बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 11 द्रव्य के तापीय गुण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 11 द्रव्य के तापीय गुण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए कि क्षेत्रीय प्रसार गुणांक, रेखीय प्रसार गुणांक का दोगुना होता है।

उत्तर:

माना किसी पदार्थ के एक वर्गाकार समतल की प्रत्येक भुजा की लंबाई l है। उसके ताप को T  से बढ़ाने पर उसकी प्रत्येक भुजा की लंबाई ( l + l) हो जाती है।

अतः प्रारंभिक क्षेत्रफल A = l2

एवं अन्तिम क्षेत्रफल   ( A +A) = ( l + l )2

∴ क्षेत्रफल में वृद्धि     A +A - A = ( l + l )2 - l2 

∴ A = l2 + l2 + 2l l - l2 = 2l l + l2

l छोटी राशि है। अत: l2 का मान बहुत कम होगा अतः इसकी उपेक्षा करने पर,

    A  =  2l l

∴ क्षेत्रीय प्रसार गुणांक    = AA . T

∴   =2 l . l l2 . T  = 2 . ll . T = 2

अर्थात् क्षेत्रीय प्रसार गुणांक, रेखीय प्रसार गुणांक का दो गुना होता है।

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प्रश्न 2. ऊष्माधारिता तथा विशिष्ट ऊष्मा में अंतर लिखिए।

उत्तर:  ऊष्माधारिता तथा विशिष्ट ऊष्मा में अंतर- 

                  ऊष्माधारिता

                  विशिष्ट ऊष्मा

1. किसी पदार्थ के ताप को 10C  या (1 K) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की ऊष्माधारिता कहते हैं।

1. किसी पदार्थ के एकांक द्रव्यमान के ताप को 10C या (1 K) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा को उस पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा कहते हैं।

2. इसका SI मात्रक जूल/केल्विन है।

2. इसका SI मात्रक जूल/किग्रा/केल्विन है।

3. इसका विमीय सूत्र [M1L2T-2-1] है।

3. इसका विमीय सूत्र [M0L2T-2-1] है।

प्रश्न 3. प्रयोगशाला में न्यूटन के शीतलन नियम का सत्यापन करने के प्रयोग का वर्णन निम्न शीर्षकों के अन्तर्गत कीजिए-

(i) नियम का कथन,

(ii) उपकरण का नामांकित चित्र,

(iii) शीतलन वक्र तथा उसके आधार पर प्राप्त निष्कर्ष,

(iv) सावधानियाँ, (कोई दो)।

उत्तर:

(i) नियम का कथन-इस नियमानुसार, किसी वस्तु के शीतलन की दर उस वस्तु तथा बाह्य वातावरण के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है।

(ii) उपकरण का नामांकित चित्र-

(iii) शीतलन वक्र तथा उसके आधार पर प्राप्त निष्कर्ष – शीतलन वक्र ऊपर के चित्र में प्रदर्शित है।

शीतलन वक्र पर कोई दो बिन्दु A तथा B लेकर इन बिन्दुओं से ताप तथा समय अक्ष पर लंब डालते हैं तथा लंब परतों के संगत ताप अक्ष पर तापान्तर (1 - 2)व समय अक्ष पर 1 से 2 तक ताप गिरने मे लगा समय t =( EF ) ज्ञात कर लेते हैं। इसी प्रकार वक्र पर अनेक बिन्दु लेकर अलग-अलग क्षणों पर तापान्तर व उतना ताप गिरने में लगा समय ज्ञात कर लेते हैं। अब यदि कमरे का ताप है तो प्रत्येक तापान्तर के लिए पानी के माध्य ताप = 1 + 22

 तथा कमरे के ताप का अन्तर = 1 + 22 -   एवं ताप गिरने की दर = 1 - 2t

 ज्ञात करके पुनः ताप गिरने की दर को Y - अक्ष पर तथा माध्य तापान्तर को X-अक्ष पर लेकर एक ग्राफ खींचते हैं जो चित्र की भाँति एक सरल रेखा प्राप्त होती है। इससे सिद्ध होता है कि पानी के ठण्डे होने की दर पानी के माध्य ताप तथा समीपवर्ती तापान्तर के अनुक्रमानुपाती है।

यही न्यूटन का शीतलन नियम है।

(iv) सावधानियाँ –

कैलोरीमापी को दोहरी दीवार वाले बर्तन में इस प्रकार रखना चाहिए कि यह बर्तन की दीवार को स्पर्श न करे।

कैलोरीमापी में पानी को विलोडित करते रहना चाहिये।

प्रश्न 4. दो विभिन्न पदार्थों की छड़ों से बने संयुक्त गुटके (जिनके अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल समान हैं) के बाहरी पृष्ठों को अलग-अलरा ताप पर रखा जाता है। उनके अन्तरापृष्ठ के ताप तथा संयुक्त गुटके की ऊष्मा चालकता के लिए व्यंजक निगमित कीजिए।

उत्तर: 

 

एक संयुक्त गुटका दिखाया गया है जो दो पदार्थों की छड़ों से मिलकर बना है। इनकी लंबाइयाँ क्रमशः l1 तथा l2 हैं और ऊष्मा चालकता गुणांक क्रमशः K1 तथा K2 हैं दोनों छड़ों के पृष्ठों का क्षेत्रफल समान (माना A) है माना स्थायी अवस्था में पहली छड़ के बाहरी पृष्ठ का ताप 10 C तथा दूसरी छड़ के बाहरी पृष्ठ का ताप 20 C है (जबकि (1 > 2 ))

मानाकि अन्तरापृष्ठ का स्थायी ताप 0 C है। स्थायी अवस्था में प्रत्येक छड़ से बाहर ऊष्मा प्रवाह की दर समान होगी। अत: ऊष्मा प्रवाह की दर

                           Qt = K1 A ( 1 - )l1 =K2 A ( - 2  )l2

    अतः                 K1  l1 (1 - ) =K2 l2 ( - 2)    

     या                    = K1  l2 1 + K2 l12     K2 l1 + K1 l2         ……………(1)  

उपर्युक्त समीकरण गुटके के अन्तरापृष्ठ का ताप बताता है।

अतः  ऊष्मा प्रवाह की दर  Qt = K1 A l1 - K1  l2 1 + K2 l12     K2 l1 + K1 l2  

या    Qt = A ( 1 - 2 ) l1K1 + l2K2               …………..(2)

यदि संयुक्त गुटके की ऊष्मा चालकता K है तो परिभाषानुसार,

                           Qt = K A ( 1 - 2)l1 + l2              ………..(3)

समीकरण (2) तथा (3) की तुलना करने पर 

                          Kl1 + l2 = 1 l1K1+ l2K2   

या संयुक्त गुटका की ऊष्मा चालकता  K  = l1 + l2 l1K1+ l2K2            …………(4)

 

प्रश्न 5. चालन, संवहन और विकिरण में अन्तर लिखिए।

उत्तर: चालन, संवहन और विकिरण में अन्तर

              चालन

            संवहन

             विकिरण

1. इस विधि में ऊष्मा गर्म सिरे से ठण्डे सिरे की ओर प्रवाहित होती है। माध्यम के कण अपनी माध्य स्थिति के दोनों ओर गति करते हैं किन्तु आगे बिल्कुल नहीं बढ़ते।

2.इस विधि से ऊष्मा संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

3.इस विधि से ऊष्मा ठोसों में संचरित होती है।

4.इस विधि से ऊष्मा संचरण का पथ टेढ़ा-मेढ़ा हो सकता है।

1. इस विधि में माध्यम का प्रत्येक कण ऊष्मा स्रोत से ऊष्मा लेता है तथा गतिशील होता है।

2.इस विधि से भी ऊष्मा संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

3.इस विधि से ऊष्मा तरल में संचरित होती है।

4. इस विधि से भी ऊष्मा संचरण का पथ टेढ़ा-मेढ़ा हो सकता है।

1. इस विधि में ऊष्मा सरल रेखा में चलकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचती है।

2.इस विधि से ऊष्मा संचरण के लिए माध्यम की आव- श्यकता नहीं होती। 

3.इस विधि से ऊष्मा निर्वात्, गैसीय माध्यम या पारदर्शी माध्यम में संचरित होती है। 

4.इस विधि से ऊष्मा संचरण का पथ सरल रेखीय होता है।

प्रश्न 6. न्यूटन का शीतलन नियम लिखिए। इसके आधार पर शीतलन दर और वातावरण के ताप में सम्बन्ध दर्शाने वाला व्यंजक ज्ञात कीजिए। इस नियम के लागू होने की शर्ते लिखिए।

उत्तर: न्यूटन के शीतलन नियम के अनुसार – समान अवस्था रहने पर विकिरण द्वारा किसी वस्तु के ठण्डे होने की दर (अर्थात् ऊष्मा क्षय की दर) उस क्षण वस्तु और आसपास के वातावरण के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है (जबकि तापान्तर बहुत अधिक न हो)।

अर्थात् शीतलन दर ∝ तापान्तर

यदि किसी वस्तु का प्रारंभिक ताप 10 C है तथा t सेकण्ड नाद उसका ताप 20 C है तो वस्तु के ठण्डे होने की दर = 1 - 2t

तथा वस्तु का माध्य ताप = 1 - 220 C

अब यदि वस्तु के चारों ओर वातावरण का ताप 0 C है तो वस्तु के माध्य ताप तथा वातावरण के ताप में अन्तर = 1 + 2t -

∴ न्यूटन के शीतलन नियम से,

          1 - 2t ∝ 1 + 2t -

न्यूटन का शीतलन नियम लागू होने की शर्ते-

वस्तु तथा उसके समीपवर्ती वातावरण का तापान्तर अधिक नहीं होना चाहिए।

वस्तु से ऊष्मा क्षय केवल विकिरण द्वारा होना चाहिये।

प्रश्न 7. ऊष्मीय प्रतिरोध से आप क्या समझते हैं ? इसका सूत्र स्थापित कीजिए तथा SI में इसका मात्रक लिखिए।

उत्तर: स्थायी अवस्था में किसी सुचालक छड़ से ऊष्मा प्रवाह में छड़ द्वारा डाली गयी रुकावट को उस छड़ का ऊष्मीय प्रतिरोध कहते हैं।

माना l लंबाई तथा A  अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल की छड़ के गर्म सिरे का ताप 10 C तथा ठण्डे सिरे का ताप 20 C है तो स्थायी अवस्था में छड़ से ऊष्मा प्रवाह की दर

       Qt = K A ( 1 - 2)l

जहाँ K = छड़ के पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक है।

या तापान्तर ( 1 - 2 ) = lKA ऊष्मा प्रवाह की दर Qt

इस समीकरण की ओम के नियम V = R.I या

विभवान्तर = प्रतिरोध धारा (या आवेश प्रवाह की दर) से तुलना करने पर, यदि तापान्तर ( 1 - 2 ) को विभवान्तर V के तुल्य मानें तथा ऊष्मा प्रवाह की दर  Qt को आवेश प्रवाह की दर या धारा  I के तुल्य मानें तो राशि IK A को प्रतिरोध R के तुल्य माना जा सकता है। अत: राशि IK A को ऊष्मीय प्रतिरोध कहते हैं।

अतः ऊष्मीय प्रतिरोध R =IK A =( 1 - 2 ) Qt

ऊष्मीय प्रतिरोध का SI मात्रक °C सेकण्ड / जूल है।

प्रश्न 8. उत्सर्जन क्षमता तथा अवशोषण क्षमता की परिभाषा लिखिए।

उत्तर:

उत्सर्जन क्षमता – किसी वस्तु के एकांक क्षेत्रफल से प्रति सेकण्ड उत्सर्जित होने वाले ऊष्मीय विकिरण की मात्रा को उस वस्तु की उत्सर्जन क्षमता कहते हैं। इसे e से व्यक्त करते हैं।

यदि वस्तु के पृष्ठ का क्षेत्रफल A हो तथा : सेकण्ड में उससे उत्सर्जित ऊष्मीय विकिरण की मात्रा Q हो

तो वस्तु की उत्सर्जन क्षमता e = QA t

SI में उत्सर्जन क्षमता का मात्रक जूल/मीटर2 सेकण्ड या वाट/ मीटर2 है।

अवशोषण क्षमता – किसी वस्तु द्वारा निश्चित समय में अवशोषित ऊष्मा विकिरण की मात्रा और उतने ही समय में उस पर आपतित ऊष्मा विकिरण की मात्रा के अनुपात को उस वस्तु की अवशोषण क्षमता कहते हैं।

यदि वस्तु पर आपतित ऊष्मा विकिरण की मात्रा Q तथा उसके द्वारा अवशोषित ऊष्मा विकिरण की मात्रा q हो, तो

वस्तु की अवशोषण क्षमता a = qQ

प्रश्न 9. ऊष्मीय विकिरण और प्रकाश विकिरण में तीन समानताएँ और तीन असमानताएँ लिखिए।

उत्तर: समानताएँ-

(1) दोनों निर्वात में गमन कर सकते हैं।

(2) दोनों का वेग समान ( 3 108 मी./ सेकण्ड) होता है।

(3) दोनों में परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण, विवर्तन, ध्रुवण आदि की घटनाएं होती हैं।

असमानताएँ-

(1)  प्रकाश का तरंगदैर्ध्य कम ( 4 10-5 सेमी से 8 10-5 सेमी) होता है जबकि ऊष्मीय विकिरण का तरंगदैर्घ्य अधिक (8 10-5 सेमी से 0.04 सेमी) होता है।

(2) प्रकाश, विद्युत्-चुम्बकीय वर्णक्रम के दृश्य क्षेत्र में होता है जबकि ऊष्मीय विकिरण विद्युत्-चुंबकीय क्षेत्र के अदृश्य क्षेत्र में होता है।

(3) प्रकाश में ऊष्मीय प्रभाव नगण्य होता है जबकि ऊष्मीय विकिरण में अधिक प्रकाश प्रभाव होता है।

प्रश्न 10. ताप की स्थायी दशा में किसी छड़ में गमन करने वाली ऊष्मा की मात्रा हेतु व्यंजक प्रतिपादित कीजिए।

उत्तर: ताप की स्थायी दशा में किसी छड़ के एक फलक से दूसरे फलक की ओर प्रवाहित होने वाली ऊष्मा की मात्रा Q निम्न बातों पर निर्भर करती है-

(1) छड़ के फलक के क्षेत्रफल A के अनुक्रमानुपाती होती है। अर्थात् Q ∝ A . 

(2) छड़ के फलकों के तापान्तर ( 1 - 2) के अनुक्रमानुपाती होती है।

अर्थात् Q ∝ ( 1 - 2)

(3) गर्म किये जाने वाले समय t के अनुक्रमानुपाती होती है। अर्थात्

Q ∝ t

(4) दोनों फलकों के बीच की दूरी (छड़ की लंबाई) d के व्युत्क्रमानुपाती होती है-

अर्थात् Q ∝ 1d

इन सबको मिलाकर लिखने पर,

Q ∝ A ( 1 - 2) t d

या Q = K A ( 1 - 2) t d

जहाँ K= नियतांक है जिसे छड़ के पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक कहते हैं।

प्रश्न 11. ताप की परिवर्ती तथा स्थायी दशा में अन्तर लिखिए।

उत्तर: ताप की परिवर्ती तथा स्थायी दशा में अन्तर-

                  परिवर्ती दशा

                   स्थायी दशा

1. जब सुचालक छड़ के एक सिरे को गर्म किया जाता है तो उसके प्रत्येक भाग का ताप धीरे-धीरे बढ़ने लगता है, इसे ताप की परिवर्ती दशा कहते हैं।

1. सुचालक छड़ के एक सिरे को गर्म किया जाता है तो उसके प्रत्येक भाग का ताप धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और एक स्थिति ऐसी आती है जबकि ताप बढ़ना रुक जाता है, इसे ताप की स्थायी दशा कहते हैं।

2. इस दशा में छड़ के प्रत्येक भाग द्वारा ऊष्मा का अवशोषण होता है।

2. इस दशा में छड़ के किसी भी भाग द्वारा ऊष्मा का अवशोषण नहीं होता है।

3. इस दशा में ऊष्मा प्रवाह की दर छड़ की ऊष्मा चालकता तथा उसकी ऊष्माधारिता पर निर्भर करती है।

3. इस दशा में ऊष्मा प्रवाह की दर छड़ की ऊष्मा चालकता उसकी ऊष्माधारिता पर नहीं।

प्रश्न 12. बादलों वाली रात, स्वच्छ आकाश वाली रात की अपेक्षा गर्म होती है, क्यों?

उत्तर: बादलों वाली रात, स्वच्छ आकाश वाली रात की अपेक्षा गर्म होती है। इसका कारण यह है कि दिन में सूर्य की गर्मी से पृथ्वी गर्म हो जाती है और रात में पृथ्वी विकिरण द्वारा ऊष्मा उत्सर्जित करके ठण्डी हो जाती है। आकाश स्वच्छ रहने पर पृथ्वी से उत्सर्जित ऊष्मा आकाश में शीघ्रता से चली जाती है जिससे वायुमंडलीय ताप कम हो जाता है और हमें ठण्ड महसूस होती है। लेकिन बादलों से घिरे आकाश की रात में पृथ्वी से उत्सर्जित ऊष्मा आकाश में नहीं जा पाती है, बल्कि बादलों से परावर्तित होकर पृथ्वी पर वापस लौट आती है (क्योंकि बादल ऊष्मा के कुचालक हैं) जिससे बादलों वाली रात गर्म महसूस होती है।

प्रश्न 13. पानी के विलक्षण प्रसार से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर: प्रायः सभी द्रवों का आयतन गर्म करने पर बढ़ता है, परन्तु पानी 00C से 40C तक गर्म करने पर आयतन में घटता है तथा 40C के पश्चात् गर्म करने पर पुनः बढ़ने लगता है। इसी प्रकार पानी को कमरे के ताप पर लेकर ठण्डा करें तो उसका आयतन 40C ताप तक घटता है किन्तु 40C के नीचे ठण्डा करने पर बढ़ता है। स्पष्ट है कि 40C पर पानी का घनत्व अधिकतम होता है। पानी के इस प्रकार के प्रसार को विलक्षण प्रसार कहते हैं।

पानी के इस विलक्षण प्रसार के कारण जाड़े के दिनों में (या ठण्डे प्रदेशों में) अधिक ठण्ड के कारण समुद्र, झील या तालाब की सतहें तो बर्फ से ढंक जाती हैं परन्तु 40C के पानी का घनत्व अधिकतम् होने से तली का पानी 40C ताप पर ही बना रहता है, जिससे पानी के सभी जीव-जन्तु उसमें जीवित बने रहते हैं।

प्रश्न 14. ऊष्मा तथा ताप में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: ऊष्मा तथा ताप में अंतर-

                        ऊष्मा

                        ताप

1. ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है जो पदार्थ के अणुओं के गति से प्राप्त होती है।

1. ताप वह भौतिक राशि है जो दो वस्तुओं को सम्पर्क में रखने पर और ऊष्मा प्रवाह की दिशा बताती है।

2. इसका व्यावहारिक मात्रक कैलोरी है

2. इसका व्यावहारिक मात्रक °C है।

3. किसी वस्तु में निहित ऊष्मा उसके ताप, द्रव्यमान तथा प्रकृति पर निर्भर करती है।

3. किसी वस्तु का ताप उसमें निहित ऊष्मा पर निर्भर करता है।

4. इसका मापन कैलोरीमिति के सिद्धांत से करते हैं।

4. इसका मापन तापमापी द्वारा करते हैं।

5. यह अदिश राशि है।

5. यह भी अदिश राशि है।

6. दो वस्तुओं में ऊष्मा समान किन्तु ताप भिन्न हो सकते हैं।

6. दो वस्तुओं के ताप समान किन्तु ऊष्मा भिन्न हो सकती हैं।

प्रश्न 15. कैलोरीमिति में मिश्रण विधि के सिद्धान्त को समझाइए।

उत्तर:  जब भिन्न-भिन्न ताप पर रखी दो वस्तुएँ एक-दूसरे के सम्पर्क में लायी जाती हैं या मिलायी जाती हैं तो ऊष्मा अधिक ताप वाली वस्तु से कम ताप वाली वस्तु की ओर तब तक जाती है जब तक कि दोनों वस्तुओं का ताप समान न हो जाये। यदि ऊष्मा क्षय नगण्य हो, तो

गर्म वस्तु द्वारा दी गयी ऊष्मा = ठण्डी वस्तु द्वारा ली गयी ऊष्मा।

माना दो वस्तुएँ A  तथा B  के द्रव्यमान क्रमशः m1  तथा m2 हैं और ताप क्रमशः t10 C  एवं t20 C  हैं ( t1 > t2 )। उन्हें मिलाने पर यदि मिश्रण का ताप t0C हो जाता है, तो

वस्तु A द्वारा दी गयी ऊष्मा = m1 S1 ताप में कमी =m1S1(t1 - t)  

वस्तु B  द्वारा ली गयी ऊष्मा= m2 S2 ताप में कमी =m2S2(t -t2 )  

अब मिश्रण के सिद्धांत से,

वस्तु A  द्वारा दी गयी ऊष्मा = वस्तु B  द्वारा ली गयी ऊष्मा

∴ m1S1(t1 - t) = m2S2(t -t2 )

प्रश्न 16. जल की विशिष्ट ऊष्मा का मान लिखिए तथा जल की विशिष्ट ऊष्मा के दैनिक जीवन में तीन उपयोग (या लाभ) लिखिए।

उत्तर: जल की विशिष्ट ऊष्मा 1 कैलोरी/ग्राम °C या 4.18 103 जूल/किग्रा °C है। जल की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होने के निम्न तीन लाभ हैं-

रोगी की सिंकाई गर्म जल की बोतलों से की जाती है क्योंकि इसमें ऊष्मा की बहुत अधिक मात्रा निहित रहती है जिससे यह देर से ठण्डा और देर से गर्म होता है।

मशीनों की गरमी दूर करने के लिए उनके चारों ओर पाइपों में ठण्डा जल प्रवाहित करते हैं जिससे जल बहुत अधिक ऊष्मा ले लेता है और मशीन बहुत अधिक गरम नहीं हो पाती है।

ठण्डे देशों में फलों के रस तथा शराब को जमने से बचाने के लिए उन्हें बोतलों में भरकर पानी में डुबाकर रखा जाता है जिससे कि फलों का रस तथा शराब का ताप अधिक नहीं गिर पाता है।

प्रश्न 17. सिद्ध कीजिए कि आयतन प्रसार गुणांक, रेखीय प्रसार गुणांक का तिगुना होता है।

उत्तर: माना किसी पदार्थ के एक घन की प्रत्येक भुजा की लंबाई l है। उसके ताप को T  से बढ़ाने पर उसकी भुजा की लंबाई ( l + l)  हो जाती है।

अतः घन का प्रारंभिक आयतन V = l3

घन का अंतिम आयतन   ( V +V) = ( l + l )3

अत: आयतन में वृद्धि   V  = ( l + l )3 - l3 

= l3 +3l2 l + 3l . l2 + l3 - l3

या V = 3l2 l + 3l . l2 + l3

l छोटी राशि है अतः इसकी उच्च घातों की उपेक्षा करने पर आयतन में वृद्धि

V= 3 l2 l

अब आयतन प्रसार गुणांक = VV . T = 3 l2 l l3. T 

या = 3 . l l. T

अतः सिद्ध होता है कि आयतन प्रसार गुणांक रेखीय प्रसार गुणांक का तिगुना होता है।

प्रश्न 18. स्टीफन-बोल्ट्जमैन के नियम से न्यूटन के शीतलन नियम का सूत्र स्थापित कीजिए।

उत्तर: माना कि गर्म कृष्ण पिण्ड का पैरमताप T तथा वातावरण का परमताप T0  है तो इसका तापान्तर t = (T -T0 ) होगा जो अत्यन्त कम है।

स्टीफन के नियमानुसार तप्त पिण्ड के पृष्ठ के इकाई क्षेत्रफल से प्रति सेकण्ड विकिरित होने वाली ऊष्मीय ऊर्जा

E = ( T4 -T04 )

E = [( T+t)4 -T04 ]

या E =   T04 [( 1+tT0 )4 -1 ]

द्विपद प्रमेय से लगभग प्रसार करने पर,

E =   T04 [ 1+4 tT0 -1 ]

या  E = 4 T04 t

∵ T0 व नियतांक हैं

अत: E ∝ t

अर्थात् तप्त पिण्ड से ऊष्मीय ऊर्जा के उत्सर्जन की दर, पिण्ड तथा वातावरण के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है जो कि न्यूटन का शीतलन नियम है।

प्रश्न 19. किसी धातु की छड़ का ऊष्मा चालकता गुणांक ज्ञात करने का सूत्र लिखिए। इसके आधार पर ऊष्मा चालकता गुणांक की परिभाषा, मात्रक एवं विमीय सूत्र स्थापित कीजिए।

उत्तर: माना किसी छड़ का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल A, फलकों के बीच की दूरी (अर्थात् लंबाई) तथा गर्म सिरे का ताप 10 C एवं ठण्डे सिरे का ताप 20 C है। स्थायी अवस्था में छड़ से ऊष्मा चालन की दर

   Qt = K A ( 1 - 2)l

या  Q = K A ( 1 - 2) tl

या ऊष्मा चालकता गुणांक K = Q I A ( 1 - 2). t

यदि A = 1 मीटर2 , 1 - 2=10 C , I = 1मीटर तथा t=1 सेकण्ड हो, तो Q =K 

अतः किसी पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक, ऊष्मा की वह मात्रा है जो उस पदार्थ की बनी एकांक लंबाई की छड़ में जिसके परिच्छेद का क्षेत्रफल एकांक हो, प्रति सेकण्ड एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर प्रवाहित होती है, जबकि इन सिरों का तापान्तर 10 C  हो।

SI में इसका मात्रक जूल/मीटर °C सेकण्ड है|

K का विमीय सत्र = [M1 L2 T-2] [L][L2] [] [T]

                        = [M1 L1 T-3-1]

प्रश्न 20. दो परमताप मापक्रमों A तथा B पर जल के त्रिक बिन्दु को 200 A तथा 350 B द्वारा परिभाषित किया गया है। TA तथा TB  में क्या संबंध है ?

उत्तर:

जल का त्रिक बिन्दु T = 273.16 K T = 273.16 K

प्रश्नानुसार, 200 A = 350 B =273.16

या 273.16200   तथा 1 B =273.16350

यदि दोनों स्केलों में ताप TA  एवं TB  हो, तो

273.16200 TA = 273.16350 TB 

या TB = 350200 TA TB =74TA   

प्रश्न 21. किस ताप पर °C तथा °F के ताप समान होते हैं ?

उत्तर: माना x ताप पर °C तथा °F के ताप समान होते हैं, तो

सूत्र –  C5 = F-329 मे,

x5 = x-329

 

∴ 9x = 5x -160

∴ 9x - 5x =160

या 4 x = -160

∴ x = -1604 = -40F 

अर्थात् -40C =-40F

प्रश्न 22. दो धातुओं A तथा B के घनत्व का अनुपात 1 : 3 है। इनके समान आयतनों को समान ऊष्मा देने पर उनके ताप में वृद्धि का अनुपात 2 : 1 है। इनकी विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात ज्ञात कीजिए।

उत्तर: प्रश्नानुसार, d1 :d2 = 1: 3  , V1 =V2 , Q1=Q2 , 1 :2 = 2 :1   

धातु A को दी गयी ऊष्मा Q1= द्रव्यमान विशिष्ट ऊष्मा ताप में वृद्धि

Q1 = V1d1s11

धातु B को दी गई ऊष्मा Q2 = द्रव्यमान   विशिष्ट ऊष्मा   ताप में वृद्धि

Q2 = V2d2s22

चूँकि Q1 = Q2

 ∴ V1d1s11=  V2d2s22

अत:  s1s2 =V2V1 d2d1 21

=1 31 12 = 32

प्रश्न 23. 1 किग्रा जल का ताप 600 C है। इसे 400 C  वाले एक किग्रा जल में मिश्रित कर दें तो मिश्रण का ताप क्या होगा ? जल की विशिष्ट ऊष्मा =1  कैलोरी/ग्राम °C है।

उत्तर: माना मिश्रण का ताप t0 C  है।

गर्म जल द्वारा दी गयी ऊष्मा = mst = 1000 1 (60-t) कैलोरी

ठण्डे जल द्वारा ली गयी ऊष्मा = mst = 1000 1 (t-40) कैलोरी

मिश्रण के सिद्धान्त से, दी गयी ऊष्मा = ली गयी ऊष्मा

1000 1 (60-t) = 1000 1 (t-40)

∴ 60 - t = t -40

या 2 t = 100

या t =500 C 

प्रश्न 24. 00 C की 5 ग्राम बर्फ को 300 C पर 50 ग्राम पानी में मिलाने पर परिणाम क्या होगा? बर्फ की गुप्त ऊष्मा 80 कैलोरी/ग्राम है।

उत्तर: माना परिणामी ताप t0 C है, तो

बर्फ द्वारा दी गयी ऊष्मा = पानी द्वारा ली गयी ऊष्मा

5 80 +5 1 (t-0) = 50 1 (30-t)

या 400 + 5t = 1500 -50t

या   55t = 1500 -400 = 1100

∴ t = 110055 = 200 C

प्रश्न 25. धातु के 50 ग्राम टुकड़े को 2000 C तक गर्म करके एक बीकर में रखे हुए 400 ग्राम जल में डुबाया गया। जल के प्रारंभिक ताप तथा अंतिम ताप क्रमश: 200 C तथा 22.40 C हैं, तो धातु की विशिष्ट ऊष्मा ज्ञात कीजिए।

उत्तर: धातु के टुकड़े द्वारा दी गई ऊष्मा = जल द्वारा ली गयी ऊष्मा

50 s ( 200 -22.4)=400 1 ( 22.4 -20)  

या 50 s 177 6 = 400 2.4  

या s = 9608880

∵ s = 0.108 कैलोरी/ग्राम/°C.