बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 3 सरल रेखा में गति लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1:विस्थापन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:किसी गतिशील वस्तु की प्रारभिक और अन्तिम स्थितियों के बीच न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते हैं। यह एक सदिश राशि है।
प्रश्न 2:दूरी तथा विस्थापन में से कौन सदिश राशि है?
उत्तर:विस्थापन सदिश राशि है|
प्रश्न 3:स्थिति-समय ग्राफ का ढाल क्या प्रदर्शित करता है?
उत्तर:स्थिति-समय ग्राफ का ढाल क्या प्रदर्शित करता है-वेग।
प्रश्न 4:एक वस्तु ऊध्वधर ऊपर की ओर फेंकी जाती है तथा वह h ऊँचाई तक जाकर प्रेक्षण बिन्दु पर लौट आती है। वस्तु द्वारा तय की गई दूरी व विस्थापन के मान बताइए।
उत्तर: दूरी = 2h, विस्थापन = 0.
प्रश्न 5:एक मीनार की चोटी से एक गेंद किसी निश्चित वेग से ऊध्वधर ऊपर की ओर तथा दूसरी गेंद उसी वेग से ठीक नीचे की ओर प्रक्षेपित की जाती हैं, कौन-सी गेंद को पृथ्वी से टकराने पर वेग अधिक होगा?
उत्तर:दोनों समान वेग से टकरायेंगी।
प्रश्न 6.बिन्दु वस्तु से क्या तात्पर्य है ? उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर-यदि वस्तु द्वारा चली गयी दूरी, उसके आकार की तुलना में बहुत अधिक हो तो वस्तु को बिन्दु वस्तु माना जाता है।
प्रश्न 7.एकविमीय गति को उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर-एकविमीय गति-जब कोई वस्तु सरल रेखा में गति करती है तो उसकी गति को एकविमीय गति कहते हैं। उदाहरण-सीधी सड़क पर कार की गति।
प्रश्न 8.विस्थापन एवं दूरी को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-विस्थापन-किसी वस्तु की प्रारंभिक एवं अंतिम स्थिति के मध्य की न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते हैं।
दूरी-दिये गये समयान्तराल में किसी वस्तु द्वारा तय किये गये पथ की लंबाई को दूरी कहते हैं।
प्रश्न 9.वस्तु की गति की दिशा वेग या त्वरण किससे निर्धारित होती है ?
उत्तर- वस्तु की गति की दिशा वेग से निर्धारित होती है |
प्रश्न 10. वेग किसे कहते हैं ? इसका SI में मात्रक लिखिए।
उत्तर-किसी गतिशील वस्तु के विस्थापन की दर (अर्थात् निश्चित दिशा में 1 सेकण्ड में चली गई दूरी) को उसका वेग कहते हैं।
वेग=विस्थापनसमयान्तराल
इसका SI मात्रक मीटर/सेकण्ड है। यह एक सदिश राशि है।
प्रश्न 11.चाल किसे कहते हैं ? इसका SI मात्रक लिखिए।
उत्तर-किसी गतिशील वस्तु की स्थिति परिवर्तन की दर (अर्थात् 1 सेकण्ड में चली गई दूरी) को उसकी चाल कहते हैं।
चाल =दूरीसमय
इसका SI मात्रक मीटर/सेकण्ड है। यह एक अदिश राशि है।
प्रश्न 12.एकसमान वेग तथा एकसमान चाल में अन्तर लिखिए।
उत्तर-जब समान समयान्तराल में किसी वस्तु का विस्थापन समान होता है, चाहे समयान्तराल कितना भी छोटा क्यों न हो, तो उसके वेग को एकसमान वेग कहते हैं।
जब कोई वस्तु समान समयान्तराल में समान दूरी तय करती है, चाहे समयान्तराल कितना भी छोटा क्यों न हो, तो उसकी चाल को एकसमान चाल कहते हैं।
प्रश्न 13:ऊर्ध्वाधर दिशा में दागी गई एक गोली पुनः उसी बिन्दु पर आ गिरती है। उसके द्वारा तय की गई दूरी कितनी होगी?
उत्तर:गोली पहले ऊपर की ओर जाकर फिर वापस नीचे की ओर उसी बिन्दु पर आकर गिरती है जिस बिन्दु से गोली छोड़ी गई थी। अत: गोली द्वारा चली गई दूरी उसके द्वारा तय की गई ऊंचाई की दोगुनी होगी।
प्रश्न 14:तात्क्षणिक वेग क्या है?
उत्तर:किसी क्षण विशेष पर गतिशील पिण्ड का जो चेग होता है, उसे तत्क्षणिक वेग कहते हैं। इसे dt द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 15:एक मीनार की चोटी से एक गेंद क्षैतिज दिशा में किसी निश्चित वेग से फेंकी जाती है, उसी क्षण दूसरी गेंद वहीं से ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर मुक्त रूप से गिरने के लिए छोड़ी जाती है,कौन-सी गेंद पृथ्वी पर पहले टकराएगी?
उत्तर:दोनों गेंदें साथ-साथ टकरायेंगी, क्योंकि ऊध्र्वाधर दिशा में दोनों गेंदों के प्रारम्भिक वेग शून्य हैं, तथा दोनों पर त्वरण का मान g है।
प्रश्न 16:क्या कोई वस्तु जिसका वेग शून्य हो, त्वरित हो सकती है?
उत्तर:हाँ, जब ई वस्तु अपनी गति की दिशा को उत्क्रमित (Reversal) करती है, तो क्षण भर के लिए उसका वेग शून्य हो जाता है, अपितु उस पर अब भी -a परिमाण को त्वरण कार्य करता है।
प्रश्न 16:एक चलती हुई मोटरगाड़ी को ब्रेक लगाकर कुछ दूरी पर रोक लिया जाता है इसके लिए गति का समीकरण लिखिए।
उत्तर: u2 = 2ax, जहाँ a= त्वरण (मन्दन), x = दूरी तथा u = प्रारम्भिक वेग।
प्रश्न 17:आपेक्षिक वेग से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:जब दो वस्तुएँ किसी वेग से गतिमान होती हैं तो प्रति सेकण्ड उनके बीच के विस्थापन में होने वाले परिवर्तन को आपेक्षिक वेग कहते हैं।
प्रश्न 18:चाल तथा वेग में अन्तर लिखिए।
उत्तर:चाल-किसी गतिशील वस्तु की चाल यह दर्शाती है कि वह वस्तु उस क्षण कितनी तेज चल रही है। किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में चली गई दूरी को वस्तु की चाल कहते हैं।
चाल =तय की गई दूरी समयान्तराल
यह एक अदिश राशि है।
वेग:कोई वस्तु एकांक समयान्तराल में किसी दिशा में जितनी विस्थापित होती है, उसे उस दिशा में वस्तु का वेग कहते हैं। वेग एक सदिश राशि है।
प्रश्न 19:परिवर्ती चाल तथा औसत चाल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:परिवर्ती चाल-यदि कोई वस्तु समान समयान्तरालों में भिन्न-भिन्न दूरियाँ तय करती है तो वस्तु की चाल असमान या परिवर्ती कहलाती है। औसत चाल-अधिकतरे गतिशील वस्तुओं की चाल परिवर्तित होती रहती है तथा यह कई बार अपनी गति की दिशा भी बदलती है ऐसी अवस्था में उसकी औसत चाल ज्ञात की जाती है। अर्थात् किसी गतिमान वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी तथा लिए गये कुल समय के अनुपात को औसत चाल कहते हैं।
अर्थात औसत चाल , uav=कुल तय की गई दूरी कुल समय
यदि t समयान्तराल में वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी s हो, तो औसत चाल=st
प्रश्न 20:क्या एक गतिशील वस्तु के लिए यह सम्भव है कि उसकी कुछ औसत चाल हो लेकिन औसत वेग शुन्य हो?
उत्तर:हाँ, यह सम्भव है। उदाहरण-यदि कोई व्यक्ति किसी वृत्ताकार ट्रैक पर किसी स्थान से चलकर कुछ निश्चित समय पश्चात् उसी ट्रैक के उसी स्थान पर वापस लौट आता है, तो उसके द्वारा चली गयी दूरी = ट्रैक की परिधि तथा उसका विस्थापन = शून्य।
अत: उसकी औसत चाल = दूरीसमय
तथा औसत वेग = विस्थापनसमय= 0समय = 0
प्रश्न 21:10 ग्राम तथा 100 ग्राम वाली भिन्न द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एकसमान ऊँचाई से गिराई जाती हैं। क्या वे एक समय पर पृथ्वी पर पहुँचेंगी? अपना उत्तर व्याख्या सहित लिखिए।
उत्तर:दोनों वस्तुओं को प्रारम्भिक वेग 40 = शून्य तथा दोनों के द्वारा पृथ्वी तक पहुँचने में तय की गयी दूरी के भी समान है।
अतः सूत्र h=ut+12gt2 से , h=0t+12gt2 अथवा t=2hg
इस सूत्र में द्रव्यमान नहीं आ रहा है। अत: g नियत होने के कारण दोनों के लिए है समान होगा। यदि वायु का प्रतिरोध नगण्य मान लिया जाये जो द्रव्यमान पर निर्भर करता है, अतः दोनों वस्तुएँ एक समय पर पृथ्वी पर पहुँचेगी।
प्रश्न 22:असमान अथवा परवर्ती त्वरण से क्या तात्पर्य है ? धनात्मक तथा ऋणात्मक त्वरण क्या है।
उत्तर:असमान या परिवर्तीत्वरण-यदि समान समयान्तरालों में वस्तु के वेग में परिवर्तन असमान हो, तो वस्तु का त्वरण असमान अंथवा परिवर्ती कहा जाता है। धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य त्वरण वाली गति के लिए गति-समय ग्राफ दर्शाया गया है। इन ग्राफों में ऊपर की ओर जाती हुई वक्र धनात्मक
यदि समय के साथ वस्तु का वेग बढ़ता है तो उसमें उत्पन्न त्वरण धनात्मक कहलाता है और यदि वस्तु का वेग घटता है तो उत्पन्न त्वरण ऋणात्मक कहलाता है। ऋणात्मक त्वरण को मन्दन भी कहते हैं।
प्रश्न 23:कोई जेट वायुयान 500 kmh-1 की चाल से चल रहा है और यह जेट वायुयान के सापेक्ष 1500 kmh-1 की चाल से अपने दहन उत्पादों को बाहर निकालता है। जमीन पर खड़े किसी प्रेक्षक के सापेक्ष इन दहन उत्पादों की चाल क्या होगी?
हल:जेट का वेग = vJ = – 500 kmh-1 (प्रेक्षक से दूर)
जेट के सापेक्ष दहन उत्पाद बाहर निकालने का आपेक्षिक वेग =veJ = 1500 kmh-1
यदि बाहर निकलने वाले उत्पादों का वेग ve हो तो veJ = ve– vJ
या
ve = veJ+vJ = 1500+ (- 500) = 1000 km/h
प्रश्न 24:नीचे दिए गए कथनों को ध्यान से पढिए और कारण बताते हुए व उदाहरण देते हुए बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य, एकविमीय गति में किसी कण की
(a) किसी क्षण चाल शून्य होने पर भी उसका त्वरण अशून्य हो सकता है।
(b) चाल शून्य होने पर भी उसका वेग अशून्य हो सकता है।
(c) चाल स्थिर हो तो त्वरण अवश्य ही शून्य होना चाहिए।
(d) चाल अवश्य ही बंढती रहेगी, यदि उसका त्वरण धनात्मक हो।
उत्तर:(a) सत्य, सरल आवर्त गति करते कण की महत्तम विस्थापन की स्थिति में कण की चाल शून्य होती है, जबकि त्वरण महत्तम (अशून्य) होता है।
(b) असत्य, चाल शून्य होने का अर्थ है कि कण के वेग का परिमाण शून्य है।
(c) असत्य, एकसमाने वृत्तीय गति करते हुए कण की चाल स्थिर रहती है तो भी उसकी गति में। अभिकेन्द्र त्वरण कार्य करता है।
(d) असत्य, यह केवल जब सत्य हो सकता है जबकि चुनी गई धनात्मक दिशा गति की दिशा के अनुदिश हो।
प्रश्न 25: औसत चाल व औसत वेग के परिमाण के बीच के अन्तर को स्पष्ट किया है। यदि हम तात्क्षणिक चाल व वेग के परिमाण पर विचार करते हैं तो इस तरह का अन्तर करना आवश्यक नहीं होता। तात्क्षणिक चाल हमेशा तात्क्षणिक वेग के बराबर होती है। क्यों?
उत्तर:जब हम यादृच्छिक समय अन्तरालों पर विचार करते हैं, विस्थापन का परिमाण सदैव दूरी के परिमाण के तुल्य होता है। अन्य शब्दों में,
तात्क्षणिक वेग, vinst=t0St (s=विस्थापन)
तात्क्षणिक चाल, v=t0 xt (x=दूरी)
अत्यन्त लघु समय अन्तरालों (∆t → 0) में वस्तु की गंति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं माना जाता; अतः कुल पथ-लम्बाई (दूरी) तथा विस्थापन के परिमाण में कोई अन्तर नहीं होता। इस प्रकार तात्क्षणिक चाल सदैव तात्क्षणिक वेग के परिमाण के तुल्य होती है।