बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 6 कार्य , ऊर्जा तथा शक्ति लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. कार्य किसे कहते हैं ? यह कैसी राशि है ?
उत्तर- जब कोई बल लगाने से वस्तु का विस्थापन होता है, तो बल द्वारा कार्य किया जाता है। किसी बल द्वारा किया गया कार्य बल तथा बल की दिशा में उत्पन्न हुए विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है। यह एक अदिश राशि है।
इसका SI मात्रक जूल तथा विमीय सूत्र M1L2T-2 है।
1जूल = 107 अर्ग होता है।
प्रश्न 2. 1 जूल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- यदि 1 न्यूटन का बल लगाकर किसी वस्तु को बल की दिशा में 1 मीटर विस्थापित किया जाता है, तो वस्तु पर किया गया कार्य 1 जूल कहलाता है।
प्रश्न 3. 1 अर्ग को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- यदि 1 डाइन का बल लगाकर किसी वस्तु को बल की दिशा में 1 सेमी तक विस्थापित किया जाता है, तो किया गया कार्य 1 अर्ग कहलाता है।
प्रश्न 4. शून्य कार्य किसे कहते हैं ? .
उत्तर- यदि वस्तु पर बल लगाने के फलस्वरूप वस्तु का विस्थापन शून्य हो या वस्तु का विस्थापन; बल की दिशा के लंबवत् हो, तो बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है। यदि दीवार को धक्का लगाया जाये तो, चूँकि दीवार का विस्थापन नहीं होता, अतः किया गया कार्य शून्य होता है।
प्रश्न 5. ऊर्जा से क्या तात्पर्य है ? इसका SI मात्रक लिखिये। यह कैसी राशि है ?
उत्तर- ऊर्जा-किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता को उसकी ऊर्जा कहते हैं ।
इसका SI मात्रक जूल है। यह एक अदिश राशि है।
प्रश्न 6. एक पिण्ड पर बल लगाकर उसे विस्थापित किया जाता है। पिण्ड पर किस दिशा में बल लगाने पर महत्तम कार्य होगा?
उत्तर- कार्य w=F.d Cos के अनुसार बल, विस्थापन की दिशा में लगाने पर महत्तम कार्य प्राप्त होगा, जबकि विस्थापन की लंबवत् दिशा में बल लगाने से कार्य शून्य होगा एवं विस्थापन की विपरीत दिशा में बल लगाने से प्राप्त कार्य न्यूनतम (ऋणात्मक) होगा।
प्रश्न 7. ऊर्जा संरक्षण का नियम लिखिये।
उत्तर- इस नियमानुसार-“ऊर्जा को न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता है। इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।”
प्रश्न 8. एक व्यक्ति कुछ वजन लेकर सड़क पर 10 मीटर की दूरी चलता है, उसके द्वारा गुरुत्वीय बल के विरुद्ध कितना कार्य किया जायेगा?
उत्तर- शून्य, क्योंकि व्यक्ति का विस्थापन; गुरुत्वीय बल की दिशा के लंबवत् है।
प्रश्न 9. परिवर्ती बल से क्या समझते हो ? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर- जब किसी वस्तु पर आरोपित बल का मान तथा दिशा समय के साथ या वस्तु की स्थिति के साथ दलते रहते हैं, तो इस प्रकार के बल को परिवर्ती बल कहते हैं । उदाहरण के लिए, किन्हीं दो वस्तुओं के मध्य ने वाला गुरुत्वाकर्षण बल दोनों वस्तुओं के बीच की दूरी पर निर्भर करता है। अतः गुरुत्वाकर्षण बल एक वर्ती बल है।
प्रश्न 10. क्या यह संभव है कि किसी वस्तु की गति त्वरित हो तथा उस पर नियत परिमाण का बल रहा हो, फिर भी उस बल द्वारा किया गया कार्य शून्य हो ?
उत्तर- हाँ, वृत्तीय गति में अभिकेन्द्री बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है।
प्रश्न 11. यांत्रिक ऊर्जा क्या है ? यह कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर– किसी वस्तु की यान्त्रिक कारणों से कार्य करने की जितनी क्षमता होती है, उसे उस वस्तु की यान्त्रिक ऊर्जा कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है
गतिज ऊर्जा-किसी वस्तु की गति के कारण वस्तु में जितनी ऊर्जा होती है, उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं।
स्थितिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी स्थिति के कारण निहित ऊर्जा को उसकी स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
प्रश्न 12. किसी वस्तु का यदि वेग दो गुना कर दिया जाये, तो उसकी गतिज ऊर्जा कितनी गुना बढ़ जायेगी?
उत्तर- चार गुनी हो जायेगी, क्योंकि गतिज ऊर्जा = 12mv2 होती है।
प्रश्न 13. पृथ्वी तल से h ऊँचाई पर किसी पिण्ड की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का सूत्र लिखिये।
उत्तर- पृथ्वी तल से h ऊँचाई पर m द्रव्यमान के किसी पिण्ड की
गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा = mgh.
प्रश्न 14. जब किसी बन्दूक से चलाई गई गोली किसी लक्ष्य से टकराकर रुक जाती है तो उसकी गतिज ऊर्जा किन-किन रूपों में परिवर्तित हो जाती है ?
उत्तर- गोली की गतिज ऊर्जा लक्ष्य की आकृति या आकार बदलने में (अर्थात् लक्ष्य की प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा के रूप में) ध्वनि ऊर्जा के रूप में तथा ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होगी।
प्रश्न 15. शक्ति से क्या तात्पर्य है ? इसके मात्रक लिखिए। यह कैसी राशि है ?
उत्तर- किसी मशीन द्वारा कार्य करने की दर को उसकी शक्ति कहते हैं।
अर्थात्
शक्ति=कार्यसमय
इसका SI मात्रक वाट है। शक्ति एक अदिश राशि है।
प्रश्न 16. एक क्षैतिज प्लेटफॉर्म पर अपने सिर पर बॉक्स रखकर कुली घूम रहा है। क्या वह गुरुत्व बल के विरुद्ध कोई कार्य कर रहा है? वह किस बल के विरुद्ध कार्य कर रहा है?
उत्तर : उसकी गति क्षैतिज है और गुरुत्व बल ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर होता है, अत: वह कोई कार्य नहीं कर रहा है। परन्तु चलते समय वह घर्षण बल के विरुद्ध कार्य कर रहा है।
प्रश्न 17. 1 अश्व शक्ति का मान बताइये।
उत्तर- 1 अश्व शक्ति (H.P.) = 746 वाट होता है।
प्रश्न 18. संघट्ट से क्या तात्पर्य है ? संघट्ट के दौरान किन-किन भौतिक राशियों का आदानप्रदान होता है ?
उत्तर- दो वस्तुओं का आपस में टकराना या उनके मध्य अन्योन्य क्रिया का होना संघट्ट कहलाता है। संघट्ट के दौरान वस्तुओं के संवेग तथा गतिज ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है।
प्रश्न 19. संघट्ट कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर- संघट्ट दो प्रकार के होते हैं
प्रत्यास्थ संघट्ट-इनमें निकाय का संवेग तथा गतिज ऊर्जा दोनों संरक्षित रहते हैं।
अप्रत्यास्थ संघट्ट-इनमें संवेग संरक्षित रहता है, किन्तु गतिज ऊर्जा संरक्षित नहीं होती है।
प्रश्न 20. 1 किलोवाट तथा 1 मेगावाट में कितने वाट होते हैं ?
उत्तर-
1 किलोवाट = 103 वाट होता है।
1 मेगावाट = 106वाट होता है।
प्रश्न 21. शक्ति सदिश राशि है या अदिश राशि ? इसका विमीय सूत्र बताइये।
उत्तर- शक्ति एक अदिश राशि है। इसका विमीय सूत्र M1L2T-3 होता है।
प्रश्न 22. गतिज ऊर्जा की माप कैसे की जाती है ?
उत्तर- गतिज ऊर्जा की माप कार्य की उस मात्रा से की जाती है, जो उस वस्तु को विरामावस्था से वर्तमान गति की अवस्था तक लाने में किया जाता है, अथवा वह वस्तु अपनी वर्तमान गति की अवस्था से विरामावस्था तक आने में कर सकती है।
प्रश्न 23. क्या संघट्ट के लिए पदार्थों का परस्पर संपर्क आवश्यक है ?
उत्तर- संघट्ट में दो टकराने वाले पिण्डों में भौतिक संपर्क आवश्यक नहीं है। उदाहरण के तौर पर रदरफोर्ड के α कणों के प्रकीर्णन के प्रयोग में α कण का नाभिक से भौतिक संपर्क नहीं होता, बल्कि a कण तथा नाभिक के बीच स्थित वैद्युत् परस्पर क्रिया के कारण α कण नाभिक से कुछ दूर से ही प्रकीर्णित हो जाते हैं।
प्रश्न 24. अचर बल से क्या तात्पर्य है ? अचर बल द्वारा किये गये कार्य का सूत्र लिखिए।
उत्तर- वह बल जो परिमाण व दिशा में नियत रहता है, अचर बल कहलाता है। अचर बल द्वारा किया गया कार्य = बल × बल की दिशा में विस्थापन
∴ W = F.d cosθ
प्रश्न 25. एक पिण्ड पर बल लगाकर उसे विस्थापित किया जाता है। पिण्ड पर किस दिशा में बल लगाने पर महत्तम कार्य होगा?
उत्तर- विस्थापन की दिशा में बल लगाने पर कार्य महत्तम होगा।
प्रश्न 26. पिण्ड पर किस दिशा में बल लगाने पर कार्य शून्य होगा?
उत्तर- विस्थापन की लंबवत् दिशा में बल लगाने पर कार्य शून्य होगा।
चूँकि W = F.d cosθ
यदि θ = 90°
तो w = Fd cos 90° = 0.
प्रश्न 27. एक कार क्षैतिज समतल घर्षण युक्त सड़क पर एकसमान वेग से जा रही है। बताइए कि कार द्वारा कार्य किया जा रहा है या नहीं?
उत्तर- कार द्वारा घर्षण बल के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है।
प्रश्न 28. क्या यह संभव है कि किसी वस्तु की गति त्वरित हो तथा उस पर नियत परिमाण का बल लग रहा हो, फिर भी उस बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य शून्य हो ?
उत्तर- हाँ, वृत्तीय गति में अभिकेन्द्री बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है।
प्रश्न 29. परिवर्ती बल द्वारा किये गये कार्य की माप किस प्रकार की जाती है ?
उत्तर- परिवर्ती बल द्वारा किये गये कार्य की माप, बल तथा विस्थापन के बीच ग्राफ खींचकर बलविस्थापन वक्र द्वारा विस्थापन अक्ष से घिरे क्षेत्रफल द्वारा की जाती है।
प्रश्न 30. ऊर्जा के विभिन्न स्वरूप कौन-कौन से हैं ?
उत्तर- ऊर्जा के विभिन्न स्वरूप यान्त्रिक ऊर्जा, ऊष्मीय ऊर्जा, प्रकाश ऊर्जा, चुम्बकीय ऊर्जा, विद्युत् स, ध्वनि ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा इत्यादि हैं।