बिहार बोर्ड कक्षा 12वी - हिंदी - गद्य खंड अध्याय 2: उसने कहा था के लघु - उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: ‘उसने कहा था’ कहानी में किसने, किससे क्या कहा था ?
उत्तर: उसने कहा था’ कहानी में सुबेदारनी ने लहना सिंह से कहा कि जिस तरह उस समय उसने एक बार घोड़े की लातों से उसकी रक्षा की थी उसी प्रकार उसके पति और एकमात्र पुत्र की भी वह रक्षा करें। वह उसके आगे अपना आँचल पसार कर भिक्षा माँगती है। यह बात लहना सिंह के मर्म को छू जाती है।
प्रश्न 2: कहानी का शीर्षक ‘उसने कहा था’ सबसे सटीक शीर्षक है। अगर हां तो क्या आप इसके लिए कोई दूसरा शीर्षक सुझाना चाहेंगे। अपना पक्ष रखें।
उत्तर: जहाँ तक कहानी के शीर्षक का सवाल है उसकी उपयुक्तता स्पष्ट है-उसने कहा था। सूबेदारनी की बातें जहाँ स्वयं सूबेदारनी के चरित्र को उजागर करती है वहीं लहनासिंह के चरित्र में भी महत्त्वपूर्ण मोड़ लानेवाली साबित होती है। सूबेदारनी की बातें ही उनके बीच के संबंधों को भी उजागर करती हैं जो कहानी का मुख्य प्रतिपाद्य है। इसलिए सूबेदारनी के कहे वचन की ओर संकेत कराने वाला यह शीर्षक सटीक है। मृत्यु की ओर बढ़ते लहनासिंह के अंतिम क्षणों में भी सूबेदारनी के कहे शब्द ही गूंजते रहते हैं। यही शब्द लहनासिंह को । सूबेदारनी का विश्वास बनकर महान त्याग की प्रेरणा देता है।
प्रश्न 3: ‘उसने कहा था’ कहानी का केन्द्रीय भाव क्या है ? वर्णन करें।
उत्तर: ‘उसने कहा था’ प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में लिखी गयी कहानी है। गुलेरीजी ने लहनासिंह और सबेदारनी के माध्यम से मानवीय संबंधों का नया रूप प्रस्तुत किया है। लहना सिंह सूबेदारनी के अपने प्रति विश्वास से अभिभूत होता है, क्योंकि उस विश्वास की नींव में बचपन के संबंध है। सबेदारनी का विश्वास ही लहनासिंह को उस महान त्याग की प्रेरण देता है।
कहानी एक और स्तर पर अपने को व्यक्त करती है। प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर यह एक अर्थ में युद्ध-विरोधी कहानी भी है। क्योंकि लहनासिंह के बलिदान का उचित सम्मान किया जाना चाहिए था परन्तु उसका बलिदान व्यर्थ हो जाता है और लहनासिंह का करुण अंत
युद्ध के विरुद्ध में खड़ा हो जाता है। लहनासिंह का कोई सपना पूरा नहीं होता।
प्रश्न 4: लहना सिंह के प्रेम के बारे में लिखिए।
उत्तर: लहना सिंह अपनी किशोरावस्था में एक अंजान लड़की के प्रति आशक्त हुआ था किंतु वह उससे प्रणय सूत्र में नहीं बँध सका। कालांतर में उस लड़की का विवाह सेना में कार्यरत एक सूबेदार से हो गया। लहना सिंह भी सेना में भर्ती हो गया। अचानक अनेक वर्षों के बाद उसे ज्ञात हुआ कि सूबेदारिन ही वह लड़की है जिससे उसने कभी प्रेम किया था। सूबेदारिन ने उससे निवेदन किया कि वह उसके पति सेना में भर्ती व एकमात्र पुत्र बोधा सिंह की रक्षा करेगा। लहना ने कहा था कि उस वचन को निभाएगा और अपने प्राणों का बलिदान कर उसने अपनी प्रतिज्ञा का पालन किया। यही उसका वास्तविक प्रेम था।
प्रश्न 5: ‘उसने कहा था’ कहानी कितने भागों में बँटी हुई है ? कहानी के कितने भागों में युद्ध का वर्णन है ?
उत्तर: ‘उसने कहा था’ कहानी पाँच भागों में बँटी हुई है। इस पूरी कहानी में तीन भागों में युद्ध का वर्णन है। द्वितीय, तृतीय तथा चतुर्थ भाग में युद्ध के दृश्य हैं।
प्रश्न 6: कहानी के पात्रों की एक सूची तैयार करें।
उत्तर: कहानी का मुख्य पात्र लहना सिंह है जिसके इर्द-गिर्द कहानी के घटनाक्रम घूम रहे हैं। उसके अतिरिक्त अन्य पात्र निम्नलिखित हैं –
1. एक बालिका – जिसकी भेंट कभी किशोरावस्था में लहना सिंह से हुई थी तथा कालान्तर में उसका विवाह सूबेदार हजारा सिंह के साथ हुआ।
2. लहना सिंह – कहानी का मुख्य पात्र।
3. हजारा सिंह – सूबेदार।
4. बोधा सिंह – हजारा सिंह का पुत्र।
5. लपटन साहब – सेना का एक उच्च अधिकारी।
6. वजीरा सिंह – एक सैनिक।
प्रश्न 7: “जाड़ा क्या है, मौत है और निमोनिया से मरनेवालों को मुरब्बे नहीं मिला करते।” वजीरा सिंह के इस कथन का क्या आशय है ?
उत्तर: वजीरा सिंह जो पलटन का विदूषक है लहना सिंह को कहता है कि अपने स्वास्थ्य की रक्षा करो। जाड़ा की ठंढ मौत का कारण बन सकती है। मरने के बाद तुम्हें कुछ प्राप्त होने वाला नहीं है। यदि निमोनिया से तुम्हारी मृत्यु हो जाती है तो तुम्हें कोई मुरब्बा अथवा अन्य स्वादिष्ट वस्तुएँ नहीं मिलेंगी। जीवन का सुख फिर नहीं मिलेगा। साथ ही तुम अपने अस्तित्व को इस प्रकार समाप्त कर दोगे, अर्थात् मृत्यु ही अन्तिम सच्चाई है।
प्रश्न 8: “कहती है, तुम राजा हो, मेरे मुल्क को बचाने आए हो।” वजीरा के इस कथन में किसकी ओर संकेत है ?
उत्तर: यह कथन उस देश (सम्भवतः फ्रांस) की एक महिला का है। उसके बंगले के बगीचे में जब वजीरा सिंह अथवा उसके अन्य साथी जाते हैं तो वहाँ की मालकिन उक्त महिला इन लोगों को फल, दूध तथा अन्य भोज्य पदार्थ बहुत प्रसन्न होकर देती है तथा उसके लिए उनसे पैसे नहीं लेती है। उसे इस बात की प्रसन्नता है कि उक्त सैनिक इसके देश को जर्मन हमलावरों से रक्षा करने के लिए आए हुए हैं। अतः वह उन सैनिकों को अपना रक्षक मानकर उनका स्वागत-सत्कार करने को तत्पर रहती है।
प्रश्न 9: “कहती है, तुम राजा हो, मेरे मुल्क को बचाने आए हो।” वजीरा के इस कथन में किसकी ओर संकेत है ?
उत्तर: यह कथन उस देश (सम्भवतः फ्रांस) की एक महिला का है। उसके बंगले के बगीचे में जब वजीरा सिंह अथवा उसके अन्य साथी जाते हैं तो वहाँ की मालकिन उक्त महिला इन लोगों को फल, दूध तथा अन्य भोज्य पदार्थ बहुत प्रसन्न होकर देती है तथा उसके लिए उनसे पैसे नहीं लेती है। उसे इस बात की प्रसन्नता है कि उक्त सैनिक इसके देश को जर्मन हमलावरों से रक्षा करने के लिए आए हुए हैं। अतः वह उन सैनिकों को अपना रक्षक मानकर उनका स्वागत-सत्कार करने को तत्पर रहती है।
प्रश्न 10: लहना के गाँव में आया तुर्की मौलवी क्या कहता है ?
उत्तर: लहना के गाँव में एक तुर्की मौलवी पहुँचकर वहाँ के लोगों को प्रलोभित करता है। वह उनलोगों को मीठी-मीठी बातों से भुलावे में डालने का प्रयास करता है। वह गाँववालों को कहता है कि जब जर्मन शासन आएगा तो तुमलोगों के सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। तुमलोग सुख-चैन की वंशी बजाओगे। तुम्हारी सारी आवश्यकताएँ पूरी हो जाएँगी।