बिहार बोर्ड कक्षा 11वी भौतिक विज्ञान - अध्याय 7: कणों के निकाय तथा घूर्णी गति के Handwritten नोट्स
पाठ की विषयवस्तु:
"कणों के निकाय तथा घूर्णी गति" बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिकी पाठमाला का सातवां पाठ है, जिसमें कणों के निकाय की संरचना और घूर्णी गति के बारे में विस्तार से बताया गया है। छात्रों को कणों के निकाय के प्रकार और घूर्णी गति के नियमों की समझ प्राप्त होती है।
पाठ का महत्व:
"कणों के निकाय तथा घूर्णी गति" पाठ बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कणों के निकाय की संरचना और घूर्णी गति के नियमों की समझ प्रदान की जाती है, जिनसे छात्र संबंधित प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं।
पाठ के मुख्य विषयवस्तु को समझने के लिए छात्रों से निम्नलिखित प्रश्नों पर चर्चा की जा सकती है:
- कणों के निकाय क्या होते हैं और उनके प्रकार क्या-क्या होते हैं?
- कणों के निकाय में गतिशीलता कैसे होती है? घूर्णी गति के क्या नियम होते हैं?
- घूर्णी गति के नियमों का उपयोग किस प्रकार की गतियों में होता है?
बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न 1: कणों के निकाय से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: कणों के निकाय (System of Particles) से तात्पर्य उस समूह से है, जिसमें अनेक कण (particles) एक साथ मिलकर किसी वस्तु या प्रणाली का निर्माण करते हैं। इन कणों का हर एक का अपनी विशेष स्थिति, गति, और द्रव्यमान (mass) होता है। यह कण आमतौर पर परमाणु, अणु, या अन्य सूक्ष्म कण हो सकते हैं, जो किसी वस्तु या प्रणाली को बनाते हैं। कणों के निकाय का कुल रेखीय संवेग, निकाय के कुल द्रव्यमान और द्रव्यमान-केंद्र के वेग के गुणनफल के बराबर होता है.
प्रश्न 2: घूर्णी गति और वृत्तीय गति में क्या अंतर है?
उत्तर:घूर्णी गति और वृत्तीय गति में मुख्य अंतर यह है कि घूर्णी गति में वस्तु एक अक्ष के चारों ओर घूमती है, जबकि वृत्तीय गति में वस्तु एक वृत्त में घूमती है:
- घूर्णी गति: इसमें वस्तु एक निश्चित अक्ष के चारों ओर घूमती है और इसका घूर्णन अक्ष शरीर के अंदर होता है. घूर्णी गति में वस्तु का अंतरिक्ष में स्थानांतरण नहीं होता, बल्कि वह घूमती है. घूमता हुआ ग्रह और अपनी धुरी पर घूमता हुआ पहिया घूर्णी गति के उदाहरण हैं. इसमें कोई वस्तु अपने एक स्थिर बिंदु या अक्ष (axis) के चारों ओर घूमती है। इस गति में वस्तु का हर बिंदु एक निश्चित अक्ष के चारों ओर घूर्णन करता है।
- वृत्ताकार गति: इसमें वस्तु एक निश्चित अक्ष के चारों ओर घूमती है, लेकिन यह अक्ष शरीर के बाहर होता है. वृत्ताकार गति में वस्तु के वेग की दिशा लगातार बदलती रहती है, लेकिन इसकी गति स्थिर रहती है इसमें कोई वस्तु किसी निश्चित बिंदु (केंद्र) के चारों ओर एक वृत्तीय पथ पर चलती है। इसमें वस्तु का केंद्र से निश्चित दूरी पर घूमना होता है।
प्रश्न 3: घूर्णन गति का दूसरा नाम क्या है
उत्तर: घूर्णन गति (Rotational Motion) का दूसरा नाम परिक्रमण गति (Revolutional Motion) भी कहा जा सकता है, हालांकि इन दोनों शब्दों में कुछ संदर्भों में भिन्नता हो सकती है। घूर्णी गति के कुछ उदाहरण हैं - पंखे के ब्लेड का घूमना, एनालॉग घड़ी की सुइयों का घूमना, पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर घूमना. घूर्णी गति के अलावा, गति के अन्य प्रकार हैं - रेखीय गति, वृत्ताकार गति, आवर्त गति, दोलनशील गति, लेन-देन संबंधी गति, एकसमान गति, असमान गति.
प्रश्न 4: घूर्णन का मात्रक क्या है?
उत्तर: घूर्णन (Rotation) का मात्रक कोणीय मापन के आधार पर होता है। घूर्णन में मुख्य रूप से कोणीय विस्थापन (Angular Displacement), कोणीय वेग (Angular Velocity), और कोणीय त्वरण (Angular Acceleration) जैसे गुणकों को मापा जाता है। घूर्णन त्रिज्या ज्ञात करने पर समीकरण (1) द्वारा किसी भी दृढ़ पिंड का जड़त्व आघूर्ण ज्ञात किया जाता है। इस प्रकार, हम mn को M के रूप में लिख सकते हैं जो पिंड के कुल द्रव्यमान को दर्शाता है।
प्रश्न 5: रेखीय गति और घूर्णी गति क्या है?
रेखीय गति: रेखीय गति वह गति है जिसमें कोई वस्तु एक सीधी रेखा में चलती है। इसमें वस्तु बिना किसी घुमाव या चक्कर के सीधे पथ पर चलती है. रेखीय गति में, वस्तु दूरी तय करती है लेकिन इसकी दिशा में लगातार बदलाव नहीं होता.
संक्षेप:
"कणों के निकाय तथा घूर्णी गति" पाठ बिहार बोर्ड कक्षा 11 भौतिकी पाठमाला का सातवां पाठ है, जिसमें कणों के निकाय की संरचना और घूर्णी गति के नियमों की समझ प्रदान की जाती है। छात्रों को इस पाठ से कणों के निकाय के प्रकार और घूर्णी गति के नियमों की समझ प्राप्त होती है, जिनसे वे संबंधित प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं।
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