बिहार बोर्ड कक्षा 12वी - हिंदी - खंड अध्याय 2: पद - सूरदास के लघु - उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: प्रथम पद में किस रस की व्यंजना हुई है?
उत्तर: सूरदास रचित “प्रथम पद” में वात्सल्य रस की व्यंजना हुई है। वात्सल्य रस के पदों की विशेषता यह है कि पाठक जीवन की नीरस और जटिल समस्याओं को भूलकर उनमें तन्मय और विभोर हो उठता है। प्रथम पद में दुलार भरे कोमल-मधुर स्वर में सोए हुए बालक कृष्ण को भोर होने की सूचना देते हुए जगाया जा रहा है।
प्रश्न 2: प्रथम पद का भावार्थ अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर: प्रथम पद में विषय, वस्तु चयन, चित्रण, भाषा-शैली व संगीत आदि गुणों का प्रकर्ष दिखाई पड़ता है। इस पद में दुलार भरे कोमल स्वर में सोए हुए बालक कृष्ण को भोर होने की बात कहते हुए जगाया जा रहा है। कृष्ण को भोर होने के विभिन्न संकेतों जैसे-कमल के फूलों का खिलना, मुर्ग का बांग देना, पक्षियों का चहचहाना, गऊओं का रंभाना, चन्द्रमा का मलिन होना, रवि का प्रकाशित होना आदि के बारे में बताया जा रहा है। इन सबके माध्यम से कृष्ण को जगाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रश्न 3: गायें किस ओर दौड़ पड़ी?
उत्तर: भोर हो गयी है, दुलार भरे कोमल मधुर स्वर में सोए हुए बालक कृष्ण को भोर होने का संकेत देते हुए जगाया जा रहा है। प्रथम पद में भोर होने के संकेत दिए गए हैं-कमल के फूल खिल उठे है, पक्षीगण शोर मचा रहे हैं, गायें अपनी गौशालाओं से अपने-अपने बछड़ों की ओर दूध पिलाने हेतु दौड़ पड़ी।
प्रश्न 4: पठित पदों के आधार पर सूर के वात्सल्य वर्णन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: महाकवि सूर को बाल-प्रकृति तथा बाल-सुलभ अंतरवृत्तियों के चित्रण की दृष्टि से विश्व साहित्य में बेजोड़ स्वीकार किया गया है। उनके वात्सल्य वर्णन की विद्वानों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है।लाल भगवानदीन लिखते हैं, “सूरदास जी ने बाल-चरित्र का वर्णन में कमाल कर दिया है, यहाँ तक कि हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कवि गोस्वामी तुलसीदास जी भी इस विषय में इनकी समता नहीं कर सके हैं। हमें संदेह है कि बालकों की प्रकृति का जितना स्वाभाविक वर्णन सूर ने किया है, उतना किसी अन्य भाषा के कवि ने किया है अथवा नहीं।”
प्रश्न 5: गायें किस ओर दौड़ पड़ीं ?
उत्तर: गायें अपने-अपने बछड़ों की तरफ दौड़ पड़ी क्योंकि प्रथम पद में बालक कृष्ण को भोर में जगाने और माता यशोदा की प्रेम को दर्शाया गया है और वात्सल्य रस की व्यंजना हुई है।
प्रश्न 6: प्रथम पद का भावार्थ अपने शब्दों में लिखें ।
उत्तर: प्रस्तुत पद हमारे पाठ्य दिगंत भाग 2 के पद से ली गई है। इसके कवि सूरदास हैं। वे प्रथम पद के द्वारा हमें बताते हैं कि माता यशोदा सोए हुए कृष्ण को कैसे जगाती हैं। श्री कृष्ण जागिए, भोर हो गई है। कमल के फूल खिल गये हैं और कुमुद के फूलों ने अपनी पंखुड़ियों को संकुचित कर लिया है। भौंरे लताओं में छिप गए हैं। मुर्गा और पक्षियों की आवाज सुनाई दे रही है। पेड़-पौधे भी आपको आवाज दे रहे हैं, आपको बुला रहे हैं। गौशाला में गाय भी आवाज दे रही हैं और अपने बछड़े को दूध पिलाने के लिए उनकी ओर जाने के लिए दौड़ पड़ी है। चंद्रमा का प्रकाश हटने लगा है और सूर्य का प्रकाश चारों दिशाओं में फैलने लगा है। सभी नर-नारी भजन गा रहे हैं। हे कृष्ण अब उठ जाईए, अब तो कमल भी पूरी तरह खिल गया है।
प्रश्न 7: पठित पदों के आधार पर सूर के वात्सल्य वर्णन की विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर: सूरदास द्वारा लिखे ये दोनों पद वात्सल्य भाव में रचित है। सूरदास द्वारा लिखा पहला पद माता यशोदा और बाल कृष्ण के प्रेम और जागरण गीत है। जिसमें माता यशोदा कृष्ण को भोर के समय उठा रही है और उठाने के लिए बहुत से कारण दे रही हैं। बालकृष्ण के पूछने से पहले ही मां यशोदा कृष्ण को भोर होने और सभी प्राणियों द्वारा होने वाले कार्यों की सूचना देती हैं।
प्रश्न 8: काव्य सौंदर्य स्पष्ट करें –
(क) कछुक खात कछु धरनि गिरावत छवि निरखति नंद-रनियाँ ।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह सूरदास के विश्वप्रसिद्ध कृति सुरसागर से संकलित हैं। इस पंक्ति कवि कहते की, वह कुछ खा रहे हैं और कुछ धरती पर गिरा रहे हैं माता यशोदा प्रेम पूर्वक उनके मुख को देख रही हl
(ख) भोजन करि नंद अचमन लीन्है माँगत सूर जुठनियाँ ।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह सूरदास के विश्वप्रसिद्ध कृति सुरसागर से संकलित हैं। इस पंक्ति कवि कहते की, इस समय जो खुशी नंद बाबा और माता यशोदा को हो रही है वो खुशी तीनो लोक में कहीं भी नहीं है। भोजन कराने के बाद नंद बाबा कुल्ला करते हैं कवि सूरदास बालक श्री कृष्ण का जूठा मानते हैं जिससे पाकर वे स्वयं को धन्य समझते हैं।
प्रश्न 9: कृष्ण खाते समय क्या-क्या करते हैं ?
उत्तर: कृष्ण नंदबाबा के गोद में बैठे हैं और भोजन कर रहे हैं। वे कुछ भोजन को खाते हैं और अधिक धरती पर गिराते हैं। उनके सामने बहुत से व्यंजन रखे हुए हैं लेकिन उन्हें दही और माखन ही बहुत प्रिय है। वे जब अपने हाथों से मिश्री दही और माखन को अपने मुंह में डालते हैं। वह दृश्य बहुत सुंदर और अनोखा है। वे स्वयं भी खाते हैं और नंदबाबा को भी अपने हाथों से खिलाते हैं।
प्रश्न 10: प्रथम पद में किस रस की व्यंजना हुई है ?
उत्तर: सूरदास रचित ‘प्रथम पद’ में वात्सल्य रस की व्यंजना हुई है। वात्सल्य पदों की विशेषता यह है कि पाठक जीवन की नीरस और जटिल समस्याओं को भूलकर उन तन्मय और विभोर हो उठता है। प्रथम पद में दुलार भरे कोमल-मधुर स्वर में सोए हए बाल कृष्ण को भोर होने की सूचना देते हुए जगाया जा रहा है।