UP बोर्ड रसायन विज्ञान - अध्याय 15: बहुलक के Handwritten नोट्स
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UP बोर्ड कक्षा 12 वी रसायन विज्ञान - अध्याय 15: बहुलक के Handwritten नोट्स

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बहुलक वे बड़े अणु होते हैं जो छोटे-छोटे यौगिकों (मोनोमर्स) के जुड़ने से बनते हैं। ये अणु अपनी संरचना में दो या दो से अधिक घटक इकाइयों (मोनोमर्स) से बने होते हैं, जो रासायनिक रूप से जुड़ी होती हैं। बहुलक की संरचना और गुण उनके निर्माण में शामिल मोनोमर्स पर निर्भर करते हैं। बहुलक के उदाहरण में प्लास्टिक, रेजिन, और प्राकृतिक पदार्थ जैसे प्रोटीन, डीएनए, और शर्करा शामिल हैं।

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मुख्य बिंदु (Key Points):

  1. बहुलक का निर्माण (Polymerization Process):

    • एडिशन पॉलिमेराइजेशन (Addition Polymerization): इस प्रक्रिया में मोनोमर्स (जैसे अल्केन्स) के बीच कोई उपोत्पाद नहीं बनता, और मोनोमर्स एक साथ जुड़कर एक लंबा बहुलक अणु बनाते हैं। उदाहरण: पॉलीएथिलीन (PE), पॉलीप्रोपाइलीन (PP)।
    • कंडेन्सेशन पॉलिमेराइजेशन (Condensation Polymerization): इस प्रक्रिया में मोनोमर्स के बीच एक रासायनिक प्रतिक्रिया होती है, जिसमें एक उपोत्पाद (जैसे पानी) निकलता है। उदाहरण: नायलॉन, पॉलियामाइड।
  2. बहुलक के प्रकार (Types of Polymers):

    • प्राकृतिक बहुलक (Natural Polymers): ये प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होते हैं, जैसे कि स्टार्च, सेल्युलोज, प्रोटीन, और डीएनए।
    • कृत्रिम बहुलक (Synthetic Polymers): ये मानव निर्मित होते हैं और औद्योगिक प्रक्रियाओं द्वारा बनाए जाते हैं। उदाहरण: प्लास्टिक (पॉलीथीन), नाइलॉन, पॉलीस्टाइरीन।
  3. बहुलक की विशेषताएँ (Properties of Polymers):

    • बहुलकों की संरचना उनकी भौतिक और रासायनिक गुणों को प्रभावित करती है, जैसे कि उनके लचीलापन, ताकत, गर्मी सहनशीलता, और स्थायित्व।
    • कुछ बहुलक कठोर और ठोस होते हैं (जैसे प्लास्टिक), जबकि कुछ लचीले और खिंचने योग्य होते हैं (जैसे रबर)।
    • बहुलकों की स्थिरता उनके कच्चे माल, निर्माण प्रक्रिया और उपयोग के प्रकार पर निर्भर करती है।
  4. बहुलकों का उपयोग (Applications of Polymers):

    • औद्योगिक उपयोग: बहुलक का उपयोग पैकेजिंग, निर्माण सामग्री, ऑटोमोबाइल उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स, और चिकित्सा उपकरणों में किया जाता है।
    • प्राकृतिक बहुलक: जैसे सेल्युलोज का उपयोग कागज और कपड़ों के निर्माण में, और प्रोटीन का उपयोग जीवों के शरीर में संरचनात्मक और कार्यात्मक तत्वों के रूप में होता है।
    • कृत्रिम बहुलक: जैसे पॉलीथीन का उपयोग प्लास्टिक बैग, बोतलें, और अन्य पैकेजिंग उत्पादों में होता है।
  5. बहुलकों के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages):

    • फायदे: बहुलक हल्के, मजबूत, लचीले, और कई आकारों में उपलब्ध होते हैं। इनका उपयोग कई क्षेत्रों में किया जा सकता है, जिससे उत्पादन लागत कम होती है।
    • नुकसान: कई कृत्रिम बहुलक प्रदूषण का कारण बन सकते हैं, क्योंकि वे प्राकृतिक रूप से खराब नहीं होते। इससे पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

बहुलक एक महत्वपूर्ण वर्ग के रासायनिक यौगिक हैं जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों रूपों में उपलब्ध होते हैं और औद्योगिक, चिकित्सा, और अन्य उपयोगों में अत्यधिक उपयोग किए जाते हैं। बहुलकों के गुणों और विशेषताओं का अध्ययन हमें नए, बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के विकास की दिशा में मार्गदर्शन करता है।

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