UP बोर्ड कक्षा 12 वी रसायन विज्ञान - अध्याय 12: एल्डिहाइड, कीटोन एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल के Handwritten नोट्स
एल्डिहाइड (Aldehydes):
- एल्डिहाइड वे यौगिक होते हैं जिनमें एक कार्बन परमाणु एक डबल बॉन्ड के साथ ऑक्सीजन के साथ जुड़ा होता है और दूसरा बंधन हाइड्रोजन या अन्य तत्व के साथ जुड़ा होता है।
- सामान्य संरचना: R-CHO (यहाँ R एक अल्काइल समूह या हाइड्रोजन हो सकता है)।
- उदाहरण: एथनल (CH₃CHO), ब्यूटानल (C₄H₉CHO)।
कीटोन (Ketones):
- कीटोन वे यौगिक होते हैं जिनमें एक कार्बन परमाणु दो अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है और एक डबल बॉन्ड के साथ ऑक्सीजन के साथ जुड़ा होता है।
- सामान्य संरचना: R-CO-R' (यहाँ R और R' अल्काइल या एरेन समूह होते हैं)।
- उदाहरण: एसीटोन (CH₃COCH₃), ब्यूटोन (C₄H₈O)।
कार्बोक्सिलिक अम्ल (Carboxylic Acids):
- कार्बोक्सिलिक अम्ल वे यौगिक होते हैं जिनमें एक कार्बोक्सिल समूह (-COOH) होता है, जो एक कार्बन परमाणु से जुड़ा होता है जो ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के साथ जुड़ा होता है।
- सामान्य संरचना: R-COOH।
- उदाहरण: एसीटिक अम्ल (CH₃COOH), बेंजोइक अम्ल (C₆H₅COOH)।
मुख्य बिंदु (Key Points):
एल्डिहाइड (Aldehydes):
- एल्डिहाइड में एक हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु के साथ जुड़ा हुआ कार्बन होता है।
- ये यौगिक सामान्यतः कम उबाल बिंदु वाले होते हैं और अधिक प्रतिक्रियाशील होते हैं।
- उदाहरण: एथनल का उपयोग शराब उद्योग में होता है और यह रासायनिक संश्लेषण में भी उपयोग होता है।
कीटोन (Ketones):
- कीटोन में एक कार्बन-ऑक्सीजन डबल बॉन्ड होता है, लेकिन इसमें हाइड्रोजन की अनुपस्थिति होती है।
- ये यौगिक स्थिर होते हैं और अच्छे सॉल्वेंट होते हैं, क्योंकि इनमें अच्छे घुलनशीलता गुण होते हैं।
- उदाहरण: एसीटोन एक सामान्य सॉल्वेंट है, जिसका उपयोग पेंट रिमूवर्स और नाखून पॉलिश रिमूवर के रूप में किया जाता है।
कार्बोक्सिलिक अम्ल (Carboxylic Acids):
- इन यौगिकों में कार्बोक्सिल समूह (-COOH) होता है, जो इन्हें अम्लीय गुण प्रदान करता है।
- ये यौगिक मजबूत अम्ल होते हैं और पानी में अच्छी तरह से घुलते हैं।
- उदाहरण: एसीटिक अम्ल का उपयोग भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है और बेंजोइक अम्ल का उपयोग संरक्षक के रूप में किया जाता है।
रासायनिक गुण:
- एल्डिहाइड: एल्डिहाइड की ऑक्सीकरण से कीटोन और कार्बोक्सिलिक अम्ल बन सकते हैं।
- कीटोन: कीटोन अधिक स्थिर होते हैं और इनमें ऑक्सीकरण के मुकाबले कम प्रतिक्रियाएँ होती हैं।
- कार्बोक्सिलिक अम्ल: इन अम्लों में एसिडिक गुण होते हैं और ये वॉटर में आसानी से घुलते हैं, जिससे वे जल के साथ प्रतिक्रिया करके आयनित होते हैं।
उपयोग:
- एल्डिहाइड: इनका उपयोग रसायन उद्योग में और फॉर्मल्डिहाइड का उपयोग जीवाणुनाशक के रूप में किया जाता है।
- कीटोन: ये सॉल्वेंट्स के रूप में प्रयोग होते हैं और रासायनिक संश्लेषण में इनका महत्वपूर्ण स्थान होता है।
- कार्बोक्सिलिक अम्ल: इनका उपयोग खाद्य पदार्थों, दवाओं और संरक्षक के रूप में किया जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
एल्डिहाइड, कीटोन और कार्बोक्सिलिक अम्ल कार्बनिक रसायन के महत्वपूर्ण यौगिक हैं, जो रासायनिक और औद्योगिक प्रक्रियाओं में अत्यधिक उपयोगी हैं। इन यौगिकों का अध्ययन उनके रासायनिक गुणों और उपयोगों को समझने में मदद करता है, जो औद्योगिक उत्पादन, दवाइयाँ, और रासायनिक संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन यौगिकों के माध्यम से हम रासायनिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और उनका उपयोग विभिन्न उद्योगों में कर सकते हैं।
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