बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 10 तरलों के यांत्रिकी गुण लघु उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 10 तरलों के यांत्रिकी गुण लघु उत्तरीय प्रश्न

EFG

लघु उत्तरीय प्रश्न

 प्रश्न 1. दाब से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर:  किसी तल के एकांक क्षेत्रफल पर तल के लंबवत् लगने वाले बल को दाब कहते हैं अर्थात्

                                      दाब (P) =तल के लंबवत्  बल (F)तल का  क्षेत्रफल (A) 

इसका मात्रक SI पद्धति में न्यूटन/वर्ग मीटर है। इसे पास्कल भी कहते हैं। इसका विमीय सूत्र [M1L-1T-2] है।

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प्रश्न 2. तरल किसे कहते हैं ? तरल दाब से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर:  तरल वह पदार्थ है जिसकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती है तथा जिसमें प्रवाह का गुण पाया जाता है। द्रव तथा गैसें तरल हैं।

प्रति इकाई क्षेत्रफल पर तरल द्वारा लगाये गये दाब को तरल दाब कहते हैं।

प्रश्न 3.तरल दाब के संचरण सम्बन्धी पास्कल का नियम लिखिये तथा इसके उपयोग बताइये।

उत्तर:  पास्कल के नियमानुसार यदि किसी तरल पर कहीं भी बाहर से दाब लगाया जाता है तो यह दाब सभी दिशाओं में समान तथा उतना ही (बिना कम हुए) संचरित हो जाता है।

उपयोग – द्रव चालित प्रेस, द्रव चालित लिफ्ट।

प्रश्न 4. समान गहराई के मिट्टी के तेल, पानी तथा पारे में से किसके कारण तली पर दाब अधिकतम होगा तथा क्यों ?

उत्तर:  पारे के कारण तली पर दाब अधिकतम होगा क्योंकि दाब ≈ hdg (अर्थात् समान गहराई के लिए दाब ∝ d ) तथा इनमें से पारे का घनत्व सबसे अधिक है।

प्रश्न 5. जलाशयों के बाँध की दीवारें तली में अधिक मोटी होती हैं, क्यों ?

उत्तर:  जलाशयों के बाँध की दीवारें तली में अधिक मोटी होती हैं क्योंकि गहराई बढ़ने से द्रव का दाब बढ़ता है अतः जलाशय की तली पर पानी का दाब अधिकतम होता है। इस अधिकतम दाब को सहन करने के लिए तली पर दीवारें अधिक मोटी होती हैं।

प्रश्न 6. ससंजक तथा आसंजक बलों का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: ससंजक बल – एकं ही पदार्थ के अणुओं के मध्य लगने वाला आकर्षण बल को ससंजक बल कहते हैं।

आसंजक बल – विभिन्न पदार्थों के अणुओं के मध्य लगने वाले आकर्षण बल को आसंजक बल कहते हैं।

प्रश्न 7. पृष्ठ तनाव से क्या समझते हो?

उत्तर: द्रवों का एक विशेष गुण जिसके कारण उनका स्वतंत्र पृष्ठ एक तनी हुई झिल्ली की भाँति व्यवहार करता है, पृष्ठ तनाव कहलाता है।

अथवा किसी द्रव का पृष्ठ तनाव वह बल है जो कि द्रव के पृष्ठ पर खींची गई किसी काल्पनिक रेखा की एकांक लंबाई पर पृष्ठ के तल में तथा रेखा के लंबवत् लगता है। इसका SI मात्रक न्यूटन/मीटर तथा विमीय सूत्र [M1L0T-2] है।

प्रश्न 8. क्या कारण है कि तेज आँधी-तूफान में टिन की छतें उड़ जाती हैं ?

उत्तर: जब आँधी में वायु बहुत तीव्र वेग से टिन की छत के ऊपर से प्रवाहित होती है तो बली की प्रमेयानुसार छत के ऊपर की वायु का दाब बहुत कम हो जाता है जबकि छत के नीचे कमरे के अन्दर की वायु के दाब में कोई परिवर्तन नहीं होता है। यह वायुमंडलीय दाब के बराबर बना रहता है अत: दाबान्तर के कारण टिन की छतें ऊपर उड़कर दूर जा गिरती हैं।

प्रश्न 9 . मनुष्य में उसके मस्तिष्क की अपेक्षा पैरों में रक्तदाब अधिक क्यों होता है ?

उत्तर: मस्तिष्क की अपेक्षा पैरों पर रक्त स्तम्भ की ऊँचाई अधिक होती है अत: मस्तिष्क की अपेक्षा पैरों में रक्तदाब अधिक होता है।

प्रश्न 10. किसी स्थान पर वायुदाब को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?

उत्तर: (1) वायुमंडल की ऊँचाई,

        (2) वायुमंडल का घनत्व,

        (3)  गुरुत्वीय त्वरण (g)

प्रश्न 11. कुंद  चाकू से किसी वस्तु को काटने में बड़ी कठिनाई होती है जबकि तेज धार वाले ब्लेड से कोई वस्तु सुगमतापूर्वक कट जाती है, क्यों ?

उत्तर:  कुंद चाकू की धार मोटी हो जाने के कारण उसका क्षेत्रफल अधिक होता है जिससे चाकू पर बल लगाने पर धार कम दाब डालती है और हमें काटते समय कठिनाई होती है। जबकि तेज धार के ब्लेड की धार का क्षेत्रफल कम होने के कारण ब्लेड पर लगाने पर धार अधिक दाब डालती है जिससे वस्तु सुगमता से कट जाती है।

प्रश्न 12.वायुमंडल में बहुत अधिक ऊपर जाने पर हमारी रक्त नलियों के फटने का भय क्यों रहता है ?

उत्तर: अधिक ऊँचाई पर वायुदाब बहुत कम हो जाता है अतः उसकी तुलना में मनुष्य के शरीर के भीतर की वायु और रक्त का दाब अधिक हो जाता है, दाब की इस अधिकता के कारण मुँह, कान, नाक आदि से रक्त स्राव होने लगता है और रक्त नलियों के फटने का भय हो जाता है।

प्रश्न 13.  1 बार तथा 1 टॉर का अर्थ समझाइये।

उत्तर: (1) 1  बार-यह मौसम विज्ञान में दाब का मात्रक होता है।

         (2)  1 बार  =1 105 न्यूटन/ मीटर2= 105 पॉस्कल

         (3) 1  टॉर – यह भी दाब का मात्रक है जिसे टॉरिसिली के नाम पर रखा गया है।

         (4) 1 टॉर = 133.20 पास्कल।

प्रश्न 14. किसी असमान अनुप्रस्थ परिच्छेद वाली नली में बहने वाले जल का दाब नली के सँकरे भाग की अपेक्षा चौड़े भाग में अधिक होता है, क्यों?

उत्तर:

सातत्य समीकरण से a1v1 =a2v2

स्पष्ट है कि यदि a2 > a1  तो v2 < v1

अब बर्नूली प्रमेय से क्षैतिज तल के लिए  12dv12 + p1 = 12dv22 + p

यदि v2 < v1 तो P1 < P2

अर्थात् a2 < a1 तो P1 < P2

अत: चौड़े भाग में द्रव का दाब अधिक तथा संकरे भाग में द्रव का दाब कम होगा।

प्रश्न 15. बर्नूली प्रमेय के अनुसार एकसमान त्रिज्या के क्षैतिज पाइप में जल का दाब एकसमान रहना चाहिये परन्तु वास्तव में यह घटता जाता है, इसका क्या कारण है ?बर्नूली प्रमेय के तीन व्यावहारिक उपयोग बताइये।

उत्तर: जल को क्षैतिज पाइप में बहने के लिये जल के श्यान बल के विरुद्ध कार्य करने के लिए ऊर्जा चाहिये। यह ऊर्जा जल की दाब ऊर्जा से प्राप्त होती है अत: जल का दाब घटता जाता है।

बर्नूली प्रमेय के तीन व्यावहारिक उपयोग-

फिल्टर पंप,

स्प्रेयर,

वेन्चुरीमीटर।

प्रश्न 16. स्टोक का नियम लिखिए।

उत्तर:  इस नियमानुसार जब कोई गोलाकार ठोस जिसकी त्रिज्या r है, किसी श्यान द्रव (श्यानता गुणांक ) में एक नियत वेग v से गिरता है तो गति की दिशा के विपरीत गोले पर एक श्यान बल F = 6rv लगता है।

प्रश्न 17. श्यानता गुणांक की विमाएँ ज्ञात कीजिए।

उत्तर:   

                                           F  = -.A. dvdx 

                                            = - FA . dvdx

 

                                           []  = - [M1L-1T-2] [L2] . [L T-1][ L ] = [M1L-1T-1]

प्रश्न 18. श्यानता का आण्विक सिद्धांत लिखिए।

उत्तर: द्रव में श्यानता उसके अणुओं के मध्य लगने वाले ससंजक बलों के कारण होती है जब द्रव की विभिन्न पर्तों के बीच आपेक्षिक गति होती है तो अणुओं के बीच की दूरी बढ़ जाती है। अतः ससंजक बल इसका विरोध करते हैं। श्यानता तरल पदार्थों का गुण होता है। गैसों में द्रवों की तुलना में श्यानता कम होती है।

प्रश्न 19. गहरा जल शान्त क्यों बहता है ?

उत्तर:  बर्नूली प्रमेय के अनुसार, दाब अधिक होने पर तरल कम वेग से बहता है। जल जितना अधिक गहरा होता है, उसका स्थैतिक दाब उतना ही अधिक होता है फलस्वरूप गहरा जल, कम वेग से अर्थात् शान्त बहता है।

प्रश्न 20. संतुलित भौतिक तुला के पलड़े के नीचे तेजी से हवा चलाने पर पलड़ा नीचे झुक जाता है, क्यों?

उत्तर:  पलड़े के नीचे तेजी से हवा चलाने पर बर्नूली प्रमेय के अनुसार वायुदाब कम हो जाता है। ऊपर वायुदाब अधिक होने के कारण पलड़ा नीचे झुक जाता है।

प्रश्न 21. स्पष्ट कीजिए क्यों-

(a) 6 किमी ऊँचाई पर वायुमण्डलीय दाब समुद्र तल पर वायुमण्डलीय दाब का लगभग आधा हो जाता है, यद्यपि वायुमण्डल का विस्तार 100 किमी से अधिक ऊँचाई तक है।

(b) यद्यपि दाब, प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला बल होता है तथापि द्रव स्थैतिक दाब एक अदिश राशि है।

उत्तर:

(a) क्योंकि वायु का घनत्व 6 किमी के बाद कम होने लगता है।

(b) पास्कल नियम के अनुसार द्रव पर आरोपित दाब सभी दिशाओं में समान रूप से संचरित होता है अतः इसकी कोई निश्चित दिशा नहीं है।

प्रश्न 22. कार की आकृति ऊपर से नीचे की ओर ढलानदार क्यों बनायी जाती है ?

उत्तर: कार की इस तरह की आकृति को धारारेखीय आकृति कहा जाता है। इस तरह वायु द्वारा कार पर लगाया गया श्यान बल न्यूनतम हो जाता है।

प्रश्न 23. आकाश में बादल तैरते हुए क्यों मालूम पड़ते हैं ?

उत्तर: बादल संघनित जलवाष्प के कणों से बना होता है। ये कण वायु की श्यानता के कारण बहुत धीरेधीरे ही नीचे आ सकते हैं। यही कारण है कि वे आकाश में तैरते दिखाई देते हैं।

प्रश्न 24. क्या प्रवाहित द्रव में दो धारारेखाएँ परस्पर काट सकती हैं ? कारण सहित समझाइये।

उत्तर: प्रवाहित द्रव में दो धारारेखाएँ परस्पर नहीं काट सकती हैं। इसका कारण यह है कि धारा रेखा के किसी बिन्दु पर खींची गयी स्पर्शरेखा उस बिन्दु पर द्रव के वेग की दिशा प्रदर्शित करती है। यदि दो धारा रेखाएँ एक-दूसरे को काटेंगी तो कटान बिन्दु पर द्रव के वेग की दो दिशाएँ होंगी जो कि असंभव है।

प्रश्न 25. धारारेखीय प्रवाह से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर: जब कोई तरल इस प्रकार प्रवाहित होता है कि उसका प्रत्येक कण उसी मार्ग पर गति करता है जिस मार्ग पर उससे पहले वाला कण चलकर आगे बढ़ चुका है तो तरल के प्रवाह को धारारेखीय प्रवाह कहते हैं।

प्रश्न 26. बैरोमीटर तथा मैनोमीटर में क्या अन्तर है ?

उत्तर:बैरोमीटर की सहायता से वायुदाब का मापन होता है जबकि मैनोमीटर द्वारा किसी बर्तन के अन्दर की गैस का दाब मापा जाता है।

प्रश्न 27. स्पर्श कोण किसे कहते हैं ?

उत्तर: द्रव के तल पर, ठोस के उस बिन्दु से जहाँ यह ठोस के स्पर्श में है, खींची गयी स्पर्श रेखा तथा द्रव के अन्दर डूबी हुई ठोस की सतह के बीच के कोण को उस द्रव का स्पर्श कोण कहते हैं।

प्रश्न 28. केशिकत्व से आप क्या समझते हो?

उत्तर: केशनली को किसी द्रव में डुबाने पर पृष्ठ तनाव के कारण द्रव का नली में ऊपर चढ़ना या नीचे उतरना केशिकत्व कहलाता है।


उदाहरण – लालटेन में बत्ती के धागों के बीच बनी केशनलियों द्वारा तेल ऊपर चढ़कर जलता है।