बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 12 ऊष्मागतिकी लघु उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 12 ऊष्मागतिकी लघु उत्तरीय प्रश्न

AGDF

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. एक आदर्श गैस को नियत ताप पर सम्पीडित किया जाता है। गैस की आन्तरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा?

उत्तर : कोई परिवर्तन नहीं होगा। ‘आदर्श गैस में केवल आन्तरिक गतिज ऊर्जा होती है (स्थितिज ऊर्जा नहीं होती) तथा गतिज ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर करती है।

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प्रश्न 2. समान ताप पर समान द्रव्यमान के ठोस, द्रव तथा गैस में किसकी आन्तरिक ऊर्जा अधिक होती है और क्यों?

उत्तर : गैस की आन्तरिक ऊर्जा सबसे अधिक होती है, क्योंकि इसके अणुओं की (ऋणात्मक) स्थितिज ऊर्जा बहुत कम होती है। ठोस के अणुओं की (ऋणात्मक) स्थितिज ऊर्जा बहुत अधिक होती है, अतः आन्तरिक ऊर्जा सबसे कम होती है।

प्रश्न 3. ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम समझाइए। यह नियम किस भौतिक राशि के संरक्षण पर आधारित है?

उत्तर : यदि किसी ऊष्मागतिक निकाय को Q ऊर्जा देने पर, निकाय द्वारा कृत कार्य W हो तब निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन U = Q- W होगा। यही ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम है जो कि ऊर्जा-संरक्षण पर आधारित है।

प्रश्न 4. ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का गणितीय स्वरूप लिखिए। प्रयुक्त संकेतों का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम

U = Q- W अथवा  Q = U  +  W

चमदमें निकाय को दी गई ऊष्मीय ऊर्जा, W निकाय द्वारा किया गया कार्य, U निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन है।

प्रश्न 5. यदि स्रोत वसिंक के ताप क्रमशः T1 तथा T2 हों तो ऊष्मा इंजन की दक्षता कितनी होगी?

उत्तर :  = 1-T2T1

प्रश्न 6. चित्र में किसी गैस के लिए P - V वक्र, AB तथा AC प्रदर्शित है। कारण सहित बताइए कि कौन-सा वक्र किस परिवर्तन को प्रदर्शित करता है?

उत्तर :

यदि गैस आयतन V1 से V2 तक समतापीय और रुद्धोष्म प्रसारित होती है तो ग्राफ के ढाल से यह स्पष्ट है कि ग्राफ AB समतापीय प्रेक्रम तथा ग्राफ AC रुद्धोष्म प्रक्रम प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 7. ऊष्मा इंजन, प्रशीतक से कैसे भिन्न है?

उत्तर : ऊष्मा इंजन में कार्यकारी-पदार्थ ऊँचे ताप वाली वस्तु से ऊष्मा लेता है। इसका कुछ भाग यान्त्रिक कार्य में बदलता है तथा शेष भाग नीचे ताप की वस्तु को लौटा देता है। प्रशीतक में कार्यकारी-पदार्थ शीतल वस्तु से ऊष्मा लेता है तथा इस पर बाह्य ऊर्जा-स्रोत से कार्य किया जाता है जिसके फलस्वरूप यह ऊष्मा की अधिक मात्रा को किसी तप्त वस्तु को दे देता है।

प्रश्न 8. यदि ताप T1  व T2 के बीच कार्य कर रहे इंजन की दक्षता n है तो प्रत्येक ताप को 100 K बढ़ा देने पर दक्षता पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

उत्तर : दक्षता कम हो जायेगी।

प्रश्न 9. उत्क्रमणीय प्रक्रम क्या है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : उत्क्रमणीय प्रक्रम – वे प्रक्रम जिन्हें विपरीत क्रम में भी ठीक उन्हीं अवस्थाओं में सम्पन्न किया जा सकता है, जिन अवस्थाओं में सीधे क्रम में सम्पन्न किया गया है; परन्तु विपरीत प्रभाव के साथ, उत्क्रमणीय प्रक्रम कहलाते हैं।

उदाहरणार्थ – मान लो पानी से भरा हुआ एक फ्लास्क है जिसे अच्छी तरह बन्द कर दिया गया है। फ्लास्क का पानी एक निकाय है। पानी ही इसे निकाय का कार्यकारी पदार्थ है, क्योंकि प्रक्रम के भौतिक परिवर्तन इंसी पर सम्पन्न किये जाते हैं। पानी को गर्म करके हम वाष्प बनाते हैं, यह एक प्रक्रम है और उसे ठण्डा करके पुनः पानी बना देते हैं, यह उसका उल्टा या उत्क्रम प्रक्रम है। इसी प्रकार पानी को उबालकर वाष्प बनाना एक उत्क्रमणीय प्रक्रम है, अर्थात् ऐसा प्रक्रम है जिसे उल्टी दिशा में सम्पन्न करने से प्रारम्भिक अवस्था तक पुन: पहुँचाया जा सकता है।

प्रश्न 10. अनुत्क्रमणीय प्रक्रम क्या है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : अनुक्रमणीय प्रक्रम – वह प्रक्रम जिसे विपरीत क्रम में ठीक उन्हीं अवस्थाओं से नहीं गुजारा जा सकता है, जिनसे होकर वह सीधे क्रम में गुजरा था, अनुत्क्रमणीय प्रक्रम कहलाता है। दूसरे शब्दों में, जो प्रक्रम उत्क्रमणीय नहीं होता, वह अनुत्क्रमणीय होता है।

उदाहरणार्थ – इसके उदाहरण निम्नलिखित हैं –

पानी में शक्कर का घुलना अनुक्रमणीय प्रक्रम है।

लोहे में जंग लगना।।

किसी भी गैस का अचानक रुद्धोष्म प्रसार या सम्पीडन होना।

गैसों का विसरण अनुक्रमणीय है। दो गैसें परस्पर मिलाये जाने पर आपस में मिलने की प्रवृत्ति रखती हैं, परन्तु मिश्रण से वे अपने आप पृथक् नहीं हो सकतीं।

प्रश्न 11. ऊष्मागतिकी का शुन्यांकी नियम लिखिए।

उत्तर : ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम – इस नियम का प्रतिपादन सन् 1931 में आर०एच० फाउलर ने ऊष्मागतिकी के प्रथम तथा द्वितीय नियम की अभिव्यक्ति के काफी समय बाद किया। ऊष्मागतिकी के शून्यांकी नियम के अनुसार,

“यदि दो ऊष्मागतिक निकाय किसी तीसरे ऊष्मागतिक निकाय के साथ अलग-अलग तापीय साम्य अर्थात् ऊष्मीय साम्य  में हैं तो वे परस्पर भी ऊष्मीय साम्य में होंगे।”

प्रश्न 12. ऊष्मागतिक निकायक़ी आन्तरिक ऊर्जा का क्या अर्थ है?

उत्तर : किसी ऊष्मागतिक निकाय की आन्तरिक ऊर्जा उस निकाय की अवस्था का एक अभिलाक्षणिक गुण है; चाहे वह अवस्था किसी भी प्रकार प्राप्त की गयी है।

उदाहरणार्थ – किसी बर्तन में बन्द हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के मिश्रण को बाहर से कोई ऊर्जा नहीं दी जाती, परन्तु फिर भी यह मिश्रण विस्फोट होने पर कार्य कर सकता है। अत: इससे सिद्ध होता है कि मिश्रण में आन्तरिक ऊर्जा विद्यमान है।

प्रश्न 13. एक हीटर किसी निकाय को 100 w की दर से ऊष्मा प्रदान करता है। यदि निकाय 75 Js-1 की दर से कार्य करता है तो आन्तरिक ऊर्जा की वृद्धि किस दर से होगी?

हल : U = Q- W = ( 100 Js - 75 Js )  = 25 Js  

अर्थात् आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि की दर = 25 w

प्रश्न 14. ऊष्मागतिकी के विभिन्न प्रक्रमों व उनमें किये गये कार्य की व्याख्या कीजिये।

उत्तर:  जब किसी ऊष्मागतिकीय निकाय के ऊष्मागतिकीय चरों में परिवर्तन के कारण उस निकाय की अवस्था में परिवर्तन होता है तो इसे । ऊष्मागतिकीय प्रक्रम कहते हैं। नीचे कुछ महत्त्वपूर्ण ऊष्मागतिकीय प्रक्रम दिये जा रहे हैं—

समतापीय प्रक्रम 

रुद्धोष्म प्रक्रम 

सम आयतनिक प्रक्रम 

समदाबी प्रक्रम 

चक्रीय प्रक्रम 

प्रश्न 15. मेयर का सम्बन्ध लिखिये।

उत्तर: CP - CV = R 

जहाँ CP  = नियत दाब पर मोलरे विशिष्ट ऊष्मा, CV =  नियत आयतन पर मोलर विशिष्ट ऊष्मा व R = सार्वत्रिक गैस नियतांक है।

प्रश्न 16. समतापी तथा रुद्धोष्म प्रक्रम में अन्तर लिखिए।

उत्तर: समतापी तथा रुद्धोष्म प्रक्रम में अन्तर-

समतापी प्रक्रम

रुद्धोष्म प्रक्रम

1. इस प्रक्रम में ताप स्थिर रहता है।

1. इस प्रक्रम में ऊष्मा का मान स्थिर रहता है।

2. इसमें गैस की आन्तरिक ऊर्जा नियत रहती है।

2. इसमें गैस की आन्तरिक ऊर्जा नियत नहीं रहती है।

3. यह मंद प्रक्रम है।

3. यह तीव्र प्रक्रम है।

4. इसमें वातावरण के साथ ऊष्मा का विनिमय होता है।

4. इसमें वातावरण के साथ ऊष्मा का विनिमय नहीं होता है।

 

प्रश्न 17.रुद्धोष्म प्रसार में प्रशीतन क्यों संभव है ?

उत्तर: रुद्धोष्म प्रसार में गैस द्वारा कार्य किया जाता है जिससे उसकी आन्तरिक ऊर्जा कम हो जाती है अतः प्रशीतन उत्पन्न हो जाती है अर्थात् उसका ताप कम हो जाता है।

प्रश्न 18. साइकिल ट्यूब के फट जाने के तुरन्त बाद स्पर्श करने पर वायु शीतल लगती है, क्यों ?

उत्तर: साइकिल ट्यूब के फट जाने पर अन्दर की वायु का रुद्धोष्म प्रसार होता है अत: वायु द्वारा कार्य “किया जाता है। उसकी आन्तरिक ऊर्जा कम हो जाती है जिससे उसका ताप कम हो जाता है।

प्रश्न 19. बन्दूक की गोली लक्ष्य से टकराने के बाद गर्म क्यों हो जाती है ?

उत्तर: लक्ष्य से टकराने से पहले गोली में गतिज ऊर्जा होती है। गोली के लक्ष्य से टकराने पर गतिज ऊर्जा का अधिकांश भाग ऊष्मा में परिवर्तित हो जाता है। अतः गोली गर्म हो जाती है।

प्रश्न 20. समतापी प्रक्रम किसे कहते हैं ? इसके लिए अवस्था समीकरण लिखिए।

उत्तर: वह प्रक्रम जिसमें ताप नियत रहता है, समतापी प्रक्रम कहलाता है। इस प्रक्रम में दाब-आयतन आरेख एक आयताकार अतिपरवलय होता है तथा गैस बॉयल के नियम का पालन करती है। इस प्रक्रम में अवस्था समीकरण PV = नियतांक।

प्रश्न 21. समदाबी प्रक्रम क्या है ? इसके लिए अवस्था समीकरण लिखिए।

उत्तर: वह प्रक्रम जिसमें दाब स्थिर रहता है, समदाबी प्रक्रम कहलाता है। इस प्रक्रम के लिए दाब :आयतन आरेख, आयतन अक्ष के समान्तर सरल रेखा होती है।

समदाबी प्रक्रम के लिए अवस्था समीकरण है : 

VT = नियतांक या V ∝ T.

प्रश्न 22. चक्रीय प्रक्रम क्या है ? इस प्रक्रम में आन्तरिक ऊर्जा में कितना परिवर्तन होता है ?

उत्तर: वह प्रक्रम जिसमें निकाय विभिन्न अवस्थाओं से होता हुआ अपनी प्रारंभिक अवस्था में वापिस आ जाता है, चक्रीय प्रक्रम कहलाता है । इस प्रक्रम में निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

प्रश्न 23. क्या समतापी परिवर्तन में आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन होता है ? अपने उत्तर की कारण सहित व्याख्या कीजिए।

उत्तर: समतापी परिवर्तन में आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है, क्योंकि आदर्श गैस की कुल आन्तरिक ऊर्जा उसकी आन्तरिक गतिज ऊर्जा होती है जो केवल गैस के ताप पर निर्भर करती है समतापी परिवर्तन में चूँकि ताप नियत रहता है। अतः आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

प्रश्न 24.वायुमंडल की वायु ऊपर उठने पर ठंडी क्यों हो जाती है ?

उत्तर: ऊपर वायुमंडलीय दाब कम होता है अतः ऊपर जाने पर वायु का रुद्धोष्म प्रसार होता है। रुद्धोष्म प्रसार में गैस द्वारा कार्य किया जाता है जिससे आन्तरिक ऊर्जा घटती है, अतः वायु ठण्डी हो जाती है।

प्रश्न 25. ऊष्मागतिकी के शून्य कोटि का नियम लिखिए।

उत्तर: इस नियम के अनुसार यदि कोई दो निकाय, तीसरे निकाय के साथ ऊष्मीय संतुलन में हो, तो वे एक-दूसरे के साथ भी ऊष्मीय संतुलन में होते हैं|

प्रश्न 26. कार्य किसे कहते है?

उत्तर: कार्य - यह भी दो निकायों के मध्य स्थानान्तरित होने वाली ऊर्जा है। जब किन्हीं दो निकायों के बीच ऊर्जा का स्थानान्तरण उनके तापान्तर पर निर्भर नहीं करता है तो उनके बीच स्थानान्तरित होने वाली ऊर्जा को कार्य कहते हैं।