बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 4 समतल में गति दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 4 समतल में गति दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

AJGF

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1:कोई यात्री किसी नए शहर में आया है और वह स्टेशन से किसी सीधी सड़क पर स्थित किसी होटल तक जो 10 km दूर है, जाना चाहता है। कोई बेईमान टैक्सी चालक 23 km के चक्करदार रास्ते से उसे ले जाता है और 28 min में होटल में पहुँचता है।

(a) टैक्सी की औसत चाल, और

(b) औसत वेग का परिमाण क्या होगा? क्या वे बराबर हैं।

हल:

दिया है : टैक्सी द्वारा तय कुल दूरी = 23 km,

लगा समय = 28 min

टैक्सी का विस्थापन = स्टेशन से होटल तक सरल रेखीय दूरी

= 10km

(a)  टैक्सी की औसत चाल= कुल  तय  दूरीलगा समय =23 km28 min=0.82 km/min

(b) टैक्सी का औसत वेग = कुल विस्थापन  लगा समय=10 km28 min= 0.36 km/min

टैक्सी की औसत चाल तथा औसत वेग  बराबर नहीं  है।


प्रश्न 2. कारण सहित बताइए कि अदिश तथा सदिश राशियों के साथ क्या निम्नलिखित बीजगणितीय संक्रियाएँ अर्थपूर्ण हैं

(a) दो अदिशों को जोड़ना,

उत्तर: नहीं, दो अदिशों को जोड़ना केवल तभी अर्थपूर्ण हो सकता है, जबकि दोनों एक ही भौतिक राशि को प्रदर्शित करते हों।

(b) एक ही विमाओं के एक सदिश व एक अदिश को जोड़ना,

उत्तर: नहीं, सदिश को केवल सदिश के साथ तैथा अदिश को केवल अदिश के साथ ही जोड़ा जा सकता है।,

(c) एक सदिश को एक अदिश से गुणा करना,

उत्तर: अर्थपूर्ण है, एक सदिश को एक अदिश से गुणा करने पर एक नया सदिश प्राप्त होता है, जिसका परिमाण सदिश व अदिश के परिमाण के गुणन के बराबर होता है तथा दिशा अपरिवर्तित रहती है।

(d) दो अदिशों का गुणन,

उत्तर: अर्थपूर्ण है, दो अदिशों के गुणन से प्राप्त नए अदिश का परिमाण दिए गए अदिशों के परिमाण के । गुणन के बराबर होता है।

(e) दो सदिशों को जोड़ना,

उत्तर: नहीं, केवल तभी अर्थपूर्ण होगा जबकि दोनों एक ही भौतिक राशि को प्रदर्शित करते हों।

(f) एक सदिश के घटक को उसी सदिश से जोड़ना?

उत्तर: चूँकि किसी सदिश का घटक एक सदिश होता है जो मूल सदिश के समान भौतिक राशि को निरूपित करता है (जैसे-बल का घटक भी एक बल ही होता है); अत: दोनों को जोड़ना अर्थपूर्ण है।

प्रश्न 3. दिया है a, b, c, d=0 नीचे दिए गए कथनों में से कौन-सा सही है

a,b,c,d में से प्रत्येक शून्य सदिश है।

उत्तर: यह कथन सही नहीं है क्योंकि सदिश a , b , c तथा d का योग शून्य है, जिससे यह परिणाम प्राप्त नहीं होता है कि प्रत्येक शून्य सदिश है। अत: कथन (a) सत्य नहीं है।

 a + c  का परिमाण b + d  के परिमाण के बराबर है।

उत्तर: 

∴ a + b + c + d = 0

∴ a + c = - ( b + d )

∴ | a + c | = | b + d | 

∴ | - ( b + d )| = | b + d |

अत: कथन (b) सत्य है।

(c)  a  का परिमाण b , c  तथा d के परिमाणों के योग से कभी-भी अधिक नहीं हो सकता।

उत्तर:

∴ a + b + c + d = 0

∴ a = | b + c + d |

परन्तु | b + c + d | | b | + | c | + | d | 

∴  | a | | b | + | c | + | d |

(d) यदि a  तथा d संरेखीय नहीं हैं तो  b + c  अवश्य ही a  तथा d के समतल में होगा और । यह a तथा d  के अनुदिश होगा यदि वे संरेखीय हैं।

उत्तर:

∴ कथन (c) सत्य है

∴ a + b + c + d = 0

∴ a + c = - ( b + d )

∴ b + d = - ( a + c )

यदि a व d  संरेखीय नहीं हैं तो a + d , a  व d  के समतल में होगा; अत:

∴ b + d = - ( a + d) भी a व d  के समतल में होगा।

यदि a  व d  संरेखीय हैं तो −( a + d ) भी a व  d के साथ संरेखीय होगा; अत: b + c भी a व d  के अनुदिश होगा।

अत: कथन (d) सत्य है।

प्रश्न 4:निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन को ध्यानपूर्वक पढिए और कारण सहित बताइए कि यह सत्य है या असत्य

(a) किसी सदिश का परिमाण सदैव एक अदिश होता है।

(b) किसी सदिश का प्रत्येक घटक सदैव अदिश होता है।

(c) किसी कण द्वारा चली गई पथ की कुल लम्बाई सदैव विस्थापन सदिश के परिमाण के बराबर होती है।

(d) किसी कण की औसत चाल (पथ तय करने में लगे समय द्वारा विभाजित कुल पथ-लम्बाई) समय के समान-अन्तराल में कण के औसत वेग के परिमाण से अधिक या उसके बराबर होती है।

(e) उन तीन सदिशों का योग जो एक समतल में नहीं हैं, कभी भी शून्य सदिश नहीं होता।

उत्तर:

(a) सत्य, किसी भी भौतिक राशि का परिमाण एक धनात्मक संख्या है, जिसमें दिशा नहीं होती; अतः यह एक अदिश राशि है।

(b) असत्य, किसी सदिश का प्रत्येक घटक एक सदिश राशि होता है।

(c) असत्य, उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति R त्रिज्या के वृत्त की परिधि पर चलते हुए एक चक्कर पूर्ण करता है तो उसके द्वारा तय किए गए पथ की लम्बाई 2π R होगी जबकि विस्थापन का परिमाण शून्य होगा।

(d) सत्य, क्योंकि औसत चाल पूर्ण पथ की लम्बाई पर तथा औसत वेग कुल विस्थापन पर निर्भर करता है। जबकि पूर्ण पथ की लम्बाई सदैव ही विस्थापन के परिमाण से अधिक अथवा बराबर

होती है।

(e) सत्य, शून्य सदिश प्राप्त करने के लिए तीसरा सदिश पहले दो सदिशों के परिणामी के विपरीत दिशा में तथा परिमाण में उसके बराबर होना चाहिए। यह इस दशा में सम्भव नहीं है, चूँकि तीनों सदिश एक समतल में नहीं हैं।

प्रश्न 5:तीन लड़कियाँ 200 in त्रिज्या वाली वृत्तीय बर्फीली सतह पर स्केटिंग कर रही हैं। वे सतह के किनारे के बिन्दु P से स्केटिंग शुरू करती हैं तथा P के व्यासीय विपरीत बिन्दु Qपर विभिन्न पथों से होकर पहुँचती हैं, जैसा कि दिखाया गया है। प्रत्येक लड़की के विस्थापन सदिश का परिमाण कितना है? किस लड़की के लिए यह वास्तव में स्केट किए गए पथ की लम्बाई के बराबर है?

हल:

दिया है : वृत्तीय पथ की त्रिज्या (R) = 200 m

∵ प्रत्येक लड़की का विस्थापन सदिश =  { PQ }

∴ विस्थापन सदिश का परिमाण = व्यास PQ की लम्बाई

= 2R = 2x200m

= 400 m

∵ लड़की B द्वारा तय पथ (PQ) की लम्बाई = 2R = 400m

∴ लड़की B के लिए विस्थापन संदिश का परिमाण वास्तव में स्केट पथ की लम्बाई के बराबर है।

प्रश्न 6:कोई साइकिल सवार किसी वृत्तीय पार्क के केन्द्र से चलना शुरू करता है तथा पार्क के किनारे P पर पहुँचता है। पुनः वह पार्क की परिधि के अनुदिश साइकिल चलाता हुआ Qo के रास्ते केन्द्र पर वापस आ जाता है। पार्क की त्रिज्या 1 km है। यदि पूरे चक्कर में 10 मिनट लगते हों तो साइकिल सवार का (a) कुल विस्थापन, (b) औसत वेग तथा (c) औसत चाल क्या होगी?

हल:

(a) दिया है : वृत्तीय पार्क की त्रिज्या = 1km

चूंकि साइकिल सवार केन्द्र० से चलकर पुनः केन्द्र0 पर ही पहुँच जाता है, अतः कुल विस्थापन = 0

(b) औसत वेग v=कुल विस्थापन  लगा समय=010 min= 0

(c) साइकिल सवार द्वारा तय कुल दूरी

                                  = त्रिज्या OP+ परिधि खंड PQ + त्रिज्या QO

                                  = 1 km + 142 R+1 km

                                 = 2 km + 123.141 km

                                 = 3.57 km

जबकि  लगा समय t = 10 min

            औसत चाल= कुल  तय  दूरीलगा समय =3.57 km10 min=0.357 km/min

प्रश्न 7:किसी खुले मैदान में कोई मोटर चालक एक ऐसा रास्ता अपनाता है जो प्रत्येक 500m के बाद उसके बाईं ओर 60° के कोण पर मुड़ जाता है। किसी दिए मोड़ से शुरू होकर मोटर चालक का तीसरे, छठे व आठवें मोड़ पर विस्थापन बताइए। प्रत्येक स्थिति में मोटर चालक द्वारा इन मोड़ों पर तय की गई कुल पध-लम्बाई के साथ विस्थापन के परिमाण की तुलना कीजिए।

हल:

मोटर चालक द्वारा अपनाया गया मार्ग एक समषट्भुज ABCDEF आकार का होगा।

(a) माना कि मोटर चालक शीर्ष A से चलना प्रारम्भ करता है।

तो वह शीर्ष D पर तीसरा मोड़ लेगा। प्रश्नानुसार,

AB = BC = CD = DE = EF = FA = 500 m

∴ तीसरे मोड़ पर विस्थापन ,

= AD = 2 AB (समषट्भुज के गुण से)

= 2 500 m = 1000 m = 1km

जबकि कुल पथ की लम्बाई

= AB+ BC + CD

= (500 + 500 + 500) m

= 1500 m = 1.5 km

∴ विस्थापन : पथ-लम्बाई = 1 km : 1.5 km = 2:3

(b) मोटर चालक छठा मोड़ शीर्ष A पर लेगा अर्थात् इस क्षण मोटर चालक अपने प्रारम्भिक बिन्दु पर पहुँच चुका होगा।

∴ विस्थापन = शून्य।

जबकि कुल पथ-लम्बाई = AB+ BC + CD+DE. + EF + FA

= 6 x AB = 6 x 500m

= 3000 m = 3 km

विस्थापन : पथ-लम्बाई = 0:3 km = 0

(c) मोटर चालक आठवाँ मोड़ शीर्ष C पर लेगा।

∴ विस्थापन AC=AB2+BC2+2 AB.BC Cos 60

                     = (500)2+(500)2+250050012

                     = 5003m=32m

जबकि कुल  पथ-लम्बाई =8AB = 8500 m=4 km

विस्थापन : पथ-लम्बाई = 32 km: 4 km =3:8

प्रश्न 8:कोई व्यक्ति स्थिर जल में 4.0 km/h की चाल से तैर सकता है। उसे 1.0 km चौड़ी नदी को पार करने में कितना समय लगेगा? यदि नदी 3.0 km/h की स्थिर चाल से बह रही हो और वह नदी के बहाव के लम्ब तैर रहा हो। जब वह नदी के दूसरे किनारे पहुँचता है तो वह नदी के बहाव की ओर कितनी दूर पहुँचेगा?

हल:

∵ तैराक नदी के लम्ब दिशा में तैर रहा है; अतः तैराक का अपना वेग नदी के लम्ब दिशा में कार्य करेगा जब इस दिशा में नदी के अपने वेग का कोई प्रभाव नहीं होगा।

अतः नदी के लम्ब दिशा में नेट वेग = तैराक का अपना वेग

                    = va=4.0 km/h

नदी पार करने के लिए नदी की लम्ब दिशा में तय दूरी=1 km

नदी पार करने में लगा समय = लम्ब दिशा में तय दूरीलम्ब दिशा में वेग

                                       =1 km4 (km/h)=14h=15 min

माना  इस बीच व्यक्ति बहाव  की ओर BC दूरी तय कर चुका  है , 

तब तय की गई दूरी BC = बहाव का वेग लगा समय

                                 =vb14h=(3.0 km/h)14h=0.75 km

प्रश्न 9:किसी लम्बे हॉल की छत 25 m ऊँची है। वह अधिकतम क्षैतिज दूरी कितनी होगी जिसमें 40 ms-1 की चाल से फेंकी गई कोई गेंद छत से टकराए बिना गुजर जाए?

हल:

यहाँ प्रक्षेप्य वेग u = 40 मी/से, महत्तम ऊँचाई HM = 25 मी

सूत्र HM=u2.sin22g से

25=402sin229.8

sin2=2529.8402=0.30625

sin=0.30625=0.5534

अथवा

         उक्त प्रक्षेप्य वेग तथा प्रक्षेप्य कोण के लिए अधिकतम क्षैतिज दूरी

                           = क्षैतिज परास R

                           =u2.sin 2g=u2(2 sin cos )g

                            =u2.2 sin 1-sin2g

                            =40220.55341-0.306259.8मी

                            =40220.55340.83299.8मी

                             = 150.5 मी 

प्रश्न 10:क्रिकेट का कोई खिलाड़ी किसी गेंद को 100 m की अधिकतम क्षैतिज दूरी तक फेंक सकता है। वह खिलाड़ी उसी गेंद को जमीन से ऊपर कितनी ऊँचाई तक फेंक सकता है?

हल:

यहाँ अधिकतम क्षैतिज परास Rmax = 100 मी

                                                 u2g=100 मी 

परन्तु किसी प्रक्षेप्य की अधिकतम ऊँचाई,HM=u2.sin22g 

अतः HM का उच्चतम मान , H=u22g  जबकि =90

                                           H=12u2g=12100 मी =50 मी 

प्रश्न 11:80 cm लम्बे धागे के एक सिरे पर एक पत्थर बाँधा गया है और इसे किसी एकसमान चाल के साथ किसी क्षैतिज वृत्त में घुमाया जाता है। यदि पत्थर 25 s में 14 चक्कर लगाता है तो पत्थर के त्वरण का परिमाण और उसकी दिशा क्या होगी?

हल:

पत्थर द्वारा अपनाए गए वृत्तीय मार्ग की त्रिज्या R = 80 cm = 0.8 m

पत्थर का आवर्तकाल T = कुल समयचक्करों की संख्या=25 s14

पत्थर पत्थर की रेखीय चाल v=2RT=22270.8 m2514s

                                       =22270.81425 ms-1=2.80ms-1

.: पत्थर का त्वरण (अभिकेन्द्र त्वरण) ac=v2R=(2.80 ms-1)20.8 m=9.80ms-2

इस त्वरण की दिशा वृत्त के केन्द्र की ओर होगी।

प्रश्न 12:कोई वायुयान 900 kmh-1 की एकसमान चाल से उड़ रहा है और 1.00 km त्रिज्या का कोई क्षैतिज लूप बनाता है। इसके अभिकेन्द्र त्वरण की गुरुत्वीय त्वरण के साथ तुलना कीजिए।

हल:

वायुयान की चाल v=900 km h-1=900518ms-1=250 ms-1

वृत्तीय मार्ग की त्रिज्या R =1.00 km=1000 m

वायुयान का अभिकेन्द्र त्वरण, ac=v2R=(250 ms-1)21000 m=62.5 ms-2

अतः                                  acg=62.5 ms-29.8 ms-2=6.38

या                                     ac=6.38गुरुत्वीय त्वरण

अर्थात् वायुयान का अभिकेन्द्र त्वरण, गुरुत्वीय त्वरण का 6.38 गुना है।

प्रश्न 13:कोई गोली क्षैतिज से 30° के कोण पर दागी गई है और वह धरातल पर 3:0km दूर गिरती है। इसके प्रक्षेप्य के कोण का समायोजन करके क्या 5.0 km दूर स्थित किसी लक्ष्य का भेद किया जा सकता है? गोली की नालमुखी चाल को नियत तथा वायु के प्रतिरोध को नगण्य मानिए।

हल:

यहाँ प्रक्षेप्य  कोण θ0 = 30°

तथा क्षैतिज परास R = 3.0 किमी

सूत्र   R=u2.sin 2gसे,

       3.0=u2gsin 230=u2gsin 60=u2g32

      u2g=323=23 किमी=21.732किमी

                                           =3.464 किमी 

परन्तु के नियत मान के लिए u2g महत्तम क्षैतिज परास है। अतः प्रक्षेप्य के कोण को समायोजित करके 5.0 किमी दूर स्थित किसी लक्ष्य को नहीं भेदा जा सकता।

प्रश्न 14: एक साइकिल सवार 27 km/h की चाल से साइकिल चला रहा है। जैसे ही सड़क पर वह 80 m त्रिज्या के वृत्तीय मोड़ पर पहुँचता है, वह ब्रेक लगाता है और अपनी चाल को 0.5 m/s की एकसमान दर से कम कर लेता है। वृत्तीय मोड़ पर साइकिल सवार के नेट त्वरण का परिमाण और उसकी दिशा निकालिए।

हल:

दिया है, साइकिल सवार की चाल

                                             v=27 km/h=27518ms-1=7.5ms-1

वृत्तीय पथ की त्रिज्या R = 80m

ब्रेक लगाने पर सवार का स्पर्श रेखीय मन्दन  aT=0.5 ms-2

                                      aN=v2R=7.57.580=0.703 ms-2

 साइकिल सवार का नेट त्वरण a=aN2+aT2

                                             =[(0.70)2+(0.50)2

                                             =0.86 ms-2

माना परिणामी त्वरण की दिशा स्पर्श रेखीय दिशा से कोण बनाती है, तब 

                                           tan =aNaT=0.700.50=1.4

                                            =tan-1(1.4)=54.5     

प्रश्न 15:(a) सिद्ध कीजिए कि किसी प्रक्षेप्य के -अक्ष तथा उसके वेग के बीच के कोण को समय के फलन के रूप में निम्न प्रकार से व्यक्त कर सकते हैं

        (t) =tan-1v0y-gtv0x

(b) सिद्ध कीजिए कि मूलबिन्दु से फेंके गए प्रक्षेप्य कोण का मान 0=tan-14hmR होगा। यहाँ प्रयुक्त प्रतीकों के अर्थ सामान्य हैं। 

उत्तर:

(a) माना कोई प्रक्षेप्य मूलबिन्दु से इस प्रकार फेंका जाता है कि उसके वेग के x-अक्ष तथा y-अक्षों की दिशाओं में वियोजित घटक क्रमश: v0x तथा v0y हैं।

माना t समय पश्चात् प्रक्षेप्य बिन्दु P पर पहुँचता है, जहाँ उसको स्थिति सदिश (t) है।

तब r(t)=v0t+12at2

             =(v0x i +v0yj)+12(0 i-g j)t2

                                                    [ ax=0 तथा ay=-g ]

                 वेग  v=d rdt=(v0x i +v0yj)+12(0 i-g j)2t

                           = v0x i +(v0yj)+12(-g j)2t

t समय पर प्रक्षेप्य के अक्षों की दिशाओं में वेग क्रमश: vtx=v0x तथा vty=v0y-gt हैं।

t समय पर वेग की दिशा द्वारा x-अक्ष से बनाया गया कोण

        (t) =tan-1vyvx= tan-1v0y-gtv0x

(b) मूलबिन्दु से फेंके गए प्रक्षेप्य का परास

                                  R=v02.sin 2g

जहाँ 0 प्रक्षेप्य कोण है।

प्रश्न 16:एक पुल से एक पत्थर क्षैतिज से नीचे की ओर 30° के कोण पर 25 मी/से के वेग से फेंका जाता है। यदि पत्थर 2.5 सेकण्ड में जल से टकराता है तो जल के पृष्ठ से पुल की ऊँचाई ज्ञात कीजिए। पत्थर का क्षैतिज परास भी ज्ञात कीजिए। (g = 98 मी/से²)

हल:

∵ प्रक्षेपण बिन्दु पर प्रक्षेपण के क्षण नीचे की ओर पत्थर का वेग

=u sin =25sin 30=2512=12.5मी/से

            h=ut+12gt2 से,

            h=12.52.5+129.8(2.5)2

               =31.25+30.62=61.87 मीटर

पत्थर का क्षैतिज परास R=u2.sin 2g=(25)2sin 609.8

                                  =625329.8=6251.7329.8=55.16मीटर