक्षा के परिप्रेक्ष्य से, यह अध्याय छात्रों को युवाओं की आवश्यकताओं और सपनों के प्रति समझ और उनके उत्साह को समझाने में मदद करता है।
अध्याय अवलोकन:
- स्वप्न परी की कहानी: इस अध्याय में एक स्वप्न परी की कहानी के माध्यम से युवाओं के सपनों की महत्वपूर्णता को प्रस्तुत किया गया है। परीक्षा के परिप्रेक्ष्य से, छात्रों को युवाओं के सपनों के महत्व को समझने में मदद होगी।
- युवाओं की सोच और उत्साह: लेखिका द्वारा स्वप्न परी की कहानी के माध्यम से युवाओं की सोच और सपनों के प्रति उनके उत्साह की चर्चा की गई है। यह अध्याय छात्रों को उनके सपनों के प्रति प्रेरित करेगा।
- युवाओं के विकास का परिप्रेक्ष्य: इस अध्याय में स्वप्न परी की कहानी के माध्यम से युवाओं के सपनों के प्रति उनके उत्साह के पीछे के कारणों की चर्चा की गई है।
परीक्षा में महत्व:
- युवाओं की सोच और सपने: "उतरी स्वप्न परी : हरी क्रांति" अध्याय का परीक्षा में बड़ा महत्व होता है, क्योंकि यह छात्रों को युवाओं की सोच और सपनों के प्रति उनके उत्साह की महत्वपूर्णता को समझाता है।
- युवाओं के उत्साह को समझना: इस अध्याय से छात्र युवाओं के सपनों के प्रति उनके उत्साह को समझ सकते हैं और परीक्षा में उनके उत्साह को प्रस्तुत कर सकते हैं।
सामान्य प्रश्न:
प्रश्न 1: हरित क्रांति क्या है संक्षेप में?
उत्तर: हरित क्रांति (Green Revolution) कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन था, जो 1960 के दशक में शुरू हुआ और खासतौर पर विकासशील देशों में खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया गया।
प्रश्न 2: हरित क्रांति किस योजना में शुरू हुई थी?
उत्तर: हरित क्रांति की शुरुआत 1965 में हुई थी और यह तीसरी पंचवर्षीय योजना (1961-66) के दौरान भारत में लागू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में कृषि उत्पादन को बढ़ाना और खाद्यान्न संकट को हल करना था।
प्रश्न 3: हरित क्रांति के जनक कौन थे?
उत्तर: भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में प्रोफेसर मनकोम्बू संबसिवन स्वामीनाथन (M. S. Swaminathan) को ही माना जाता है।
प्रश्न 4: हरित क्रांति के कितने चरण थे?
उत्तर: हरित क्रांति के दो चरण
- पहला चरण (1965-66 से 1980-81):
- उच्च उपज देने वाली किस्मों (HYVs) का विकास, जैसे गेहूं और चावल।
- सिंचाई, उर्वरक और मशीनीकरण का विस्तार, खासकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में।
- दूसरा चरण (1980-81 से 2000-01):
- हरित क्रांति की तकनीकों का अन्य राज्यों में विस्तार।
- सतत कृषि तकनीकों का विकास और जल संरक्षण की दिशा में कदम।
हरित क्रांति ने कृषि उत्पादन में वृद्धि की, लेकिन इसके परिणामस्वरूप पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियाँ भी सामने आईं।
प्रश्न 5: भारत में हरित क्रांति का दूसरा नाम क्या था?
उत्तर: भारत में हरित क्रांति का दूसरा नाम 'सदाबहार क्रांति' था, क्योंकि इसका उद्देश्य कृषि उत्पादन में निरंतर वृद्धि और स्थायित्व लाना था। यह विशेष रूप से उन राज्यों में सफल रही, जहां खेती के पारंपरिक तरीके और उत्पादन में कमी थी।