बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 11 द्रव्य के तापीय गुण लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. ऊष्मा चालकता गुणांक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: किसी पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक, ऊष्मा की वह मात्रा है जो ताप की स्थायी दशा में 1 मीटर अनुप्रस्थ काट वाली 1 मीटर लंबी छड़ के आमने-सामने के फलकों से प्रति सेकण्ड प्रवाहित होती है,जबकि फलकों का तापान्तर 10C या 1 K हो।
प्रश्न 2. ताप किसे कहते हैं ?
उत्तर: किसी वस्तु का ताप उसकी गर्माहट अथवा ठंडेपन की माप है अथवा अन्य शब्दों में किसी वस्तु का ताप वह भौतिक राशि है जिससे दो वस्तुओं को संपर्क में रखने पर उसमें ऊष्मा के प्रवाह की दिशा का ज्ञान होता है।
प्रश्न 3. तापमापन के भिन्न पैमाने कौन से हैं ? इनमें सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर: ताप नापने के निम्न पैमाने हैं-
(1) सेण्टीग्रेड या सेल्सियस पैमाना,
(2) फॉरेनहाइट पैमाना,
(3) केल्विन पैमाना,
(4) रियूमर पैमाना।
इनमें निम्नलिखित संबंध हैं- C5 = F - 32 9 = R4 = K - 2735
प्रश्न 4. रेखीय प्रसार गुणांक का सूत्र एवं परिभाषा लिखिए। इसका मात्रक क्या है ?
उत्तर: रेखीय प्रसार गुणांक = लंबाई में वृद्धि L प्रारंभिक लंबाई L ताप में वृद्धि t
यदि L = 1 मीटर , t =10C तो = L
अत: 1 मीटर लंबी छड़ का ताप 10C बढ़ाने पर उसकी लंबाई में जितनी वृद्धि होती है, उसे छड़ के पदार्थ का रेखीय प्रसार गुणांक कहते हैं। रेखीय प्रसार गुणांक का मात्रक प्रति 0C है।
प्रश्न 5. क्षेत्रीय प्रसार गुणांक का सूत्र एवं परिभाषा लिखिए। इसका मात्रक क्या है ?
उत्तर: क्षेत्रीय प्रसार गुणांक = क्षेत्रफल में वृद्धि Aप्रारंभिक क्षेत्रफल A ताप में वृद्धि t
यदि A = 1 मीटर 2, t =10C तो = A
अतः एकांक क्षेत्रफल की चादर का ताप 10C बढ़ाने पर क्षेत्रफल में जितनी वृद्धि होती है, उसे उस चादर के पदार्थ का क्षेत्रीय प्रसार गुणांक कहते हैं। इसका मात्रक प्रति 0C है।
प्रश्न 6. आयतन प्रसार गुणांक का सूत्र एवं परिभाषा लिखिए। इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर: आयतन प्रसार गुणांक = आयतन में वृद्धि Vप्रारंभिक आयतन V ताप में वृद्धि t
यदि A = 1 मीटर 3, t =10C तो = V
अत: एकांक आयतन के ठोस पदार्थ का ताप 10C बढ़ाने पर उसके आयतन में जितनी वृद्धि होती है, उसे … उस ठोस पदार्थ का आयतन प्रसार गुणांक कहते हैं। इसका मात्रक प्रति 0C है।
प्रश्न 7. समुद्र के पास के स्थानों की जलवायु, मैदानों की अपेक्षा वर्ष भर एकसमान क्यों रहती है ?
उत्तर: जल की विशिष्ट ऊष्मा, मिट्टी की विशिष्ट ऊष्मा की अपेक्षा अधिक होती है। इसलिए जल, मिट्टी की अपेक्षा देर में गर्म होता है तथा देर में ठण्डा होता है, यही कारण है कि समुद्र के पास के स्थानों की जलवायु, मैदानों की अपेक्षा वर्ष भर एकसमान रहती है।
प्रश्न 8. आण्विक विशिष्ट ऊष्मा को परिभाषित करके उनके SI मात्रक लिखिए।
उत्तर: गैस की दो विशिष्ट ऊष्माएँ होती हैं
नियत आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा – ऊष्मा की वह मात्रा है जो नियत आयतन पर 1 मोल गैस का ताप 10C बढ़ाती है।
नियत दाब पर गैस की विशिष्ट ऊष्मा – ऊष्मा की वह मात्रा जो नियत दाब पर 1 मोल गैस का ताप 10C बढ़ाती है।
इनका SI मात्रक जूल / मोल / 0C है।
प्रश्न 9. गलन की गुप्त ऊष्मा से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: किसी ठोस के एकांक द्रव्यमान को निश्चित ताप पर उसी ताप के द्रव में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को ठोस के गलन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं। इसका मात्रक कैलोरी / ग्राम है।
प्रश्न 10. वाष्पन की गुप्त ऊष्मा से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: किसी द्रव के एकांक द्रव्यमान को नियत ताप पर उसी ताप की भाप में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को द्रव के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं। इसका मात्रक कैलोरी/ग्राम है।
प्रश्न 11. एक झील का ऊपर का पानी जम गया है। इसके सम्पर्क में स्थित वायु का ताप - 150C है। झील के जल का ताप क्या होगा-
(i) झील में जमी बर्फ के निचले पृष्ठ के सम्पर्क में
(ii) झील की तली में।
उत्तर: (i) झील में जमी बर्फ के निचले पृष्ठ के सम्पर्क में जल का ताप 00C होगा।
(ii) झील की तली में जल का ताप 40C होगा।
प्रश्न 12. पेण्डुलम वाली घड़ियों के पेण्डुलम इन्वार मिश्रधातु के क्यों बनाये जाते हैं ?
उत्तर: इन्वार मिश्रधातु का ऊष्मीय प्रसार गुणांक बहुत ही कम होता है अत: मौसम बदलने पर इन्वार के बने पेण्डुलम की लंबाई लगभग अपरिवर्तित रहती है, जिससे घड़ी शुद्ध समय देती रहती है।
प्रश्न 13. 00C के जल की अपेक्षा 00C की बर्फ अधिक ठण्डी प्रतीत होती है, क्यों?
उत्तर: बर्फ के गलने के समय, गलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा हमारे शरीर से ही ली जाती है, अत: 00C के जल की अपेक्षा 00C की बर्फ अधिक ठण्डी प्रतीत होती है।
प्रश्न 14. पहाड़ों पर बर्फ पड़ते समय वायुमण्डलीय ताप बढ़ जाती है जबकि बर्फ पिघलते समय ताप अत्यन्त कम हो जाता है, क्यों?
उत्तर: बर्फ गिरते समय पानी जमता है तथा इस क्रिया में अपनी गुप्त ऊष्मा वायुमण्डल को दे देता है जिसमें वायुमण्डल का ताप कुछ बढ़ जाता है, जबकि बर्फ के पिघलने के समय गलन की गुप्त ऊष्मा वह वायुमण्डल से लेता है, जिससे वायुमण्डल का ताप गिर जाता है।
प्रश्न 15. पतले पेंदे वाले तवे पर सेंकी जाने वाली रोटी जल जाती है, जबकि मोटे पेंदे वाले तवे पर नहीं, क्यों?
उत्तर: पतले पेंदे वाले तवे की ऊष्माधारिता अधिक होती है। अतः पतले पेंदे वाले तवे पर रोटी को अधिक ऊष्मा मिलती है जिससे रोटी जल जाती है जबकि मोटे पेंदे वाले तवे पर रोटी को कम ऊष्मा मिलती है जिससे रोटी नहीं जल पाती।
प्रश्न 16. द्रव के क्वथनांक पर उसकी विशिष्ट ऊष्मा कितनी होती है ?
उत्तर: Q = m. s. T से,
s = Qm . T
चूँकि क्वथनांक पर ताप नियत रहता है अतः ताप में परिवर्तन
T = 0
अतः s = Qm 0 = Q0 =
अतः द्रव के क्वथनांक पर उसकी विशिष्ट ऊष्मा अनन्त होती है।
प्रश्न 17 . ऊष्मा संचरण की कौन-कौन-सी विधियाँ हैं ?
उत्तर: ऊष्मा संचरण की निम्नलिखित तीन विधियाँ हैं-
चालन
संवहन
विकिरण।
प्रश्न 18. चालन के विषय में समझाइये।
उत्तर: ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमें पदार्थ का प्रत्येक अणु अपनी ऊष्मा को केवल संपर्क या टक्कर द्वारा अपने स्थान से हटे बिना समीपवर्ती दूसरे अणु को दे देता है, और इस प्रकार ऊष्मा पदार्थ के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुँच जाती है।
प्रश्न 19. लाल रंग के काँच के टुकड़े को बहुत उच्चताप तक गर्म करके अंधेरे में रखने पर वह हरे रंग का दिखाई देता है, क्यों?
उत्तर: कोई वस्तु लाल दिखाई देती है इसका कारण यह है कि वह लाल रंग को परावर्तित करती है तथा शेष रंगों को अवशोषित पर लेती है। लाल रंग को छोड़कर दृश्य प्रकाश में शेष रंगों का प्रभाव हरे रंग जैसा होता है, अतः लाल रंग की वस्तु की उत्सर्जन क्षमता हरे रंग के लिए सबसे अधिक होती है। यही कारण है कि लाल रंग के काँच को उच्च ताप तक गर्म करके अंधेरे कमरे में रखने पर वह हरे रंग का दिखाई देता है।
प्रश्न 20. ताप की स्थायी दशा से क्या तात्पर्य हैं ?
उत्तर: जब चालक छड़ के एक सिरे को गर्म किया जाता है तो प्रारम्भ में उसके प्रत्येक भाग का ताप बढ़ने लगता है, किन्तु एक स्थिति आती है जबकि उसके प्रत्येक भाग का ताप स्थिर हो जाता है। यद्यपि भिन्नभिन्न भागों का ताप भिन्न-भिन्न होता है। इसे ताप की स्थायी दशा कहते हैं।
प्रश्न 21. समतापीय पृष्ठ किसे कहते हैं ?
उत्तर: स्थायी अवस्था में ऊष्मा प्रवाह के लंबवत् ऐसा पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिन्दु पर ताप समान होता है, समतापी पृष्ठ कहलाता है। किसी बिन्दु पर ऊष्मा चालन की दिशा, उस बिन्दु से गुजरने वाले समतापीय पृष्ठ के लंबवत् होती है।
प्रश्न 22. स्थायी अवस्था में किसी धात्विक छड़ से प्रवाहित होने वाली ऊष्मा किन-किन कारकों कर निर्भर करती हैं ?
उत्तर: छड़ के ऊष्मा प्रवाह के लंबवत् पृष्ठ के क्षेत्रफल पर
छड़ की लंबाई पर
छड़ के दोनों सिरों के बीच तापान्तर पर।
समय पर।
प्रश्न 23. किसी सुचालक छड़ में स्थायी अवस्था में ऊष्मा प्रवाह की दर का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
ऊष्मा प्रवाह की दर Qt = K A ( 1 - 2)l
जहाँ K = छड़ के पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक
A = छड़ के सिरे का क्षेत्रफल
( 1 - 2 ) = छड़ के सिरों का तापान्तर
l = छड़ की लंबाई है।
प्रश्न 24 . विभिन्न पदार्थों की ऊष्मा चालकता की तुलना करने के लिए पहले उन्हें ताप की स्थायी दशा में लाना आवश्यक होता है, क्यों?
उत्तर: क्योंकि ताप की स्थायी दशा में छड़ के किसी भी भाग द्वारा ऊष्मा का अवशोषण नहीं होता। किसी भी भाग को प्राप्त सम्पूर्ण ऊष्मा आगे प्रवाहित हो जाती है। अतः विभिन्न पदार्थों की ऊष्मा चालकता की तुलना करने के लिए उन्हें ताप की स्थायी दशा में लाना आवश्यक होता है।
प्रश्न 25 . कृष्णिका से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: जो पिण्ड अपने ऊपर आपतित संपूर्ण विकिरण को पूर्णत: अवशोषित कर लेता है, पूर्ण कृष्णिका कहलाता है। चूँकि किरचॉफ के नियमानुसार अच्छे अवशोषक, अच्छे उत्सर्जक तथा बुरे अवशोषक, बुरे उत्सर्जक होते हैं, अतः आदर्श कृष्णिका एक पूर्ण उत्सर्जक भी होता है।