बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिक विज्ञान अध्याय 9 ठोसों के यान्त्रिक गुण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. प्रत्यास्थ उत्तर प्रभाव से क्या तात्पर्य है ? क्या कारण है कि प्रत्यास्थता संबंधी प्रयोग में तार पर से भार हटाते ही तुरन्त पाठ नहीं लेते हैं बल्कि कुछ देर रुककर पाठ लेते हैं ?
उत्तर- प्रत्यास्थता की सीमा के अन्दर भी बल लगाने के बाद उसे हटाने पर वस्तु को अपनी पूर्वावस्था में वापिस आने में कुछ समय लगता है। इसे प्रत्यास्थता उत्तर प्रभाव कहते हैं। यही कारण है कि प्रत्यास्थता संबंधी प्रयोग में तार पर से भार हटाते ही तुरन्त पाठ नहीं लेते हैं। बल्कि कुछ देर ठहरने के बाद पाठ लेते हैं ताकि तार अपनी पूर्वावस्था प्राप्त कर लेवे।
प्रश्न 2. प्रत्यास्थ एवं प्लास्टिक वस्तुओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- वे वस्तुएँ जिन पर बल लगाने से उनकी लंबाई, आयतन, आकृति में कुछ परिवर्तन हो जाता है तथा बल को हटाने पर यह परिवर्तन स्वतः ही समाप्त हो जाता है और वस्तु पूर्ण रूप से अपनी पूर्वावस्था में आ जाती है, प्रत्यास्थ वस्तुएँ कहलाती हैं। क्वार्ट्ज़ को लगभग पूर्ण प्रत्यास्थ वस्तु माना जाता है।
वे वस्तुएँ जिन पर जब कोई बाह्य बल लगाया जाता है तो उनकी लंबाई, आयतन अथवा आकृति में कुछ परिवर्तन हो जाता है, परन्तु बल हटाने पर वे वापिस अपनी पूर्वावस्था में नहीं आती, प्लास्टिक वस्तुएँ कहलाती हैं। यद्यपि कोई भी वस्तु पूर्ण प्लास्टिक नहीं है। परन्तु फिर भी मोम का टुकड़ा पूर्ण प्लास्टिक माना जाता है।
प्रश्न 3. यंग प्रत्यास्थता गुणांक का सूत्र लिखिये तथा इसके आधार पर यंग प्रत्यास्थता गुणांक की परिभाषा दीजिए इसका मात्रक तथा विमीय सूत्र भी लिखिए।
हल-यदि L लंबाई तथा A अनुप्रस्थ परिच्छेद वाले तार पर F बल लगाने से इसकी लंबाई में वृद्धि ! होती है तो यंग प्रत्यास्थता गुणांक
Y = F . L A . l
A. अब यदि A=1 वर्ग मीटर तथा l = L हो तो Y= F
अतः किसी पदार्थ का यंग प्रत्यास्थता गुणांक संख्यात्मक रूप से उस बल के बराबर होता है जो प्रत्यास्थता की सीमा में उस पदार्थ के एकांक परिच्छेद क्षेत्रफल वाले तार की लंबाई को दोगुना कर दे। यंग गुणांक का मात्रक न्यूटन / मीटर2 है।
प्रश्न 4. सिद्ध कीजिए कि स्टील, रबर से अधिक प्रत्यास्थ है।
उत्तर-
माना समान लंबाई L तथा समान त्रिज्या r के स्टील तथा रबर के दो तार हैं जिन पर समान बल F लगाने पर उनकी लंबाई में वृद्धि lS तथा lR होती हैं । यदि स्टील तथा रबर के यंग प्रत्यास्थता गुणांक क्रमशः YS तथा YRहैं तो
YS=F .LA lS .........................(1)
YR=F .LA lR ..................(2)
समी. (1) में समी. (2) का भाग देने पर,
YSYR = lRlS ...........................(3)
परन्तु समान बल लगाने पर lR > lS
अतः समी. (3) से स्पष्ट है कि YS > YR
अतः स्टील, रबर से ज्यादा प्रत्यास्थ है।
प्रश्न 5. यंग प्रत्यास्थता गुणांक से आप क्या समझते हैं ? इसके मात्रक तथा विमीय सूत्र लिखिये तथा इसके लिए सूत्र स्थापना कीजिये।
उत्तर-
प्रत्यास्थता की सीमा के अन्तर्गत अनुदैर्ध्य प्रतिबल तथा अनुदैर्ध्य विकृति के अनुपात को यंग प्रत्यास्थता गुणांक कहते हैं। अर्थात्
इसका SI मात्रक न्यूटन / मीटर2 तथा विमीय सूत्र [M1L-1T-2] है।
माना एक तार की प्रारंभिक लंबाई L तथा त्रिज्या r है। उसके एक सिरे को दृढ़ आधार से कसकर दूसरे सिरे पर M द्रव्यमान का भार लटकाने पर उसकी लंबाई में वृद्धि । होती है।
अतः अनुदैर्ध्य प्रतिबल = बलक्षेत्रफल =Mgr2
अनुदैर्ध्य विकृति = lL
यंग प्रत्यास्थता गुणांक Y = Mgr2lL
Y = MgLr2l
प्रश्न 6. आयतन प्रत्यास्थता गुणांक से क्या तात्पर्य है ? इसका सूत्र स्थापित कीजिए।
उत्तर- प्रत्यास्थता की सीमा के अन्दर अभिलंब प्रतिबल तथा आयतन विकृति के अनुपात को आयतन प्रत्यास्थता गुणांक कहते हैं।
अतः आयतन प्रत्यास्थता गुणांक = अभिलंब प्रतिबलअनुदैर्ध्य विकृति
अनुदैर्ध्य विकृति माना किसी वस्तु का प्रारंभिक आयतन V है। उसकी किसी सतह पर अभिलंबवत् बल F लगाने से उसके आयतन में परिवर्तन V हो जाता है। यदि उसकी सतह का क्षेत्रफल A हो तो
अभिलंब प्रतिबल = FA
आयतन विकृति = -VV
अतः आयतन प्रत्यास्थता गुणांक K = -FA-VV
∴ K = -F . VA. V
परन्तु FA=P =दाब
अतः K = -PVV
प्रश्न 7. दृढ़ता गुणांक से क्या तात्पर्य है ? इसके लिए सूत्र स्थापित कीजिये।
उत्तर- प्रत्यास्थता की सीमा के अन्तर्गत स्पर्शरेखीय प्रतिबल तथा अपरूपण विकृति के अनुपात को दृढ़ता गुणांक कहते हैं।
स्पर्शरेखीय प्रतिबल
दृढ़ता गुणांक = स्पर्शरेखीय प्रतिबलअपरूपण विकृति
माना घनाभ ABCDEFGH के ऊपरी सतह ADEE जिसका क्षेत्रफल A है, पर स्पर्शरेखीय बल F लगाया जाता है जिससे समान्तर सतहों के मध्य कोणीय विस्थापन के उत्पन्न हो जाता है।
अतः स्पर्शरेखीय प्रतिबल =FA
तथा आयतन विकृति =
दृढ़ता गुणांक = FA
या = FA.
प्रश्न 8. गर्डर लोहे के तथा I के आकार के क्यों बनाये जाते हैं ?
उत्तर- माना किसी छड़ की लंबाई l , चौड़ाई b तथा मोटाई d है। यदि इसके मध्य बिन्दु पर भार w लटका दिया जाये तो छड़ का झुकाव निम्न सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
= W l3bd3Y .........................(1)
गर्डर की मजबूती के लिए आवश्यक है कि का मान कम हो। का मान कम होगा, यदि
(i) Y का मान अधिक हो अर्थात् प्रयुक्त धातु का यंग मापांक अधिक हो।
(ii) समी. (1) से स्पष्ट है कि 1b = तथा 1d3 अत: चौड़ाई 6 की तुलना में गहराई d को अधिक होना चाहिये।
उपर्युक्त कारणों से गर्डर, लोहे के तथा I आकार के बनाये जाते हैं।
प्रश्न 9. पाइसन अनुपात से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- प्रत्यास्थता की सीमा के अन्तर्गत अनुप्रस्थ विकृति और अनुदैर्ध्य विकृति के अनुपात को पाइसन अनुपात कहते हैं। इसे (सिग्मा) से प्रदर्शित करते हैं।
पाइसन अनुपात =अनुप्रस्थ विकृतिअनुदैर्ध्य विकृति
माना किसी तार के प्रारंभिक लंबाई L तथा व्यास D है। यदि लंबाई में l परिवर्तन होने पर उसके व्यास में परिवर्तन d हो, तो
पाइसन अनुपात = dDlL = dLDl
यह एक विमाहीन राशि है। इसका कोई मात्रक नहीं होता। इसका सैद्धान्तिक मान -1 से 0.5 होता है।
प्रश्न 10. दो दृढ़ आधारों के बीच कसे हुए तार को ठंडा करने पर उत्पन्न होने वाले बल की गणना कीजिए।
उत्तर- माना किसी तार की प्रारंभिक लंबाई L तथा उसके अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A है। इसे दो दृढ़ आधारों के बीच कस दिया गया है। जब उसे ठंडा किया जाता है तो उसमें संकुचन होता है अत: वह दृढ़ आधारों पर बल आरोपित करता है।
माना तार के पदार्थ का यंग मापांक Y तथा रेखीय प्रसार गुणांक a है। उसके ताप में T की कमी करने पर उसकी लंबाई में होने वाली कमी । है। तब रेखीय प्रसार गुणांक की परिभाषा से,
= lL .T या l =.L T
परन्तु Y = F . LA .l
या F = Y A lL = Y . A .. LTL
∴ F = Y . A .. LT
प्रश्न 11. नीचे चित्र में किसी दिए हुए पदार्थ के लिए प्रतिबल-विकृति वक्र दर्शाया गया है। इस पदार्थ के लिए
(a) यंग प्रत्यास्थता गुणांक एवं
(b) सन्निकट पराभव सामर्थ्य क्या है?
उत्तर- (a) ग्राफ से स्पष्ट है कि 150 106 N/m2 प्रतिबल के लिए विकृति 0.002 है,
अत: यंग प्रत्यास्थता गुणांक
Y = प्रतिबलविकृति= 150 106 N/m20.002
Y=7.5 1010 N/m2
(b) किसी वस्तु का सन्निकट पराभव सामर्थ्य वह अधिकतम प्रतिबल है जिसे वह सहन कर सकता है। अतः ग्राफ से स्पष्ट है कि अधिकतम प्रतिबल का मान 300 106 N/m2 या 3 108 N/m2 है।
प्रश्न 12. दो पदार्थों A एवं B के लिए प्रतिबल-विकृति ग्राफ चित्र में दर्शाए गए हैं। इन ग्राफों को एक ही पैमाना मानकर खींचा गया है
(a) किस पदार्थ का यंग प्रत्यास्थता गुणांक अधिक है।
(b) दोनों पदार्थों में कौन अधिक मजबूत है।
उत्तर-
(a) पदार्थ A का यंग प्रत्यास्थता गुणांक B के तुलना में अधिक है क्योंकि A का प्रतिबल B से अधिक है एवं A के लिए ग्राफ की ढाल अधिक है।
(b) पदार्थ A, B के तुलना में अधिक मजबूत है क्योंकि A के लिए विखण्डन बिन्दु D के संगत प्रतिबल अधिक है।
प्रश्न 13. किसी तार को खींचने में किये गये कार्य की गणना कीजिए।
अथवा
प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
जब किसी तार को खींचा जाता है तो विरूपक बल के द्वारा उस पर कार्य किया जाता है। यह कार्य उस तार में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है, जिसे तार की प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
माना किसी तार की प्रारंभिक लंबाई L, अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A तथा तार के पदार्थ का यंग मापांक Y है। उस पर विरूपक बल F लगाने पर उसकी लंबाई में वृद्धि | होती है।
प्रारंभ में तार पर लगने वाला बल 0 है जो बढ़कर F हो जाता है। अतः तार पर लगने वाला माध्य बल =0+F2= F2 कार्यरत है।
अतः तार को खींचने में किया गया कार्य = माध्य बल लंबाई में वृद्धि
∴ W = F2 l
अतः तार में संचित प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा
U = 12F l ............................(1)
या समी. (1) को निम्नानुसार लिखा जा सकता है
U = 12FAlL F. A
या U = 12 प्रतिबल विकृति आयतन ..........................(2)
अत: तार के प्रति एकांक आयतन में संचित प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा
U = 12 प्रतिबल विकृति ......................(3)
यंग प्रत्यास्थता गुणांक = प्रतिबलविकृति
या प्रतिबल = यंग प्रत्यास्थता गुणांक विकृति
समी. (1) में मान रखने पर,
U = 12 यंग मापांकविकृति 2 ......................(4)
इसी प्रकार,
U = 12 प्रतिबल 2यंग मापांक
प्रश्न 14. ताँबे का एक टुकड़ा जिसका अनुप्रस्थ परिच्छेद 15.2 mm 19.1 mm का है, 44,500 N बल के तनाव से खींचा जाता है, जिसमें केवल प्रत्यास्थ विरूपण उत्पन्न हों। उत्पन्न विकृति की गणना कीजिए।
उत्तर-
हल-प्रश्नानुसार, A = 15.2 19.1 m , m2=15.2 19.110-6 m2
F = 44,500 N यंग प्रत्यास्थता गुणांक Y = 1.1 1011 N/m2
विकृति = प्रतिबलAY = 44,50015.2 19.1 10-6 1.1 1011
विकृति = 0.00139
प्रश्न 15. 1.5 सेमी त्रिज्या का एक इस्पात का केवल भार उठाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यदिइस्पात के लिए अधिकतम अनुज्ञेय प्रतिबल 108 N/m2 है तो उस अधिकतम भार की गणना कीजिए जिसे केवल उठा सकता है।
उत्तर- हल-प्रश्नानुसार, स्टील केबल की त्रिज्या r= 1.5 cm = 1.5 10-2 m
अधिकतम प्रतिबल = 108 N/m2
अधिकतम बल या भार = प्रतिबल परिच्छेद का क्षेत्रफल
= 108 r2
= 108 3.14 1.5 10-21.5 10-2 N =7.07 108 N
प्रश्न 16. 4 मीटर लंबे तथा 1.2 सेमी2 अनुप्रस्थ काट वाले ताँबे के तार को 4.8 103 न्यूटन बल द्वारा खींचा जाता है। यदि ताँबे के लिए यंग प्रत्यास्थता गुणांक =1.2 1011न्यूटन / मीटर है तो निम्न की गणना कीजिए-
(i) प्रतिबल,
(ii) विकृति,
(iii) तार की लंबाई में वृद्धि।
उत्तर-
हल-प्रश्नानुसार, L = 4 मीटर, A =1.2 सेमी2 =1.2 10-4 मीटर
F =4.8 103 न्यूटन , Y=1.2 1011 न्यूटन/मीटर2
(i) प्रतिबल = FA = 4.8 1031.2 10-4=4107 N/m2
(ii) यंग प्रत्यास्थता गुणांक Y= प्रतिबलविकृति
विकृति= प्रतिबलY= 41071.2104= 3.310-4
(iii) विकृति =लंबाई में परिवर्तन प्रारंभिक लम्बाई
लंबाई में परिवर्तन = विकृति प्रारंभिक लम्बाई
=3.310-4 (4)
=13.210-4 मीटर
प्रश्न 17. सोने के तार को खींचने पर इसकी लंबाई में वृद्धि 1% होती है। तार में रेखीय विकृति की गणना कीजिए। यदि सोने का यंग प्रत्यास्थता गुणांक 81010 न्यूटन / मीटर है तो तार पर प्रतिबल की गणना कीजिए।
उत्तर- हल-प्रश्नानुसार लंबाई में वृद्धि l =1% , Y =81010 N/m2
रेखीय विकृति = लंबाई में वृद्धिप्रारंभिक लम्बाई=1100 =0.01
प्रतिबल =यंग प्रत्यास्थता गुणांक विकृति
=81010 0.01
=8108 N/m2
प्रश्न 18. निम्नलिखित दो कथनों को ध्यान से पढ़िये और कारण सहित बताइये कि वे सत्य हैं या असत्य –
इस्पात की अपेक्षा रबड़ का यंग गुणांक अधिक है;
किसी कुण्डली का तनन उसके अपरूपण गुणांक से निर्धारित होता है।
उत्तर: असत्य, चूँकि इस्पात व रबड़ से बने एक जैसे तारों में समान विकृति उत्पन्न करने के लिए इस्पात के तार में रबड़ की अपेक्षा अधिक प्रतिबल उत्पन्न होता है। इससे स्पष्ट है कि इस्पात का यंग गुणांक रबड़ से अधिक है।’
सत्य, चूँकि हम किसी कुण्डली या स्प्रिंग को खींचते हैं तो न तो स्प्रिंग निर्माण में लगे तार की लम्बाई में कोई परिवर्तन होता है और न ही उसका आयतन परिवर्तित होता है। स्प्रिंग का केवल रूप बदलता है। अतः स्प्रिंग का तनन उसके अपरूपण गुणांक से निर्धारित होता है।
प्रश्न 19 . 1.5 cm त्रिज्या का एक इस्पात का केबिल भार उठाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यदि इस्पात के लिए अधिकतम अनुज्ञेय प्रतिबल 108 Nm-2 है तो उस अधिकतम भार की गणना कीजिए जिसे केबिल उठा सकता है।
उत्तर: दिया है: इस्पात के तार की त्रिज्या, r =1.5 सेमी
=1.510-2 मीटर2
अधिकतम अनुज्ञेय प्रतिबल अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल
=108 (1.510-2)2
=3.14 2.25 104 न्यूटन
प्रश्न 20. हीरे के एकल क्रिस्टलों से बनी निहाइयों, जिनकी आकृति चित्र में दिखाई गयी है, का उपयोग अति उच्च दाब के अंतर्गत द्रव्यों के व्यवहार की जाँच के लिए किया जाता है। निहाई के संकीर्ण सिरों पर सपाट फलकों का व्यास 0.50 mm है। यदि निहाई के चौड़े सिरों पर 50.000 N का बल लगा हो तो उसकी नोंक पर दाब ज्ञात कीजिए।
उत्तर: दिया है: आरोपित बल, F=5104 न्यूटन
व्यास, D=510-4 मीटर
त्रिज्या, r= D2 =2.510-4
क्षेत्रफल, A =r2
= 227(2.510-4)2
नोंक पर दाब, P = ?
सूत्र P = FA से,
P =5104 227(2.510-4)2
= 0.225 1012 Pa
= 2.55 1011 Pa
प्रश्न 21. दो तार एक ही धातु के बने हुए हैं। प्रथम तार की लंबाई, द्वितीय तार की लंबाई की आधी है तथा उसका व्यास, दूसरे तार के व्यास का दोगुना है, यदि दोनों तारों पर समान भार लटकाया जाये तो उनकी लंबाइयों में हुई वृद्धि का अनुपात क्या होगा?
उत्तर- हल-प्रश्नानुसार, L1 = L22 ,d1=2d2
या r1=2r2
F1=F2 तथा Y1=Y2 (क्योंकि पदार्थ समान हैं)
∴ सूत्र Y = FLAl = F Lr2l से,
लंबाई में वृद्धि l = F Lr2Y
∴ l1l2 = F1F2 L1L2r2r12Y2Y1
या l1l2 = 1 121221=18
या l1 : l2= 1 : 8 .
प्रश्न 22. रबर की गेंद को 200 मीटर गहरी झील के ऊपरी तल से उसकी तली तक ले जाने में गेंद के आयतन में कमी 0.1 % हो जाती है। झील के जल का घनत्व 1000 किग्रा/मी है। रबर का आयतन प्रत्यास्थता गुणांक ज्ञात कीजिए।(g=9.8 मी/से) ।
उत्तर- हल- गेंद को झील के ऊपरी तल में उसकी तली तक ले जाने में दाब में वृद्धि
P = h dg =200 10009.8 = 1.96 106 N/m2
अतः अभिलंब प्रतिबल = 1.96 106 N/m2
आयतन विकृति =0.1 %=0.1 100 =10-3
रबर का आयतन प्रत्यास्थता गुणांक = अभिलम्ब प्रतिबल आयतन विकृति
= 1.96 10610-3= 1.96 109N/m2
प्रश्न 23. 20 किग्रा का भार एक तार से लटकाया गया है। तार का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल 1 मिमी है तथा तनी हुई अवस्था में इसकी लंबाई ठीक 6 मीटर है। भार हटा लेने पर लंबाई घटकर 5.995 मीटर रह जाती है। तार के पदार्थ का यंग प्रत्यास्थता गुणांक क्या होगा ?”
उत्तर- हल-प्रश्नानुसार, M=20 किग्रा, A =1 मिमी2 = 10-6 मीटर2 , L=6 मीटर
लंबाई में कमी l=6-5.995 मीटर =0.005 मीटर l
सूत्र से Y = MgLAl
या Y = 20 9.8 610-60.05 = 2.35 1011 N/m2