UP बोर्ड कक्षा 12 वी जीव विज्ञान - अध्याय 1: जीवो में जनन के Handwritten नोट्स
जीवों में अपनी प्रजाति को बनाए रखने के लिए नए जीवों का निर्माण करने की प्रक्रिया को जनन कहते हैं। यह प्रक्रिया जीवों में जीवन की निरंतरता और विकास के लिए आवश्यक है।
मुख्य बिंदु
जनन के प्रकार
अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
- केवल एक माता-पिता शामिल होता है।
- संतान पूरी तरह माता-पिता के समान होती है।
- यह प्रक्रिया तेज और सरल होती है।
- मुख्य रूप:
- विभाजन (Binary Fission): जैसे, अमीबा।
- कलिकाजन (Budding): जैसे, हाइड्रा।
लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)
- इसमें नर और मादा दोनों का योगदान होता है।
- संतान माता-पिता के गुणों का मिश्रण होती है।
- मुख्य चरण:
- गैमेट निर्माण: नर और मादा जनन कोशिकाओं (गैमेट्स) का निर्माण।
- निषेचन: नर और मादा गैमेट्स का मिलन।
- भ्रूण विकास: निषेचित अंडाणु से नए जीव का विकास।
अलैंगिक जनन की विशेषताएँ
- सरल और तेज प्रक्रिया।
- ऊर्जा की कम आवश्यकता।
- प्रजाति में विविधता नहीं लाता।
लैंगिक जनन की विशेषताएँ
- जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया।
- प्रजाति में विविधता लाता है।
- नए जीव पर्यावरणीय चुनौतियों के प्रति अधिक अनुकूल होते हैं।
जनन का महत्व
- प्रजाति की निरंतरता बनाए रखना।
- जीवन चक्र का स्थायित्व।
- जैव विविधता में वृद्धि।
निष्कर्ष
जनन सभी जीवों के लिए एक महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया है, जो न केवल उनकी प्रजाति को बनाए रखने में सहायक होती है, बल्कि पृथ्वी पर जैव विविधता को भी बढ़ावा देती है। यह प्रक्रिया जीवन की निरंतरता सुनिश्चित करती है और जीवों को बदलते पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करने में मदद करती है।
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