बिहार बोर्ड कक्षा 11वी - हिंदी पद्य खंड अध्याय 1: पद - गुरुनानक के Handwritten नोट्स
बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी साहित्य के पहले अध्याय "पद - गुरु नानक" में गुरु नानक देव जी की भक्ति और समाज के प्रति उनके संदेश को दर्शाया गया है। इस अध्याय में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा गुरु नानक देव जी की महत्वपूर्णता को प्रकट किया गया है। परीक्षा के परिप्रेक्ष्य से, यह अध्याय छात्रों को गुरु नानक देव जी के संदेश को समझने में मदद करेगा।
अध्याय अवलोकन:
- गुरु नानक के संदेश: इस अध्याय में गुरु नानक देव जी के भक्ति और समाज के प्रति उनके संदेश प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने मानवता के मूल्यों की महत्वपूर्णता को बताया है।
- भक्ति और सेवा: गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन में भक्ति और सेवा के महत्व को दर्शाया। उन्होंने भगवान की भक्ति के माध्यम से समाज की सेवा का संदेश दिया।
- समाज में समरसता: गुरु नानक देव जी के आदर्शों में समाज में समरसता की महत्वपूर्णता है। उन्होंने विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच समरसता के संदेश को प्रस्तुत किया।
परीक्षा में महत्व:
- गुरु नानक के संदेश का महत्व: "पद - गुरु नानक" अध्याय का परीक्षा में बड़ा महत्व होता है, क्योंकि यह छात्रों को गुरु नानक देव जी के संदेश को समझने में मदद करता है।
- भक्ति और समाज सेवा के महत्व: छात्र इस अध्याय से भक्ति और समाज सेवा के महत्व को समझ सकते हैं और परीक्षा में उनके संदेश को प्रस्तुत कर सकते हैं।