UP बोर्ड रसायन विज्ञान - अध्याय 10: हैलोएल्केन तथा हैलोएरीन के Handwritten नोट्स
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UP बोर्ड कक्षा 12 वी रसायन विज्ञान - अध्याय 10: हैलोएल्केन तथा हैलोएरीन के Handwritten नोट्स

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  • हैलोएल्केन (Haloalkanes): हैलोएल्केन वे यौगिक होते हैं जिनमें एक या अधिक हाइड्रोजन परमाणु के स्थान पर हलोजन तत्व (जैसे क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन या फ्लोरीन) जुड़े होते हैं। इन्हें अल्काइल हलाइड भी कहा जाता है।

  • हैलोएरीन (Haloarenes): हैलोएरीन वे यौगिक होते हैं जिनमें एक या अधिक हलोजन (Cl, Br, I, F) तत्व एक बेंजीन रिंग से जुड़े होते हैं। ये बेंजीन रिंग वाले हैलोएल्केन होते हैं।

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मुख्य बिंदु (Key Points):

  1. हैलोएल्केन (Haloalkanes):

    • इन यौगिकों में एक हाइड्रोजन परमाणु की जगह हलोजन (जैसे Cl, Br, F, I) ने लिया होता है।
    • उदाहरण: मीथाइल क्लोराइड (CH₃Cl), एथाइल ब्रोमाइड (C₂H₅Br)।
    • हैलोएल्केन की रासायनिक विशेषताएँ हलोजन परमाणु के कारण बदल जाती हैं, जैसे ये यौगिक अधिक प्रतिक्रियाशील होते हैं।
  2. हैलोएरीन (Haloarenes):

    • इन यौगिकों में हलोजन बेंजीन रिंग से जुड़ा होता है।
    • उदाहरण: क्लोरोबेंजीन (C₆H₅Cl), ब्रोमोबेंजीन (C₆H₅Br)।
    • हैलोएरीन की विशेषताएँ हलोजन की स्थिति और बेंजीन रिंग के प्रभाव से प्रभावित होती हैं, जिससे ये यौगिक विशेष प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं।
  3. सामान्य विशेषताएँ:

    • दोनों प्रकार के यौगिक (हैलोएल्केन और हैलोएरीन) रासायनिक दृष्टिकोण से अक्रियाशील नहीं होते हैं, लेकिन हलोजन की उपस्थिति इनकी प्रतिक्रियाशीलता को प्रभावित करती है।
    • ये यौगिक जल में हलचल नहीं करते, लेकिन ऑर्गेनिक सॉल्वेंट्स में घुल सकते हैं।
  4. निर्माण प्रक्रिया:

    • हैलोएल्केन: इनकी निर्माण प्रक्रिया में अल्केन्स और हलोजन के बीच प्रतिक्रिया की जाती है। जैसे कि हलोजन का अल्केन से प्रतिक्रिया करना।
    • हैलोएरीन: बेंजीन रिंग के साथ हलोजन की रियेक्शन के द्वारा हैलोएरीन बनते हैं।
  5. उपयोग:

    • हैलोएल्केन: दवाइयों, कीटनाशकों, और ध्वनि और वीडियो उपकरणों में उपयोग होते हैं।
    • हैलोएरीन: औद्योगिक प्रक्रियाओं में और विभिन्न रासायनिक संश्लेषण में उपयोग होते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

हैलोएल्केन और हैलोएरीन रासायनिक यौगिक हैं जो विभिन्न औद्योगिक और रासायनिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन यौगिकों की संरचना में हलोजन तत्वों का समावेश इन्हें विभिन्न प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए उपयुक्त बनाता है, और इनका उपयोग दवाइयों, कीटनाशकों, रंगों, और अन्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता है। इन यौगिकों के अध्ययन से हम रासायनिक प्रतिक्रियाओं और उनके अनुप्रयोगों को बेहतर समझ सकते हैं।

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