जीव विज्ञान - अध्याय 2: पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन के Handwritten नोट्स
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बिहार बोर्ड कक्षा 12वी जीव विज्ञान - अध्याय 2: पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन के Handwritten नोट्स

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"पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन" जीव विज्ञान कक्षा 12 का दूसरा अध्याय है, जो पुष्पी पादपों में प्रजनन की प्रक्रिया और इससे संबंधित महत्वपूर्ण विषयों को विस्तृत रूप से समझाता है। इस अध्याय में हम पुष्पी पादपों के लैंगिक प्रजनन की प्रक्रिया, लैंगिक अंगों के विकास, और इसमें होने वाले बदलावों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

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अध्याय की सामग्री: इस अध्याय में, हम पुष्पी पादपों के लैंगिक प्रजनन की प्रक्रिया को विस्तृत रूप से जानेंगे। यह अध्याय पुष्पी पादपों के लैंगिक अंगों के विकास, उनके गुणधर्म, और उनसे संबंधित महत्वपूर्ण विषयों को समझने में मदद करता है। इस अध्याय में हम पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन की विभिन्न प्रक्रियाएं और उनमें होने वाले बदलावों को विस्तृत रूप से समझेंगे।

परीक्षा के प्रतियोगिता स्तर से महत्व: "पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन" अध्याय के पढ़ाई और समझ के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने में मदद मिलती है। परीक्षा में इस अध्याय से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं और इसलिए छात्रों को इस अध्याय को ध्यान से पढ़ना चाहिए। इस अध्याय में समझाए गए विषयों को समझने के लिए छात्रों को उदाहरणों के माध्यम से समझाना होगा, और इसलिए उन्हें इस अध्याय का अधिक प्रैक्टिस करने की आवश्यकता होगी।

सामग्री को समझाने के लिए विधियाँ: इस अध्याय को समझने के लिए छात्रों को विभिन्न शिक्षण विधियों का उपयोग करना चाहिए। वे उदाहरणों, चित्रों, और व्याख्यानों का उपयोग करके सामग्री को समझा सकते हैं और इसे अच्छे से याद कर सकते हैं। सामग्री को सरल भाषा में समझाने से छात्रों को सभी अंशों को समझने में मदद मिलेगी और उन्हें अध्याय को आसानी से याद करने में सहायता प्रदान की जाएगी

महत्वपूर्ण प्रश्न:

प्रश्न 1: पौधों में लैंगिक प्रजनन कैसे होता है?

उत्तर: फूलों का नर यौन भाग (पुंकेसर):

  • परागकोश (Anther): यह परागकणों का निर्माण करता है।
  • तंतु (Filament): यह परागकोश को सहारा देता है।
फूलों का मादा यौन भाग (स्त्रीकेसर):
  • वर्तिका (Stigma): परागकणों को पकड़ने का कार्य करता है।
  • अंडप (Style): वर्तिका और अंडाशय के बीच की नलिका।
  • अंडाशय (Ovary): इसमें अंडाणु (Ovules) होते हैं।
परागण (Pollination):
  • परागकण का पुंकेसर से वर्तिका तक पहुंचना।
निषेचन (Fertilization):
  • परागनली के माध्यम से नर युग्मक का अंडाणु तक पहुंचना और संयोग।
बीज निर्माण (Seed Formation):
  • निषेचन के बाद अंडाणु का बीज में और अंडाशय का फल में परिवर्तित होना।

प्रश्न 2: पादपों में अलैंगिक जनन क्या है?

 

उत्तर: पौधों में अलैंगिक जनन वह प्रक्रिया है जिसमें बिना बीजों या बीजाणुओं के नए पौधे उत्पन्न होते हैं, और इसमें नर-मादा युग्मकों का संलयन नहीं होता। इसके प्रमुख तरीके हैं:

  • कलिकायन: दो पौधों के हिस्सों को जोड़कर नया पौधा उगाना।
  • विखंडन: एक कोशिका का विभाजन, जैसे बैक्टीरिया में।
  • वानस्पतिक प्रसार: पौधे के अंगों जैसे तने, जड़, या पत्तियों से नए पौधे उगाना।
  • बीजाणु निर्माण: फर्न या मोल्ड जैसे पौधों में बीजाणुओं से नया पौधा बनाना।
  • पुनर्जनन: पौधे के किसी हिस्से से नया पौधा उगाना, जैसे अडानी में।

इससे पौधों का अस्तित्व बनाए रखने में मदद मिलती है

प्रश्न 3: पुष्पी पादपों में निषेचन कैसे होता है?

 

उत्तर:पुष्पी पौधों में निषेचन की प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • परागण: परागकण अन्नत से वर्तिकाग्र पर पहुंचते हैं।
  • परागनलिका का निर्माण: वर्तिकाग्र से रसायन स्रावित होते हैं, जिससे परागकण से परागनलिका बनती है।
  • किण्वन: परागनलिका वर्तिका से होते हुए अंडाशय तक पहुँचती है, और इसमें से दो नर युग्मक निकलते हैं।
  • निषेचन: एक नर युग्मक मादा युग्मक (अंडाणु) से मिलकर जिगोट बनाता है। दूसरा नर युग्मक दो पोलर कोशिकाओं से मिलकर एंडोस्पर्म बनाता है।

इस प्रक्रिया से नया बीज बनता है।

प्रश्न 4: नर और मादा में निषेचन कैसे होता है?

उत्तर:मानवों में निषेचन की सही प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. संभोग: संभोग के दौरान, शुक्राणु पुरुष के लिंग से महिला की योनि में प्रवेश करते हैं।
  2. शुक्राणुओं का मार्ग शुक्राणु गर्भाशय के माध्यम से फैलोपियन ट्यूब की ओर बढ़ते हैं।
  3. निषेचन: फैलोपियन ट्यूब में एक अंडाणु (अंडे) के साथ एक शुक्राणु मिलकर निषेचन करता है।
  4. युग्मनज का निर्माण: शुक्राणु और अंडाणु के मिलन से युग्मनज (zygote) बनता है, जो भ्रूण (embryo) के रूप में विकसित होता है।

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