बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 2 मात्रक एवं मापन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. इस कथन की स्पष्ट व्याख्या कीजिए : तुलना के मानक का विशेष उल्लेख किए बिना “किसी विमीय राशि को बड़ा’ या ‘छोटा’ कहना अर्थहीन है।” इसे ध्यान में रखते हुए नीचे दिए गए कथनों को जहाँ कहीं भी आवश्यक हो, दूसरे शब्दों में व्यक्त कीजिए:
परमाणु बहुत छोटे पिण्ड होते हैं।
जेट वायुयान अत्यधिक गति से चलता है।
बृहस्पति का द्रव्यमान बहुत ही अधिक है।
इस कमरे के अंदर वायु में अणुओं की संख्या बहुत अधिक है।
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन से बहुत भारी होता है।
ध्वनि की गति प्रकाश की गति से बहुत ही कम होती
उत्तर: सामान्यत: हम कहते हैं कि परमाणु बहुत छोटा पिण्ड है। लेकिन इलेक्ट्रॉन परमाणु से भी छोटा कण है। तब यह भी कह सकते हैं कि इलेक्ट्रॉन की अपेक्षा परमाणु एक बड़ा पिण्ड है। जबकि टेनिस गेंद की तुलना में परमाणु बहुत छोटा पिण्ड है। इस प्रकार हम देखते हैं कि परमाणु को किसी एक वस्तु की अपेक्षा बहुत छोटा कह सकते है जबकि इलेक्ट्रॉन की तुलना में बड़ा पिण्ड का संकेत है।
आलपिन की नोक की तुलना में परमाणु बहुत छोटे पिण्ड होते हैं।
रेलगाड़ी की तुलना में जेट वायुयान अत्यधिक गति से चलता है।
बृहस्पति का द्रव्यमान पृथ्वी की तुलना में बहुत अधिक होता है।
इस कमरे के अन्दर वायु में अणुओं की संख्या वायु के एक ग्राम अणु में उपस्थित अणुओं से काफी अधिक है।
यह कथन सही है।
यह कथन सही है।
प्रश्न 2.इस सामान्य प्रेक्षण की स्पष्ट व्याख्या कीजिए : यदि आप तीव्र गति से गतिमान किसी रेलगाड़ी की खिड़की से बाहर देखें तो समीप के पेड़, मकान आदि रेलगाड़ी की गति की विपरीत दिशा में तेजी से गति करते प्रतीत होते हैं, परन्तु दूरस्थ पिण्ड (पहाड़ियाँ, चंद्रमा, तारे आदि) स्थिर प्रतीत होते हैं। (वास्तव में, क्योंकि आपको ज्ञात है कि आप चल रहे हैं, इसलिए, ये दूरस्थ वस्तुएँ आपको अपने साथ चलती हुई प्रतीत होती हैं)।
उत्तर:किसी वस्तु का हमारे सापेक्ष गति करते हुए प्रतीत होना, हमारे सापेक्ष वस्तु के कोणीय वेग पर निर्भर करता है। जबकि गाड़ी से यात्रा करते समय सभी वस्तुएँ समान वेग से हमारे पीछे की ओर गतिमान रहती है लेकिन समीप स्थित वस्तुओं का हमारे सापेक्ष कोणीय वेग ज्यादा होता है। अर्थात् वे वस्तुएँ तीव्र गति से पीछे की ओर जाती हुई प्रतीत होती हैं जबकि दूर स्थित वस्तुएँ हमारे सापेक्ष, कम कोणीय वेग से चलती हैं। इस प्रकार वे हमें लगभग स्थिर नजर आती हैं।
प्रश्न 3.भौतिक राशियों का परिशुद्ध मापन विज्ञान की आवश्यकताएँ हैं। उदाहरण के लिए, किसी शत्रु के लड़ाकू जहाज की चाल सुनिश्चित करने के लिए बहुत ही छोटे समय-अंतरालों पर इसकी स्थिति का पता लगाने की कोई यथार्थ विधि होनी चाहिए। द्वितीय विश्व युद्ध में रेडार की खोज के पीछे वास्तविक प्रयोजन यही था। आधुनिक विज्ञान के उन भिन्न उदाहरणों को सोचिए जिनमें लंबाई, समय द्रव्यमान आदि के परिशुद्ध मापन की आवश्यकता होती है। अन्य जिस किसी विषय में भी आप बता सकते हैं, परिशुद्धता की मात्रात्मक धारणा दीजिए।
उत्तर:(1)द्रव्यमान का मापन – द्रव्यमान स्पेक्ट्रम लेखी द्वारा परमाणुओं के द्रव्यमान का परिशुद्ध मापन किया जाता है।
(2) लम्बाई का मापन – विभिन्न यौगिकों के क्रिस्टलों में परमाणुओं के मध्य की दूरी का मापन करने के लिए लम्बाई के परिशुद्ध मापन की आवश्यकता होती है।
(3)समय का मापन – फोको विधि से किसी माध्यम में प्रकाश की चाल निकालने के प्रयोग में समय के परिशुद्ध मापन की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 4.रिक्त स्थान भरिए –
किसी 1 cm भुजा वाले घन का आयतन …………… m3 के बराबर है।
किसी 2 cm त्रिज्या व 10 cm ऊँचाई वाले सिलिंडर का पृष्ठ क्षेत्रफल …………. mm2 के बराबर है।
कोई गाड़ी 18 km/h की चाल से चल रही है तो यह 1 s में ………….. m चलती है
सीसे का आपेक्षिक घनत्व 11.3 है। इसका घनत्व – g cm-3 या …………. kg m-3 है।.
उत्तर:1. घन का आयतन = (भुजा)3 = (1 सेमी)3
=9(1100)मी [∵ 1 सेमी = 1100मी]
2. सिलिंडर का पृष्ठ क्षेत्रफल
= वक्र पृष्ठ का क्षे० वृत्तीय सिरों का क्षे०
= 2nr (h + r)
= 2 3.14 2 सेमी (10 सेमी + 2 सेमी)
= 2 3.14 2 12 वर्ग सेमी
= 150.72 सेमी2
= 150.72 102 वर्ग मिमी
= 1.5 104 वर्ग मिमी
3. गाड़ी की चाल = 18 किमी/घण्टा
= 18 x 5 मी/सेकण्ड = 5 मीटर/सेकण्ड
∴ 1 सेकण्ड में चली दूरी = चाल x समय
= 5 मी/सेकण्ड x 1 सेकण्ड = 5 मीटर
4. सीसे का घनत्व
= सीसे का आपेक्षिक घनत्व x जल का घनत्व
= 11.3 x 1 ग्राम/सेमी3
= 11.3 ग्राम/सेमी3
= 113( 11000किग्रा) / (1100मीटर)3
= 1.13 x 1014 किग्रा प्रति मीटर3
प्रश्न 5 .रिक्त स्थानों को मात्रकों के उचित परिवर्तन द्वारा भरिए
1 kg m2s-2 =………. g cm2s-2
1 m =………. ly
3.0 ms-2 =…….. Kmh-2
G = 6.67 10-11 Nm2 (kg)-2= ……….. (cm)3s-2g-1
उत्तर:
1. 1 kg m2s2 = 1kg x 1 m2s-2
= (100 gm) x (100 cm)2 x 1 s-2
= 10 gm cms-2– 1 ly (प्रकाश वर्ष) = 9.46 x 1015 मीटर
2. ∵ 1 मीटर = 19.461015ly=1.0610-16 ly
3. 3 m-2 = 3 m x 1 s-2
=3100km(16060h)2
= 3.9 104 km h-2
4. G = 6.67 10-11Nm2 (kg)-2
= 6.67 10-11Nm2 (1kg)2
= 6.67 10-11 kg ms-2 1m2 (1kg)2
= 6.6710-11m3s-21kg
= 6.6710-1111000gm(100)3s-2
= 6.67 x10-8 cm3s-2g-1
प्रश्न 6. ऊष्मा (परागमन में ऊर्जा ) का मात्रक कैलोरी है और यह लगभग 4.2 J के बराबर है। जहाँ 1 J = 1 kg m2s-2 मान लीजिए कि हम मात्रकों की कोई ऐसी प्रणाली उपयोग करते हैं जिससे द्रव्यमान का मात्रक kg के बराबर है, लंबाई का मात्रक β m के बराबर है, समय का मात्रक γ s के बराबर है। यह प्रदर्शित कीजिए कि नए मात्रकों के पदों में कैलोरी का परिमाण 4.2 -1-22 है।
उत्तर: कैलोरी = 4.2 जूल = 4.2 किग्रा-मीटर प्रति सेकण्ड।
हम जानते हैं कि ऊर्जा का विमीय सूत्र = [ML2T2]
माना कि दो अलग-अलग मापन पद्धतियों के द्रव्यमान के मात्रक M1 व M2 लम्बाई के मात्रक L1 व L2 एवम् समय के मात्रक T1 व T2 है।
प्रश्नानुसार M1= 1 किग्रा ,L1 = 1 मीटर, T1=1 सेकण्ड, तथा M2 = α किग्रा, L2 = β मीटर, T2= सेकण्ड
इस प्रकार u1 = [M1L21T1-2]
तथा u2 = [M2L22T2-2]
n1=4.2, n2=?
सूत्र n1u1=n2u2 से,
n2=n1u1u2
=4.2 M1L21T1-2M2L22T2-2
=4.2 [1किग्रा किग्रा]1[1 मीटर मीटर]2[1सेकंड सेकंड]-2
=4.2 -1-22
प्रश्न 7. लंबाई का कोई ऐसा नया मात्रक चुना गया है जिसके अनुसार निर्वात में प्रकाश की चाल 1 है। लम्बाई के नए मात्रक के पदों में सूर्य तथा पृथ्वी के बीच की दूरी कितनी है, प्रकाश इस दूरी को तय करने में 8 min और 20 s लगाता है।
उत्तर: प्रश्नानुसार प्रकाश की चाल = 1 मात्रक प्रति सेकण्ड प्रकाश द्वारा लिया गया समय, t = 8 मिनट 20 सेकण्ड
= 8 x 60 + 20 = 500 सेकण्ड
∴ सूर्य एवम् पृथ्वी के मध्य दूरी
= प्रकाश की चाल लिया गया समय
= 1 मात्रक प्रति सेकण्ड 500 सेकण्ड
= 500 मात्रक
प्रश्न 8. लंबाई मापने के लिए निम्नलिखित में से कौन – सा सबसे परिशुद्ध यंत्र है:
एक वर्नियर कैलीपर्स जिसके वर्नियर पैमाने पर 20 विभाजन हैं।
एक स्क्रूगेज जिसका चूड़ी अंतराल 1 mm और वृत्तीय पैमाने पर 100 विभाजन है।
कोई प्रकाशिक यंत्र जो प्रकाश की तरंग दैर्ध्य की सीमा के अंदर लंबाई माप सकता है।
उत्तर:
1. वर्नियर कैलीपर्स का अल्पतमांक
=मुख्य पैमाने के एक छोटे खाने का मान वर्नियर पैमाने पर बने खानों की संख्या
=0.120सेमी=0.005सेमी
2. स्क्रूगेज की अल्पतमांक
=चूड़ी अंतराल वृत्तीय पैमाने पर बने कुल भागों की संख्या
=1100मिमी =0.01 मिमी
=0.001सेमी
3. चँकि प्रकाशिक यन्त्र द्वारा प्रकाश की तरंग दैर्ध्य की सीमा के अन्दर लम्बाई मापी जा सकती है।
अतः इसकी अल्पतमांक
= 10-7मीटर = 1015 सेमी
अर्थात् प्रकाशिक यन्त्र की अल्पतमांक सबसे कम है। इस कारण यह सर्वाधिक परिशुद्ध यन्त्र है।
प्रश्न 9. कोई छात्र 100 आवर्धन के एक सूक्ष्मदर्शी के द्वारा देखकर मनुष्य के बाल की मोटाई मापता है। वह 20 बार प्रेक्षण करता है और उसे ज्ञात होता है कि सूक्ष्मदर्शी के दृश्य क्षेत्र में बाल की औसत मोटाई 3.5 mm है। बाल की मोटाई का अनुमान क्या है?
उत्तर:
हम जानते हैं कि, सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता
=सूक्ष्मदर्शी द्वारा मापी गई मोटाई वास्तविक मोटाई
100=3.5 मिमी वास्तविक मोटाई
वास्तविक मोटाई =3.5100मिमी =0.035 मिमी
अतः बाल की अनुमानित मोटाई = 0.035 मिमी।
प्रश्न 10. निम्नलिखित के उत्तर दीजिए:
आपको एक धागा और मीटर पैमाना दिया जाता है। आप धागे के व्यास का अनुमान किस प्रकार लगाएँगे?
एक स्क्रूगेज का चूड़ी अंतराल 1.0 mm है और उसके वृत्तीय पैमाने पर 200 विभाजन हैं। क्या आप यह सोचते हैं कि वृत्तीय पैमाने पर विभाजनों की संख्या स्वेच्छा से बढ़ा देने पर स्क्रूगेज की यथार्थता में वृद्धि करना संभव है?
वर्नियर कैलीपर्स द्वारा पीतल की किसी पतली छड़ का माध्य व्यास मापा जाना है। केवल 5 मापनों के समुच्चय की तुलना में व्यास के 100 मापनों के समुच्चय के द्वारा अधिक विश्वसनीय अनुमान प्राप्त होने की संभावना क्यों हैं?
उत्तर:
1. एक बेलनाकार छड़ लेकर, इसके ऊपर धागे को सटाकर लपेटते हैं। धागे के फेरों द्वारा घेरी गई छड़ की लम्बाई का मीटर पैमाने द्वारा माप लेते हैं। माना लपेटे गए फेरों की संख्या 20 है।
अत: धागे का व्यास =इस प्रकार धागे का व्यास ज्ञात हो सकता है।
2. स्क्रूगेज का अल्पतमांक
=चूड़ी अंतराल वृत्तीय पैमाने पर बने कुल भागों की संख्या
प्रश्नानुसार स्क्रूगेज पर बने विभाजनों (भागों) की संख्या बढ़ा देने से, स्क्रूगेज का अल्पतमांक घटेगा अर्थात् यथार्थता बढ़ेगी।
3. प्रेक्षणों की माध्य निरपेक्ष त्रुटि,
=चूड़ी अंतराल वृत्तीय पैमाने पर बने कुल भागों की संख्या
उपरोक्त सूत्र के अनुसार प्रेक्षणों की संख्या बढ़ाने से माध्य निरपेक्ष त्रुटि घटेगी। अर्थात् अधिक प्रेक्षणों द्वारा प्राप्त, छड़ का माध्य व्यास अधिक विश्वसनीय होगा।
प्रश्न 11. किसी मकान का फोटोग्राफ 35 mm स्लाइड पर 1.75 cm2 क्षेत्र घेरता है। स्लाइड को किसी स्क्रीन पर प्रक्षेपित किया जाता है और स्क्रीन पर मकान का क्षेत्रफल 1.55 m2 है। प्रक्षेपित्र -परदा व्यवस्था का रेखीय आवर्धन क्या
उत्तर: दिया है: स्लाइड पर मकान का क्षेत्रफल = 1.75 वर्ग सेमी स्क्रीन पर मकान का क्षेत्रफल
= 1.55 वर्ग मीटर
= 1.55 x (100 सेमी)2
= 1.55 x 10000 सेमी2
= 15500 सेमी2
प्रश्न 12. निम्नलिखित में सार्थक अंकों की संख्या लिखिए:
0.007 m2
2.64 1024 kg
0.2370 g cm
6.320 J
6.032 Nm-2
0.0006032 m2
उत्तर:
1
3
4
4
4
4
प्रश्न 13.. धातु की किसी आयताकार शीट की लंबाई, चौड़ाई व मोटाई क्रमशः 4.234 m, 1.005 m व 2.01 cm है। उचित सार्थक अंकों तक इस शीट का क्षेत्रफल व आयतन ज्ञात कीजिए।
उत्तर: दिया है- लम्बाई a = 4.234
मीटर चौड़ाई b = 1.005 मीटर
मोटाई c = 2.01 सेंटीमीटर
शीट का पृष्ठ क्षेत्रफल = 2 (ab + bc + ca)
= 2 [4.234 x 1.005 + 1.005 x 2.01 + 2.01 x 4.234]
= 8.7209478 मी2
= 8.72 मी2
चूँकि मोटाई में न्यूनतम सार्थक अंक (i.e., 3) है। शीट का आयतन = a x b x c
= 4.234 x 1.005 x 0.0201 मी3
= 0.0855 मी3
प्रश्न 14 . पंसारी की तुला द्वारा मापे गए डिब्बे का द्रव्यमान 2.300 kg है। सोने के दो टुकड़े जिनका द्रव्यमान 20.15 g व 20.17g है, डिब्बे में रखे जाते हैं।
डिब्बे का कुल द्रव्यमान कितना है
उचित सार्थक अंकों तक टुकड़ों के द्रव्यमानों में कितना अंतर हैं?
उत्तर:
1. दिया है : डिब्बे का द्रव्यमान m = 2.300 किग्रा
पहले टुकड़े का द्रव्यमान m1 = 20.15 ग्राम
= 0.02015 किग्रा
दूसरे टुकड़े का द्रव्यमान m2 = 20.17 ग्राम
= 0.02017 किग्रा
∴ टुकड़े रखने के बाद डिब्बे का कुल द्रव्यमान
M=m+m1+m2
= 2.300 + 0.02015 + 0.02017
= 2.34032 किग्रा
चूँकि डिब्बे के द्रव्यमान में न्यूनतम सार्थक अंक 4 है। अतः डिब्बे के कुल द्रव्यमान का अधिकतम चार सार्थक अंकों में पूर्णांक करना चाहिए।
∴ कुल द्रव्यमान = 2.340 किग्रा
2. द्रव्यमानों में अन्तर
∆m = m2 – m1 = 20.17 – 20.15
= 0.02 ग्राम
चूँकि अधिकतम सार्थक अंक 4 हैं। अतः इनके अन्तर का दशमलव के दूसरे स्थान तक अर्थात् 0.02 ग्राम होगा।
प्रश्न 15. कोई भौतिक राशि P, चार प्रेक्षण-योग्य राशियों a, b, c तथा d से इस प्रकार संबंधित हैं:
p = a3b2cd
a, b, c तथा d के मापने में प्रतिशत त्रुटियाँ क्रमशः 1%, 3%,4% तथा 2% हैं। राशि Pमें प्रतिशत त्रुटि कितनी है? यदि उपर्युक्त संबंध का उपयोग करके P का परिकलित मान 3.763 आता है, तो आप परिणाम का किस मान तक निकटन करेंगे?
उत्तर: दिया है- P =p =a3b2cd
P के मान में % त्रुटि=pp100
=3aa100+2bb100+12cc100+dd100
=31%+23%+124%+2%
=3%+6%+2%+2%
=13%
∴ Δpp=13
∴ ∆P =13p100
=133.763100
= 0.4891
= 0.489 (उचित सार्थक अंक तीन तक)
अतः P के मान में त्रुटि 0.489 है। इससे स्पष्ट है कि P के मान में दशमलव के पहले स्थान पर स्थित अंक ही संदिग्ध है। अर्थात् P के मान को दशमलव के दूसरे स्थान तक लिखना कार्य । अतः P के मान का दशमलव के पहले स्थान तक ही पूर्णांकन रना होगा।
प्रश्न 16. किसी पुस्तक में, जिसमें छपाई की अनेक टियाँ हैं,आवर्त गति कर रहे किसी कण के विस्थापन के चार सूत्र दिए गए हैं:
y = a sin 2ntT
y = a sin vt
y = (aT) sin ta
y = (av2)(sin 2nt IT + cos 2nt IT)
(a = कण का अधिकतम विस्थापन, y = कण की चाल, “= गति का आवर्त काल)। विमीय आधारों पर गलत सूत्रों को निकाल दीजिए।
उत्तर:किसी भी त्रिकोणमितीय फलन का कोण एक बमाहीन राशि होती है।
सही है।
∵ vt विमाहीन नहीं है। अतः यह सूत्र गलत है।
∵ ta विमाहीन नहीं है। अत: यह सूत्र गलत है।
सही है।
∴ P का निकटतम मान =3.763 =33.8
प्रश्न 17. भौतिकी का एक प्रसिद्ध संबंध किसी कणके ‘चल द्रव्यमान (moving mass)’ m, ‘विराम द्रव्यमान m इसकी चाल , और प्रकाश की चाल के बीच है। (यह संबंध सबसे पहले अल्बर्ट आइंस्टाइन के विशेष आपेक्षिकता के सिद्धांत के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ था।) कोई छात्र इस संबंध को लगभग सही याद करता है लेकिन स्थिरांक c को लगाना भूल जाता है। वह लिखता है:
=चूड़ी अंतराल वृत्तीय पैमाने पर बने कुल भागों की संख्या अनुमान लगाइए कि c कहाँ लगेगा?
उत्तर: दिया है-
=चूड़ी अंतराल वृत्तीय पैमाने पर बने कुल भागों की संख्या
(1 – v2)12 = mm
यहाँ दायाँ पक्ष विमाहीन है जबकि बायाँ पक्ष विमापूर्ण है। अतः सूत्र के सही होने के लिए बायाँ पक्ष भी विमाहीन होना है। अर्थात् (1 – v2)12 2 के स्थान पर (1 – v2c2)12 होना चाहिए।
अर्थात सूत्र m=m(1 – v2c2)12 होगा |
प्रश्न 18. परमाण्विक पैमाने पर लम्बाई का सुविधाजनक मात्रक एंगस्ट्रम है और इसे Å : 1 Å= 10-10 m द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। हाइड्रोजन के परमाणु का आमाप लगभग 0.5 Å है। हाइड्रोजन परमाणुओं के एक मोल का m’ में कुल आण्विक आयतन कितना होगा?
उत्तर: हाइड्रोजन के एक अणु में दो परमाणु होते हैं।
∴ एक हाइड्रोजन अणु की त्रिज्या (r) = 1 हाइड्रोजन परमाणु का आयतन
= 0.5 Å = 0.5 10-10 मीटर
∴ एक हाइड्रोजन अणु का आयतन = 43r3
=433.1410.5 10-10 मीटर3
= 5.23 x 10-31 मीटर3
∴ 1 मोल हाइड्रोजन गैस में अणुओं की संख्या
= 6.023 x 1023
∴ 1 मोल हाइड्रोजन गैस में आण्विक आयतन = अणुओं की संख्या – एक अणु का आ०
= 6.023 x 1023 x 5.23 x 10-31 मीटर
= 3.15 x 10-7 मीटर3
प्रश्न 19. किसी आदर्श गैस का एक मोल (ग्राम अणुक) मानक ताप व दाब पर 22.4L आयतन (ग्राम अणुक आयतन) घेरता है। हाइड्रोजन के ग्राम अणुक आयतन तथा उसके एक मोल के परमाण्विक आयतन का अनुपात क्या है? (हाइड्रोजन के अणु की आमाप लगभग Å मानिए)। यह अनुपात इतना अधिक क्यों है?
उत्तर:
∵1 मोल हाइड्रोजन गैस का NTP पर आयतन = 22.4 लीटर
= 22.4 x 10-3 मीटर3
जबकि 1 मोल हाइड्रोजन गैस का NTP पर परमाण्विक आयतन = 3.15 x 10-3 मीटर3
अर्थात सूत्र m=m(1 – v2c2)12 होगा
= 7.11 x 104
इस अनुपात का मान अधिक होने का कारण है कि गैस का आयतन उसमें उपस्थित अणुओं के वास्तविक आयतन की अपेक्षा बहुत अधिक होता है। अर्थात् गैस के अणुओं के मध्य बहुत अधिक खाली स्थान होता है।
प्रश्न 20. समीपी तारों की दूरियाँ ज्ञात करने के लिए दिए गए’लंबन’ के सिद्धांत का प्रयोग किया जाता है। सूर्य के परितः अपनी कक्षा में छः महीनों के अंतराल पर पृथ्वी की अपनी दो स्थानों को मिलाने वाली, आधार रेखा AB है। अर्थात् आधार रेखा पृथ्वी की कक्षा के व्यास = 3 x 1011m के लगभग बराबर है। लेकिन, चूँकि निकटतम तारे भी इतने अधिक दूर हैं कि इतनी लंबी आधार रेखा होने पर भी वे चाप के केवल 1′ (सेकंड, चाप का) की कोटि का लंबन प्रदर्शित करते हैं। खगोलीय पैमाने पर लंबाई का सुविधाजनक मात्रक पारसेक है। यह किसी पिण्ड की वह दूरी है जो पृथ्वी से सूर्य तक की दूरी के बराबर आधार रेखा के दो विपरीत किनारों से चाप के 1′ का लंबन प्रदर्शित करती है। मीटरों में एक पारसेक कितना होता है?
उत्तर: S सूर्य तथा E पृथ्वी है। पृथ्वी बिन्दु Pसे 1 पारसेक की दूरी पर है। पृथ्वी की कक्षा की त्रिज्या
SE=व्यास2
SE=31011 मीटर2
=1.51011
प्रश्नानुसार रेखाखण्ड SE, बिन्दु P पर 1′ पर 1′ का कोण अन्तरित करता है।
इस प्रकार, ∠SPE =1” = (16060)
=13600180 रेडियन
∠SPE के छोटा होने के कारण PS तथा PE लगभग सम्पाती होंगी।
∠SPE=चाप SEत्रिज्या PE
=13600180
=1.51011 मीटर 1 पारसेक
अथवा 1 पारसेक =1.510113600180
=1.510113600180227
=309.551014 मीटर
= 3.0 1016मीटर
प्रश्न 21. हमारे सौर परिवार से निकटतम तारा 4.29 प्रकाश वर्ष दूर है। पारसेक में यह दूरी कितनी है? यह तारा (एल्फा सेंटौरी नामक) तब कितना लंबन प्रदर्शित करेगा जब इसे सूर्य के परितः अपनी कक्षा में पृथ्वी के दो स्थानों से जो छः महीने के अन्तराल पर है, देखा जाएगा?
उत्तर:
तारे की सौर परिवार से दूरी = 4.29 प्रकाश वर्ष
= 4.29 x 9.46 x 1015 मीटर
[ ∵ 1 प्रकाश वर्ष=9.461015मीटर]
=4.2910153.01016 पारसेक
=1.32 पारसेक
अभीष्ट लम्बन = 2 Q
= 2 x तारे की सौर परिवार से दूरी
= 1.32 x 2 = 2.64 सेकण्ड चाप का।
प्रश्न 22. जिस प्रकार विज्ञान में परिशुद्ध मापन आवश्यक है, उसी प्रकार अल्पविकसित विचारों तथा सामान्य प्रेक्षणों को उपयोग करने वाली राशियों के स्थूल आंकलन कर सकना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। उन उपायों को सोचिए जिनके द्वारा आप निम्नलिखित का अनुमान लगा सकते हैं : (जहाँ अनुमान लगाना कठिन है वहाँ राशि की उपरिसीमा पता लगाने का प्रयास कीजिए।
मानसून की अवधि में भारत के ऊपर वर्षाधारी मेघों का कुल द्रव्यमान।
किसी हाथी का द्रव्यमान।
किसी तूफान की अवधि में वायु की चाल।
आपके सिर के बालों की संख्या।
आपकी कक्षा के कमरे में वायु के अणुओं की संख्या।
उत्तर: 1. भारत में कुल वर्षा का द्रव्यमान = बादल का द्रव्यमान
= औसत वर्षा x भारत का क्षेत्रफल – जल का घनत्व
= 10 सेमी x 3.3 x 1012 मीटर 2x 103 किग्रा मीटर -3
= 3.3 x 1014 किग्रा
2. हाथी का द्रव्यमान लीवर के सिद्धान्त द्वारा निकाला जा सकता है। यह लगभग 3000 किग्रा होता है।
3. किसी तूफान की अवधि में वायु द्वारा उत्पन्न दाब को मापकर, वायु की चाल ज्ञात की जा सकती है। तूफान की चाल लगभग 80 किमी प्रति घण्टा होती है। यह चाल 300 किमी प्रति घण्टा से अधिक भी हो सकती है।
4. मनुष्य के बालों की संख्या = सिर का क्षेत्रफलएक बाल का परिच्छेद क्षेत्रफल
बाल की मोटाई t = 5 x 10-3 सेमी तथा मनुष्य के सिर की औसत त्रिज्या =8 सेमी
बालो की संख्या = r2(t2)2
= (8)2(510-32)2=107
5. वायु के 1 मोल का NTP पर आयतन = 22.4 लीटर
= 22.4 x 10-3मीटर 3
माना कक्षा के कमरे का आयतन = V
= 5 x 4 x 3 (माना)
= 60 मीटर 3
∴ कक्षा के कमरे में गैस अणुओं की संख्या कक्षा के कमरे का आ०
=कक्षा के कमरे का आयतन 22.4 x 10-3N
=606.023102322.4 x 10-3
=161026 = 1027 अणु
प्रश्न 23. सूर्य एक ऊष्म प्लाज्मा (आयनीकृत पदार्थ) है। जिसके आंतरिक क्रोड का ताप 107 K से अधिक और बाह्य पृष्ठ का ताप लगभग 6000 K है। इतने अधिक ताप पर कोई भी पदार्थ ठोस या तरल प्रावस्था में नहीं रह सकता। आपको सूर्य का द्रव्यमान घनत्व किस परिसर में होने की आशा है? क्या यह ठोसों, तरलों या गैसों के घनत्वों के परिसर में है? क्या आपका अनुमान सही है, इसकी जाँच आप निम्नलिखित आंकड़ों के आधार पर कर सकते हैं : सूर्य का द्रव्यमान = 2.0 x 1030 kg; सूर्य की त्रिज्या = 7.0 x 108ml
उत्तर: दिया है - M = 2 x 1030 किग्रा,
R=7.0 x 108 मीटर
सूर्य का घनत्व=सूर्य का द्रव्यमानसूर्य का आयतन=MV
=M43R3
=21030433.14(7108)3
= 1.4103किग्रा/घनमीटर
सूर्य का द्रव्यमान द्रवों/ठोस के घनत्व परिसर में होता है। यह गैसों के घनत्वों के परिसर में नहीं होता है। सूर्य की भीतरी पर्तों के कारण बाहरी पर्तों पर अंतर्मुखी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही गर्म प्लाज्मा का इतना अधिक घनत्व हो जाता है।
प्रश्न 24. जब बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से 8247 लाख किलोमीटर दूर होता है, तो इसके व्यास की कोणीय माप 35.72” की चाप है। बृहस्पति का व्यास परिकलित कीजिए।
उत्तर: दिया है - पृथ्वी से बृहस्पति की दूरी =d
= 824.7 x 1016 किमी
θ = 35.72″
= 35.72 x 4.85 x 10-6 रेडियन
बृहस्पति का व्यास, D = ?
सूत्र कोण,=चाप (D)त्रिज्या (d) में
D = θ x d
= 35.72 x 4.85 x 10-6 x 824.7 x 106
= 1.429 x 105 किमी
प्रश्न 25. वर्षा के समय में कोई व्यक्ति चाल के साथ तेजी से चला जा रहा है। उसे अपने छाते को टेढ़ा करके ऊर्ध्व के साथ एकोण बनाना पड़ता है। कोई विद्यार्थी कोण θ व v के बीच निम्नलिखित संबंध व्युत्पन्न करता है:
tan θ = v और वह इस संबंध के औचित्य की सीमा पता लगाता है : जैसी कि आशा की जाती है यदि v → 0 तो θ → 0 (हम यह मान रहे हैं कि तेज हवा नहीं चल रही है और किसी खड़े व्यक्ति के लिए वर्षा ऊर्ध्वाधरतः पड़ रही है)। क्या आप सोचते हैं कि यह संबंध सही हो सकता है? यदि ऐसा नहीं हो तो सही संबंध का अनुमान लगाइए।
उत्तर:
दिया है : tan θ = v
यह सम्बन्ध असत्य है क्योंकि इस सम्बन्ध में बायाँ पक्ष विमाहीन है जबकि दाएँ पक्ष की विमा
[LT-1] है। अतः दाएँ पक्ष में वर्षा की बूंदों के वेग से भाग देना चाहिए।
∴सही सम्बन्ध tan θ = vu होगा।