बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 8 d-एवं f- ब्लॉक के तत्व लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.संक्रमण तत्व क्या होता है?
उत्तर⇒ वे तत्व जिनमें अपनी निम्नतम ऊर्जा अवस्था या सामान्य ऑक्सीकरण अवस्था में d. उपकोश आंशिक रूप से भरे होते हैं, संक्रमण तत्व कहलाते हैं। s-ap-ब्लॉक तत्वों के मध्य स्थित होने के कारण ही इन्हें d संक्रमण तत्व कहते हैं।
प्रश्न 2 . संक्षेप में स्पष्ट कीजिए कि प्रथम संक्रमण श्रेणी के प्रथम अर्द्धभाग में बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के साथ +2 ऑक्सीकरण अवस्था कैसे अधिक स्थायी होती जाती है?
उत्तर⇒ प्रथम संक्रमण श्रेणी में बायें से दाये जाने पर IE1+ IE2 का योग बढ़ता जाता है। इसके परिणामस्वरूप M2+ आयन बनाने की प्रवृत्ति घटती जाती है। यही कारण है कि श्रेणी के प्रथम अर्द्ध भाग में + 2 अवस्था अधिकाधिक स्थायी होती है।
प्रश्न 3. असमानुपातन से आप क्या समझते हैं? जलीय विलयन में असमानुपातन अभिक्रियाओं के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर⇒ किसी रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप किसी पदार्थ का एक समय में ऑक्सीकरण व अपचयन समानुपातीकरण कहलाता है। इस प्रकार, पदार्थ की ऑक्सीकरण अवस्था बढ़ती भी है तथा घटती भी है। जैसे,
3Cl2+6OH- 5 Cl-1 + 5H2O
3MnO42- + 4H+ 2MnO4-+MnO2 + 2H2O
प्रश्न 4. मिश्रातुएँ क्या हैं? लैन्थेनाइड धातुओं से युक्त एक प्रमुख मिश्रातु का उल्लेख कीजिए। इसके उपयोग भी बताइए।
उत्तर⇒ दो या दो से अधिक धातुओं या धातुओं व अधातुओं का समांग मिश्रण मिश्रातु कहलाती है। मिश धातु एक महत्त्वपूर्ण मिश्रातु है, जिसमें 30 - 35% सीरियम तथा कुछ मात्रा में अन्य हल्की लैन्थेनाइड धातु Zr होती है। यह धातुकर्म में अपचायक के रूप में प्रयोग होती है।
30 % मिश्रातु तथा 1 % Zr धातु युक्त मैग्नीशियम मिश्रातु का प्रयोग जेट इंजन में किया जाता है।
प्रश्न 5. ऐक्टिनाइड श्रेणी का अन्तिम तत्व कौन-सा है? इस तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इस तत्व की सम्भावित ऑक्सीकरण अवस्थाओं पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर⇒ ऐक्टिनाइड श्रेणी का अन्तिम तत्त्व लॉरेन्शियम (Lr) है तथा इसका परमाणु क्रमांक 103 होता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Rn] 5f14 6d1 7s2 है तथा सम्भावित ऑक्सीकरण अवस्था +3 है।
प्रश्न 6. आन्तरिक संक्रमण तत्व क्या हैं? बताइए कि निम्नलिखित में कौन-से परमाणु क्रमांक आन्तरिक संक्रमण तत्वों के हैं – 29, 59, 74, 95, 102, 104
उत्तर⇒ वे तत्त्व जिनमें विभेदी इलेक्ट्रॉन (n --2) f उपकक्षक में प्रवेश करता है, अन्त: संक्रमण तत्त्व कहलाते हैं। दिये गये तत्त्वों में 59 , 95 तथा 102 परमाणु क्रमांक वाले तत्त्व अन्त: संक्रमण तत्त्व हैं।
प्रश्न 7. प्रथम संक्रमण श्रेणी में कौन-सी धातु बहुधा तथा क्यों +1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती हैं?
उत्तर⇒ Cu(3d10 4s1) प्रायः +1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है तथा Cu+ आयन (3d10) बनाता है, जिसकी अधिक स्थायी विन्यास होता है।
प्रश्न 8. निम्नलिखित में कौन-से आयन जलीय विलयन में रंगीन होंगे?
Ti3+,V3+ , Cu+ , Sc3+ , Mn2+ ,Fe3+, Co2+ प्रत्येक के लिए कारण बताइए।
उत्तर⇒ वे आयन रंगीन होते हैं जिनमें एक या अधिक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं।
Ti3+,V3+ , Cu+ , Sc3+ , Mn2+ ,Fe3+, Co2+ रंगीन होते हैं। Cu+ ,Sc3+ रंगहीन होते हैं।
प्रश्न 9. सिल्वर परमाणु की मूल अवस्था में पूर्ण भरित d कक्षक (4d10) हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि यह एक संक्रमण तत्व है?
उत्तर⇒ सिल्वर (Z=47) , +2 ऑक्सीकरण अवस्था भी प्रदर्शित कर सकता है तथा इस अवस्था में इसके 4d कक्षक अपूर्ण भरे हुए होते हैं, अत: यह एक संक्रमण तत्व है।
प्रश्न 10. श्रेणी Sc (Z=21) से Zn (Z=30) में, जिंक की कणन एन्थैल्पी का मान सबसे कम अर्थात 128 kJ mol-1 होता है, क्यों?
उत्तर⇒ जिंक के 3d कक्षकों के इलेक्ट्रॉन आबन्धन में प्रयुक्त नहीं होते हैं, जबकि 3d श्रेणी की शेष सभी धातुओं के d कक्षक के इलेक्ट्रॉन आबन्ध बनाने में प्रयुक्त होते हैं। इसलिए श्रेणी में जिंक की कणन एन्थैल्पी का मान सबसे कम होता है।
प्रश्न 11. संक्रमण तत्वों की 3d श्रेणी का कौन-सा तत्व बड़ी संख्या में ऑक्सीकरण अवस्थाएँ दर्शाता है एवं क्यों?
उत्तर⇒ मैंगनीज (Z=25) के परमाणु में सर्वाधिक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं। अत: यह +2 से +7 तक ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित करता है जो सबसे बड़ी संख्या है।
प्रश्न 12. संक्रमण तत्वों की मूल अवस्था में नीचे दिए गए d इलेक्ट्रॉनिक विन्यासों में कौन-सी ऑक्सीकरण अवस्था स्थायी होगी? 3d3 ,3d5 ,3d8 ,3d4
उत्तर⇒
3d3 (वैनेडियम) : +2 , +3 , +4 , + 5
3d5 (क्रोमियम) :+3 ,+4 , + 6
3d8 (मैंग्नीज) :+2 , +4 , +6 , + 7
3d4 (कोबाल्ट) :+2 , +3
: इस विन्यास वाला कोई भी तत्त्व तलस्थ अवस्था में नहीं पाया जाता है।
प्रश्न 13. कोई धातु अपनी उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था केवल ऑक्साइड अथवा फ्लुओराइड में ही क्यों प्रदर्शित करती है?
उत्तर⇒ छोटे आकार एवं उच्च विद्युत ऋणात्मकता के कारण ऑक्सीजन अथवा फ्लुओरीन तत्व, धातु को उसकी उच्च ऑक्सीकरण अवस्था तेक ऑक्सीकृत कर सकते हैं।
प्रश्न 14. संक्रमण तत्त्वों में परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था क्यों होती है ?
उत्तर⇒ संक्रमण तत्त्वों का परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था ns और (n-1)d के बंध के कारण साझेदारी के कारण होता है। निम्न ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होता जब ns का इलेक्ट्रॉन बंध में भाग लेता है तथा उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होता जब ns और (n-1) के d-इलेक्टॉन बंध में भाग लेते हैं।
प्रश्न 15. मिश्रधातुएँ क्या हैं ? लैन्थेनॉयड धातुओं से युक्त एक प्रमुख मिश्रधातु का उल्लेख कीजिए। इसके उपयोग भी बताइए।
उत्तर⇒ मिश्रधातु दो या अधिक धातु तथा अधातुओं का समांगी मिश्रण होता है। लैन्थेनॉयड के लिए प्रमुख मिश्रधातु है जो 95% लैन्थेनॉयड धातु तथा 5% s. C , Ca और Al तत्व रखता है। इसका उपयोग गोली, सैल, प्रकाशिक तन्तु आदि बनाने में किया जाता है। मैग्नीशियम (Mg) के साथ 3% के साथ 3%मिश्रधातु मिलाकर जेट इंजन बनाने में किया जा सकता है।
प्रश्न 16. हुंड नियम के आधार पर Ce3+ आयन के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को व्युत्पन्न कीजिए तथा ‘प्रचक्रण मात्र सूत्र’ के आधार पर इसके चुम्बकीय आघूर्ण की गणना कीजिए।
उत्तर⇒ Ce3+=[Xe] 4f1 Ce3+ अनुचुंबकीय है।
=n(n+2)
n = अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या
Ce3+ केवल एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन रखता है।
∴ n=1
∴ =1(1+2)=3=1.73 B.M.
प्रश्न 17. Sm+2, Eu+2 और Yb+2 आयन विलयन में अच्छे अपचायक हैं, लेकिन Ce+4 अच्छा ऑक्सीकारक। क्यों ?
उत्तर⇒ लैन्थेनॉयड तत्वों की प्रमुख ऑक्सीकरण अवस्था +3 है। अतः +2 ऑक्सीकरण अवस्था बदलकर +3 ऑक्सीकरण अवस्था ग्रहण करती है, एक इलेक्ट्रॉन खोकर, जबकि +4 ऑक्सीकरण अवस्था इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर +3 अवस्था में बदल जाती है।
प्रश्न 18. 5d तत्वों का आयनन ऊर्जामान 3d तत्वों से अधिक है, क्यों ?
उत्तर⇒ 5d श्रेणी में लैन्थेनम (Z=57 ) के बाद लैन्थेनॉयड संकुचन होता है। प्रत्येक वर्ग में 5d तत्वों का आकार छोटा है जबकि नाभिकीय आवेश अधिक है, अतः 5d श्रेणी के तत्वों का आयनन ऊर्जामान अधिक है।
प्रश्न 19. +3 ऑक्सीकरण अवस्था में ऑक्सीकृत होने के संदर्भ मे Mn2+ के यौगिक Fe2+ के यौगिकों की तुलना में अधिक स्थायी क्यों हैं ?
उत्तर⇒
Mn2+ = [Ar]3d5
Fe2+ = [Ar]3d6
Mn2+ के इलेक्ट्रॉन विन्यास में 3d उपकक्षक अर्धपूर्ण भरा है, जो स्थायी है। इसलिए I.E3 मान उच्च है। अतः Mn2+ के लिए इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की क्षमता कम है। Fe2+ में एक अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन होने के कारण आसानी से इलेक्ट्रॉन खो देता है।
Fe2+ Fe3+ + e-
प्रश्न 20.लैन्थेनाइड आकुंचन की तुलना में एक तत्व से दूसरे तत्व के बीच ऐक्टिनाइड आकुंचन अधिक होता है, क्यों?
उत्तर⇒ 5d इलेक्ट्रॉन नाभिकीय आवेश से प्रभावी रूप से परिरक्षित रहते हैं। दूसरे शब्दों में, 5d इलेक्ट्रॉनों की श्रेणी में एक तत्व से दूसरे तत्व की ओर जाने पर दुर्बल परिरक्षण प्रभाव परिलक्षित होता है। अतः ऐक्टिनाइड आकुंचन (संकुचन) अधिक होता है।
प्रश्न 21. प्रथम संक्रमण श्रेणी के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किस सीमा तक ऑक्सीकरण अवस्थाओं को निर्धारित करते हैं ? उत्तर को उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए।
उत्तर⇒ प्रथम संक्रमण श्रेणी में ऑक्सीकरण अवस्था 3d0, 3d5,3d10 3d° रिक्त, अर्धपूर्ण और पूर्ण इलेक्ट्रॉन विन्यास को दर्शाते हैं। पूर्ण भरा इलेक्ट्रॉन विन्यास (II) की तुलना में अधिक स्थायी है।
Mn (Z=25) का इलेक्ट्रॉन विन्यास [Ar]3ds5 4s2 है। जो +2 से +7 तक ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है। परन्तु Mn (II) स्थायी इलेक्ट्रॉन विन्यास को दर्शाता है क्योंकि इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar]3d5 है।
प्रश्न 22. प्रथम संक्रमण श्रेणी के ऑक्सो-धातुऋणायनों के नाम लिखिए; जिसमें धातु संक्रमण श्रेणी की वर्ग संख्या के बराबर ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करती है।
उत्तर⇒ (i) डाइक्रोमेट आयन (Cr2O7-2) और क्रोमेट आयन CrO4-2 में Cr की ऑक्सीकरण अवस्था (VI) है तथा इसका वर्ग संख्या 6 है।
(ii) MnO4- अनुचुंबकीय आयन है यहाँ Mn की ऑक्सीकरण अवस्था VII है और इसकी वर्ग संख्या 7 है।
(ii) वन्डेट VO4- में V की ऑक्सीकरण अवस्था +5 है, वर्ग संख्या भी 5 है।
प्रश्न 23. संक्रमण धातुओं के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किस प्रकार असंक्रमण तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से भिन्न हैं ?
उत्तर⇒ सक्रमण तत्वों में d- उपकक्षक आंशिक रूप से भरा होता है अर्थात् (n-1)1-10 ns0-2 है जबकि असंक्रमण तत्वों में कोई d-उपकक्षक नहीं होता है या d-उपकक्षक पूर्ण भरा होता है। s-ब्लॉक तत्वों में d-उपकक्षक रिक्त होता है। p-ब्लॉक तत्वों में d-उपकक्षक में दस इलेक्ट्रॉन होते हैं। असंक्रमण तत्व का इलेक्ट्रॉन विन्यास ns1-2 या ns2np1-6 होता है।
प्रश्न 24. लैन्थोनॉयडों द्वारा कौन-कौन सी ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित की जाती है ?
उत्तर⇒ सभी लैन्थेनॉयड के लिए स्थायी ऑक्सीकरण अवस्था +3 है। +3 ऑक्सीकरण अवस्था के अलावा +2 और +4 भी है।
प्रश्न 25. निम्नलिखित में कौन से आयन जलीय विलयन में रंगीन होंगे ?
Ti3+,V3+ ,Cu+ ,Sc3+ ,Mn2+ ,Fe3+ तथा Co2+ प्रत्येक के लिए कारण बताइए।
उत्तर⇒ Cu+ ,Sc3+ आयन सफेद हैं क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d103d0 है। दूसरे आयन रंगीन हैं, क्योंकि उनके इलेक्ट्रॉन न्यास में d-उपकक्षक आंशिक रूप से भरे हैं।