बिहार बोर्ड कक्षा 12वी - हिंदी - खंड अध्याय 7: पुत्र वियोग की NCERT की किताब
बिहार बोर्ड कक्षा 12 की हिंदी कविता खंड का चैप्टर 7 "पुत्र वियोग" छात्रों को एक दुखद मां के बेटे की अपमृत्यु के दर्दनाक और सुंदर चित्रण के माध्यम से प्रस्तुत करता है, जिसका रचना सुभद्रा कुमारी चौहान ने किया है। इस कविता में मातृभावनाओं, प्रेम, और दुख के भावों का अत्यधिक अभिव्यक्ति मिलता है।
मुख्य विषय:
- मातृशोक: कविता "पुत्र वियोग" एक माता के पुत्र के अचानक निधन के प्रति उसकी व्यथा और दुख को प्रकट करती है। कवयित्री कहती है कि चारों ओर खुशियाँ हैं, लेकिन उसके लिए खुशियाँ अब खो चुकी हैं, क्योंकि उसका पुत्र अब नहीं है।
- मातृभावनाएँ: सुभद्रा कुमारी चौहान के इस काव्य के माध्यम से मातृभावनाओं का महत्वपूर्ण भूमिका है। कविता में मां के प्रति प्रेम, दु:ख, और उनके बेटे के निधन से उत्पन्न होने वाली भावनाओं का विवरण दिया गया है।
- दुख और व्यथा: कविता में दुख और व्यथा का गहरा अनुभव किया गया है। माता की आंखों में अपने पुत्र के निधन की व्यथा का वर्णन बड़े सुंदरता से किया गया है।
- राष्ट्रप्रेम: कविता में न केवल मां के पुत्र के प्रति प्रेम का वर्णन किया गया है, बल्कि यह एक भारतीय मां की भावना को भी प्रकट करती है जो अपने पुत्र के लिए राष्ट्रप्रेम में डूबी हुई है।
- भावनात्मक शृंगार: कविता में एक भावनात्मक शृंगार भी है, जो मां के पुत्र के साथ बिताए वक्त की यादों को बयां करता है।
- उपमा पूरी कविता संचयन: इस चैप्टर में, "पुत्र वियोग" कविता का पूरा संचयन दिया गया है, जिससे छात्रों को विशेष रूप से कविता की मुख्य भावना और व्यक्ति के दर्द का सही समझाया जा सकता है।
इसके अलावा, यह कविता छात्रों को मातृप्रेम, भारतीय संस्कृति, और भाषा के महत्व को समझाती है।