UP बोर्ड रसायन विज्ञान - अध्याय 2: विलयन के Handwritten नोट्स
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UP बोर्ड कक्षा 12 वी रसायन विज्ञान - अध्याय 2: विलयन के Handwritten नोट्स

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विलयन एक रासायनिक मिश्रण होता है जिसमें एक पदार्थ (सॉल्यूट) दूसरे पदार्थ (सॉल्वेंट) में पूरी तरह से घुलकर एकसार हो जाता है। सॉल्यूट और सॉल्वेंट दोनों का मिश्रण स्थिर और एक समान होता है, और सॉल्यूट का आकार इतनी छोटी होती है कि उसे मापना या देखना संभव नहीं होता। विलयन का उदाहरण आमतौर पर चीनी या नमक को पानी में घुलते हुए देखा जाता है, जहां चीनी या नमक पूरी तरह से पानी में समाहित हो जाते हैं।

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मुख्य बिंदु (Key Points):

  1. सॉल्यूट और सॉल्वेंट: विलयन में दो मुख्य घटक होते हैं:

    • सॉल्यूट: वह पदार्थ जो विलयन में घुलता है। जैसे चीनी, नमक, या गैसें।
    • सॉल्वेंट: वह पदार्थ जो सॉल्यूट को घुलने में मदद करता है। पानी एक सामान्य सॉल्वेंट है, लेकिन शराब और अन्य तरल भी सॉल्वेंट हो सकते हैं।
  2. विलयन के प्रकार:

    • गैसीय विलयन: इसमें गैस सॉल्यूट के रूप में होती है, जैसे हवा में घुली हुई ऑक्सीजन।
    • तरल विलयन: सबसे सामान्य प्रकार का विलयन, जैसे पानी में घुली हुई चीनी।
    • ठोस विलयन: यह तब होता है जब एक ठोस पदार्थ दूसरे ठोस पदार्थ में घुलता है, जैसे सोना और चांदी का मिश्रण (लिग्युर)।
  3. संतृप्त और असंतृप्त विलयन:

    • संतृप्त विलयन: एक ऐसी स्थिति जहां सॉल्वेंट में सॉल्यूट की अधिकतम मात्रा घुल चुकी होती है। इसे और घुलाने पर सॉल्यूट घुलने में असमर्थ होता है।
    • असंतृप्त विलयन: यह तब होता है जब सॉल्वेंट में सॉल्यूट की मात्रा संतृप्त से कम होती है और और सॉल्यूट घुल सकता है।
  4. विलयन का गाढ़ापन (Concentration): विलयन की गाढ़ाई यह बताती है कि सॉल्यूट की कितनी मात्रा सॉल्वेंट में घुली हुई है। इसका माप प्रतिशत, मोलालिटी, मोलैरिटी आदि द्वारा किया जा सकता है।

  5. विलयन में तापमान और दबाव का प्रभाव: विलयन का गुण तापमान और दबाव पर निर्भर करता है। आमतौर पर तापमान बढ़ने से सॉल्यूट अधिक मात्रा में सॉल्वेंट में घुल सकता है। गैसीय विलयन में, दबाव बढ़ाने से गैसें अधिक घुल सकती हैं।

  6. विलयन का उपयोग: रासायनिक प्रतिक्रियाओं, चिकित्सा क्षेत्र (दवाइयाँ), और खाद्य प्रसंस्करण में विलयन का अत्यधिक महत्व है। इसके अलावा, जलवायु और पर्यावरण विज्ञान में भी विलयन का विश्लेषण किया जाता है।

  7. प्रदूषण और विलयन: विलयन का पर्यावरण में प्रभाव भी पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, प्रदूषक तत्व जैसे रासायनिक अपशिष्ट पानी में घुलकर जल प्रदूषण का कारण बन सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

विलयन का अध्ययन रसायनशास्त्र, भौतिकशास्त्र, जैव रसायन और चिकित्सा में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह हमें मिश्रणों की संरचना और गुणों को समझने में मदद करता है। इसका सही उपयोग जीवन के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, जैसे दवाओं की प्रभावशीलता, प्रदूषण की समझ और प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग।

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